आईपीएस पूरन कुमार और एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्याएं साज़िश का हिस्सा लगती हैं”-डॉ. उदित राज, पूर्व सांसद
Amar sandesh नई दिल्ली,।आज नई दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने कहा कि आईपीएस पूरन कुमार की आत्महत्या के बाद एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या भी एक साज़िश का रूप लगती है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कभी खुदकुशी का बदला खुदकुशी से लिया गया है?
डॉ. उदित राज ने कहा कि संदीप लाठर जींद के निवासी थे और कभी-कभार अपने रिश्तेदारों से मिलने आते थे, जो भाजपा से जुड़े हुए हैं। लाठर की खुदकुशी नोट में भाजपा सरकार, डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र विजारनिया की प्रशंसा के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि “खुद को भगत सिंह की श्रेणी में रखने वाला व्यक्ति अचानक कैसे डरपोक बन गया और जान दे दी?”
डॉ. उदित राज ने आरोप लगाया कि अगर लाठर में ईमानदारी का अंश भी होता, तो वह जिंदा रहकर पूरन कुमार के खिलाफ साक्ष्य देते। लेकिन यहां ऐसा लगता है कि भाजपा और भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने के लिए यह आत्महत्या रची गई, ताकि कोई साक्ष्य न बचे। उन्होंने कहा कि “एक तीर से कई निशाने साधे गए और उल्टा पीड़िता के ऊपर ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया।”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि संदीप लाठर ने खुदकुशी के लिए रोहतक स्थान ही क्यों चुना, और यह भी कि लाठर के शव के पास भाजपा नेताओं की मौजूदगी क्यों थी। डॉ. उदित राज ने कहा, “सीएम, मंत्री और तमाम भाजपा नेता लाठर के समर्थन में क्यों जुटे हुए हैं?”
डॉ. उदित राज ने आगे कहा कि आईएएस अमनीत कुमार और उनके भाई पंजाब के विधायक अमित रतन के खिलाफ दर्ज एफआईआर का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि अमनीत कुमार का इस पूरे प्रकरण से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि “यह घटना मनुवाद की वापसी का संकेत है और भाजपा सरकार में दलितों की स्थिति बेहद चिंताजनक है।”
उन्होंने कहा कि “जब एक प्रभावशाली दलित परिवार, जिसमें भाई एमएलए, भाभी आईपीएस और स्वयं आईएएस हैं, उनके साथ ऐसा बर्ताव हो रहा है, तो आम दलितों की स्थिति का अंदाजा लगाना कठिन नहीं।”
डॉ. उदित राज ने सुश्री मायावती से भी सवाल किया कि क्या भाजपा के प्रति आभार जताने के लिए रैली करना उचित है, जब दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि “हरियाणा के दलितों को आपसी संघर्ष छोड़कर इस घटना से सबक लेना चाहिए और देशव्यापी आंदोलन की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।”
अंत में, डॉ. उदित राज ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस जांच से पूरन कुमार को न्याय मिलने की संभावना नहीं है। उन्होंने मांग की कि “इस प्रकरण की जांच किसी हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाए, ताकि एएसआई संदीप लाठर का भी पक्ष सामने आ सके।”
साथ ही उन्होंने कहा कि “आईएएस अमनीत कुमार के खिलाफ दर्ज फर्जी मुकदमे को तुरंत निरस्त किया जाना चाहिए।”