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शरद पूर्णिमा पर अमृत वर्षा का पर्व: आज इस शुभ मुहूर्त में चांदनी में रखें खीर

Amar sandesh नई दिल्ली। आज शरद पूर्णिमा का पावन पर्व है, जो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमाओं में से एक मानी जाती है। इसी तिथि से शरद ऋतु का आरंभ होता है। माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं से पूर्ण होकर अपनी किरणों से अमृत बरसाता है। इस दिव्य अमृत का सेवन करने से धन, प्रेम और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन प्रेम और कला से परिपूर्ण महारास रचाया था। इसीलिए यह तिथि प्रेम, समृद्धि और शुद्ध ऊर्जा का प्रतीक मानी जाती है।

इस वर्ष का शुभ संयोग और पंचक का प्रभाव

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार शरद पूर्णिमा पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं, किंतु इसके साथ पंचक का साया भी रहेगा। पंचक की शुरुआत दशहरे के अगले दिन 3 अक्टूबर से हुई थी, जो 8 अक्टूबर तक रहेगी। इसलिए इस अवधि में कोई नया कार्य आरंभ करने से परहेज़ करने की सलाह दी गई है।

खीर रखने का शुभ मुहूर्त

आज रात 10 बजकर 37 मिनट से लेकर 12 बजकर 09 मिनट तक चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने का सबसे शुभ मुहूर्त रहेगा। मान्यता है कि इस समय चंद्रकिरणों में रखी गई खीर अमृत के समान पवित्र हो जाती है, जिसे अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण करना अत्यंत लाभकारी माना गया है।

मां लक्ष्मी पूजन विधि

शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी की विशेष पूजा का भी विधान है। इस अवसर पर देवी के समक्ष दीप प्रज्वलित करें, उन्हें सुगंधित पुष्प विशेषकर गुलाब अर्पित करें और इंद्रकृत लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। भक्तजन धन-समृद्धि और सुख-शांति की कामना करें।

सूर्योदय से पूर्व स्नानादि कर व्रत का संकल्प लें, देवी-देवताओं की आराधना करें, संध्याकाल में दूध की खीर बनाएं और अर्धरात्रि में चंद्रमा को अर्पित करें। यही खीर चांदनी में रखी जाती है और प्रातःकाल प्रसाद के रूप में वितरित की जाती है।

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