भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवन पथ है—- नरेन्द्र मोदी
दिल्ली।प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी ने कल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया और नयी दिल्ली के इंडिया गेट में ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन किया।
इसके निर्माण में शामिल श्रमजीवियों के साथ बातचीत करते हुए, प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राष्ट्र के लिए उनके प्रयासों और योगदान की चर्चा की। श्रमजीवियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा, “कर्तव्य पथ केवल ईंटों और पत्थरों का मार्ग नहीं है। यह भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत पथ है।”
कर्तव्य पथ की कायाकल्प और पुनर्विकास का कार्य करने वाली एजेंसी, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग ने बेहद कठिन समय सीमा के भीतर चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दिया। कर्तव्य पथ का काम मार्च, 2021 में शुरू हुआ था और इसका पहला चरण 26 जनवरी, 2022 को गणतंत्र दिवस परेड के लिए समय पर पूरा हुआ। परियोजना की स्वीकृत लागत ₹ 608 करोड़ है और चरण-I पूरा हो जाने के साथ अब तक ₹ 522 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
ग्रेनाइट से बने पैदल मार्ग की कुल लंबाई 16.5 किमी है। 300 सीसीटीवी कैमरों, बैठने के लिए पत्थर से बने 422 बेंचों, अनेक ट्विन स्टोन डस्टबिनों, सेवाओं के लिए लगभग 165 किमी भूमिगत पाइपलाइनों और भारी वर्षा के पानी को निकालने के लिए 10 किमी लंबी भूमिगत नालियों के साथ, केन्द्रीय मार्ग का पूरी तरह से नवीनीकरण किया गया है, उसे सुदृढ़ के साथ प्राकृतिक दृश्य बहाल किया गया है।
इस बात पर गौर किया जा सकता है कि कर्तव्य पथ को पैदल यात्रियों और यातायात के मार्गनिर्देशन के लिए अधिक अनुकूल बना दिया गया है। इसमें 8 मीटर चौड़े कुल चार पैदल अंडरपास-जनपथ और सी-हेक्सागन जंक्शनों पर प्रत्येक में दो – पैदल यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदान किए गए हैं। आठ भूमिगत सार्वजनिक सुविधा ब्लॉक और छह वेंडिंग प्लाजा को मौजूदा पेड़ों को ध्यान में रखते हुए, नागरिक उपयोगकर्ताओं और पर्यटकों के लिए आरामदायक बनाने के लिए सोच-समझकर डिजाइन किया गया है। चरण-I में 580 कारों और 35 बसों को खड़ा करने के लिए पार्किंग को डिज़ाइन किया गया है।
कर्तव्य पथ के किनारों पर फुटपाथ, जो पहले बजरी/मुर्रम के हुआ करते थे, उनका स्थान ग्रेनाइट पैदल मार्ग ने ले लिया है। नहर से परे जिन क्षेत्रों में पहले पहुंचा नहीं जा सकता था उन्हें पैदल मार्ग और सोलह स्थायी पुल बनाकर पहुंचने के लिए सुलभ किया गया है।
इसके अलावा, कर्तव्य पथ के नजदीक घास के मैदानों का नवीनीकरण किया गया है और अधिकांश जामुन के पेड़ों को बरकरार रखा गया है और वृक्षारोपण की योजनाबद्ध रणनीति के माध्यम से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। कुल 90 एकड़ क्षेत्र में घास के मैदान दोबार विकसित किए गए हैं।
कर्तव्य पथ के वास्तुकला चरित्र के अनुसार, ऐतिहासिक चेन सम्पर्क और कर्तव्य पथ पर लगे 79 प्रकाश खंभों को संरक्षित और बहाल किया गया है और 58 नए खंभे जोड़े गए हैं। इसके अलावा, प्राकृतिक दृश्य के साथ सुसंगतता बनाए रखने के लिए बलुआ पत्थर के बोलार्ड का स्थान पेंट किए हुए कंक्रीट बोलार्ड ने ले लिया है।
इस बात पर भी ध्यान दिया जा सकता है कि सीपीडब्ल्यूडी ने रिसाव को रोकने के लिए नहरों का नवीनीकरण किया है और इसके अतिरिक्त, नहरों में साफ पानी सुनिश्चित करने के लिए 60 एरेटर और 28 फिल्टरेशन टैंक लगाए गए हैं।
आयोजन के दौरान, केन्द्रीय आवास और शहरी कार्य मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी, केन्द्रीय संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर, संस्कृति राज्य मंत्री श्री अर्जुन राम मेघवाल, संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय में सचिव श्री मनोज जोशी, संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री गोविंद मोहन, सीपीडब्ल्यूडी के महानिदेशक श्री शैलेंद्र शर्मा, विभिन्न विशिष्ट गणमान्य व्यक्ति और सीपीडब्ल्यूडी, एमओएचयूए और संस्कृति मंत्रालय के अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।