Amar sandesh उत्तर प्रदेश।लखीमपुर में एक पिता का दिल दहला देने वाला दर्द सामने आया। विपिन नाम का शख्स अपने नवजात बेटे की लाश को थैले में डालकर जिला कलक्ट्रेट पहुंचा। वहां चल रही बैठक के बीच जब उसने रोते हुए थैला खोला तो अधिकारियों के भी हाथ-पाँव फूल गए।
बिलखते पिता की एक ही पुकार थी “साहब, बच्चे को जिंदा कर दो… मां को क्या जवाब दूं? उसे तो मैंने बस यही बताया है कि बच्चा दूसरी जगह भर्ती है और ठीक हो जाएगा।”
यह सुनकर पूरा माहौल गमगीन हो गया। किसी अधिकारी के पास उसके सवाल का जवाब नहीं था।
घटना की जानकारी मिलते ही सीएमओ डॉ. संतोष गुप्ता और एसडीएम सदर अश्विनी कुमार सिंह मौके पर पहुंचे। टीम ने गोलदार अस्पताल में जांच की और रिपोर्ट डीएम को सौंपी।
डीएम के आदेश पर अस्पताल को तुरंत सील कर दिया गया। वहां भर्ती तीन मरीजों को जिला महिला अस्पताल शिफ्ट कराया गया।
विपिन पहले से एक सात साल के बेटे का पिता है। पूरे परिवार ने दूसरी संतान के आने का इंतजार सात साल तक किया। लेकिन खुशियां आने से पहले ही मातम छा गया। नवजात बेटे की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया।
विपिन की आंखों से बहते आंसू और उसकी आवाज हर किसी को झकझोर गई।
“साहब, बच्चे की मां दूसरे अस्पताल में है। उसे सच कैसे बताऊं? आप ही बताओ, उसे क्या जवाब दूं?”
उसकी यह व्यथा सुनकर अधिकारियों तक का दिल भर आया।
यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि हमारे स्वास्थ्य तंत्र की गंभीर खामियों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।