नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के प्रगति मैदान में 14 नवंबर से शुरू हुए 44वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF) 2025 में उत्तराखंड का पवेलियन दर्शकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बन गया है। हॉल नंबर 2, सेकंड फ्लोर पर स्थित यह पवेलियन, उत्तराखंड के पारंपरिक उत्पादों, जैविक खेती और राज्य की नई उद्यमशीलता की एक शानदार झलक पेश कर रहा है।खादी और जैविक उत्पादों की धूम
उत्तराखंड खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, रिभ्भरभ्यू फैक्ट्री, अल्मोड़ा द्वारा प्रदर्शित उच्च गुणवत्ता वाले ऊनी वस्त्र, वूलन उत्तराखंडी टोपी और शॉल दर्शकों को खूब पसंद आ रहे हैं। वहीं खादी ग्राम उद्योग बोर्ड अल्मोड़ा से आए स्टोर इंचार्ज डी एस लटवाल बिजनेस व्यापारियों तथा अन्य आगंतुकों को बोर्ड द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता एवं उपयोगिता के बारे में बखूबी समझा रहे हैं।
वहीं, राज्य के विभिन्न जैविक उत्पादों की भी खूब खरीदारीखादी हो रही है।
मिठाई और स्नैक्स: पारंपरिक बाल मिठाई, चॉकलेट और सिंगोड़ी दर्शक स्टॉल पर चाव से खा रहे हैं और डिब्बे पैक करवा रहे हैं।
शुद्ध देसी घी की भारी मांग: चंपावत से आए सुभाष तिवारी द्बारा तिवारी स्वीट्स स्टॉल पर गाय के शुद्ध देसी घी की जबरदस्त बिक्री हो रही है। स्टॉल संचालकों ने बताया कि जो ग्राहक एक बार 1 किलो घी ले जा रहा है, वह एक-दो दिन बाद दोबारा 5-10 किलो खरीदने के लिए आ रहा है, जो इसकी शुद्धता और गुणवत्ता का प्रमाण है।
ताज़ी सब्जियां और ऑर्गेनिक उत्पाद: दून अर्बन फार्मर इंस्टॉल से मनीष बिष्ट और गोपाल ताज़ी फल-सब्जियां और ऑर्गेनिक उत्पाद काफी किफायती दामों पर उपलब्ध करा रहे हैं। संजीव बिष्ट (उत्तरांचल कृषक) भी अपने ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बेच रहे हैं।
रिवर्स माइग्रेशन का मॉडल: भांग के बीज आधारित उत्पाद
पवेलियन में सबसे खास आकर्षण उत्तराखंड स्टार्ट-अप के स्टॉल पर अल्मोड़ा जिले के मूल निवासी उद्यमी परिवर्धन के भांग के बीजों से बने उत्पाद हैं। दिल्ली से इंजीनियरिंग और डिजाइन में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, परिवर्धन अपने गांव में उद्यमिता का प्रयोग कर रहे हैं।
भांग नीति और ‘न्यौली’ कंपनी
परिवर्धन ने बताया कि 2016 में उत्तराखंड सरकार द्वारा भांग नीति की घोषणा ने उन्हें प्रेरित किया। उत्तराखंड भांग को व्यवसाय की सूची में शामिल करने वाला देश का पहला राज्य बना। शुरुआती ‘सोशल स्टिग्मा’ के बावजूद, उन्होंने नीति को समझा और जोखिम उठाने का फैसला किया।
विकास और सहयोग: भांग के बीजों से तेल निकालने के कठिन कार्य के लिए उन्होंने शोध और निवेश किया। इसके बाद IIM काशीपुर से प्रशिक्षण लिया और भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने उनकी कंपनी ‘न्यौली’ स्थापित करने में सहयोग और फंडिंग प्रदान की।
औषधीय गुणों की जागरूकता
परिवर्धन के अनुसार, लगातार तीसरी बार ट्रेड फेयर में भाग लेने के बाद अब ग्राहक भांग को नशे से न जोड़कर, इसके औषधीय गुणों को समझने लगे हैं।
“भांग के बीजों का तेल जोड़ों के दर्द में लाभकारी है, दिल के मरीजों को ओमेगा फैटी एसिड प्रदान करता है, और कई प्रकार के त्वचा रोगों में भी राहत देता है।”
पर्यटन और संस्कृति पर फोकस
उत्तराखंड टूरिज्म बोर्ड भी पवेलियन में सक्रिय है। वे आगंतुकों को राज्य में स्पोर्ट्स, एडवेंचर और विभिन्न टूरिज्म अट्रैक्शंस पॉइंट्स की जानकारी दे रहे हैं।
कॉफी टेबल बुकलेट: इस बार बोर्ड ने सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उत्तराखंड की झलकियां पेश करते हुए एक खूबसूरत कॉफी टेबल बुकलेट तैयार की है, जो आगंतुकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है।
मुख्यमंत्री होंगे मुख्य अतिथि, मेले में उत्तराखंड दिवस समारोह का आयोजन 23 नवंबर को शाम 6:30 बजे से 7:00 बजे तक किया जाएगा। इस समारोह में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
यह पवेलियन ‘लोकल फॉर वोकल’ की भावना को मजबूत करते हुए, उत्तराखंड के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने और रिवर्स माइग्रेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।