टीएचडीसीआईएल ने टिहरी में भारत के पहले वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट की पहली इकाई का सफल शुभारंभ किया
Amar sandesh दिल्ली/देहरादून।टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने टिहरी, उत्तराखंड में 1000 मेगावाट क्षमता के वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) की प्रथम इकाई (250 मेगावाट) की वाणिज्यिक परिचालन तिथि (सीओडी) प्रक्रिया के सफल शुभारंभ की घोषणा की है। यह परियोजना देश का पहला वेरिएबल स्पीड पीएसपी है और किसी भी केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (सीपीएसई) द्वारा स्थापित सबसे बड़ा पंप स्टोरेज प्लांट बन गया है। यह भारत की नवीकरणीय ऊर्जा यात्रा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
इस अवसर का वर्चुअल उद्घाटन भारत सरकार के विद्युत, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक समारोह में विद्युत क्षेत्र के कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें पंकज अग्रवाल (आईएएस), सचिव, विद्युत मंत्रालय; आकाश त्रिपाठी (आईएएस), अपर सचिव, विद्युत मंत्रालय; गुरदीप सिंह, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एनटीपीसी; आर.के. विश्नोई, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसीआईएल; शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), भूपेन्द्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी), एवं सिपन कुमार गर्ग, निदेशक (वित्त), टीएचडीसीआईएल शामिल रहे।
अपने उद्घाटन संबोधन में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा, “टिहरी में भारत के पहले वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट की प्रथम इकाई का सफल संचालन न केवल टीएचडीसीआईएल की तकनीकी दक्षता को दर्शाता है, बल्कि यह भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण और साहसिक कदम है। यह परियोजना हमारी ग्रिड स्थिरता को सशक्त बनाएगी और नवीकरणीय ऊर्जा के निर्बाध एकीकरण में सहायक होगी। वेरिएबल स्पीड तकनीक विद्युत प्रवाह के सटीक प्रबंधन को संभव बनाती है, जिससे हमारा ऊर्जा तंत्र और अधिक स्मार्ट तथा अनुकूल बनता है।”
विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा कि टिहरी वेरिएबल स्पीड पीएसपी ग्रिड के लचीलेपन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वच्छ एवं विश्वसनीय ऊर्जा भविष्य की ओर भारत के कदम को मज़बूत करता है।
एनटीपीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री गुरदीप सिंह ने इस अवसर पर कहा, “यह परियोजना जलविद्युत क्षेत्र में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की अभियान्त्रिकीय क्षमता का परिचायक है और यह भविष्य के पीएसपी विकास की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करती है।”
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री आर.के. विश्नोई ने अपनी शुभकामनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि “यह परियोजना पूर्ण रूप से चालू होने पर टिहरी हाइड्रो पावर कॉम्प्लेक्स की कुल क्षमता को 2400 मेगावाट तक बढ़ा देगी, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा जलविद्युत कॉम्प्लेक्स बन जाएगा।”
यह परियोजना ऑफ-पीक अवधि में अधिशेष ऊर्जा को संग्रहीत करके पीक डिमांड के समय पुनः उपयोग हेतु डिज़ाइन की गई है, जिससे ग्रिड की अनुकूलता में वृद्धि और 24×7 विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। यह भारत की आंतरायिक नवीकरणीय ऊर्जा का प्रबंधन करने की क्षमता को सशक्त बनाता है।
इस परियोजना के तहत 250 मेगावाट की वेरिएबल स्पीड यूनिट में पावर इलेक्ट्रॉनिक्स और कंट्रोल सिस्टम की आपूर्ति जीई वर्नोवा द्वारा की गई है, जो एक वैश्विक ऊर्जा समाधान प्रदाता है। इस तकनीकी सहयोग से भारत की स्वच्छ ऊर्जा साख को वैश्विक मंच पर बल मिलेगा।
इस कार्यक्रम में टीएचडीसीआईएल के कार्यकारी निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) श्री एल.पी. जोशी, टीएचडीसीआईएल के वरिष्ठ अधिकारी, जीई वर्नोवा, एचसीसी एवं विद्युत क्षेत्र के अन्य प्रमुख हितधारकों वाले परियोजना संघ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।