दिल्लीराष्ट्रीय

कुशल संगठनकर्ता दुष्यंत गौतम 

जानिए अपने नेता को

अमर चंद्र

भारतीय जनता पार्टी को मजबूती प्रदान करने में बहुत से नेताओं और कार्यकर्ताओं का अहम योगदान रहा है। इन्हीं में से एक प्रमुख नाम भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत गौतम का भी है। गौतम को पार्टी ने जो भी दायित्व सौंपा उसे उन्होंने एक बहुत बेहतर ढंग से निभाया।

गौतम का भाजपा के प्रति छात्र जीवन से ही गहरा लगाव रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में रहते हुए वे छात्र-छात्राओं को परिषद से जोड़ने में हमेशा सक्रिय रहे। भाजपा संगठन से जुड़ने के बाद उन्होंने पार्टी हित में जिस निष्ठा और मेहनत का परिचय दिया उसी के चलते पार्टी ने उन्हें हरियाणा से राज्यसभा में भेजा। आज वे पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और उत्तराखंड राज्य के प्रभारी हैं।

दुष्यंत गौतम के भीतर सबसे अच्छा गुण यह है कि वे पार्टी के हर कार्यकर्ता और नेता के बीच बेहतरीन सामंजस्य बनाने की अच्छी क्षमता रखते हैं। उत्तराखंड राज्य का प्रभारी उन्हें दूसरी बार यूँ ही नहीं बनाया गया, बल्कि इसके पीछे उनकी ठोस कार्यशैली है। उनमें कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी की मजबूती के लिए ऊर्जावान बनाए रखने की योग्यता है। उन्हें वर्ष 2020 में उत्तराखंड का प्रभारी बनाया गया। प्रभार ग्रहण करने के बाद राज्य में पार्टी संगठन को सक्रिय और एकजुट रखने के उनके प्रयास उत्साहजनक परिणाम लेकर सामने आए। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव और उसके बाद वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य में ऐतिहासिक सफलता हासिल हुई। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को एकजुट करने में जो बेहतर सामंजस्य गौतम ने बिठाया उसके बारे में हिंदी के प्रसिद्ध कवि रहीम दास जी की यह पंक्तियां उपयुक्त लगती हैं।

 “टूटे सुजन मनाइये, जो टूटें सौ बार

 रहिमन फिरि-फिरि पोइये, टूटे मुक्ताहार”

गौतम ने राज्य में भाजपा की मोतियों की माला हमेशा जोड़े रखी। उन्होंने छोटे से लेकर बड़े स्तर तक के हर कार्यकर्ता को महत्व दिया। उनके कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें सम्मान दिया। रूठे हुए कार्यकर्ता को मान-सम्मान देकर मनाने की कला में वे काफी निपुण दिखाई देते हैं। उनके प्रभारी रहते हुए उत्तराखंड बीजेपी में असंतोष के स्वर बेशक कभी उठे हों, लेकिन कहीं भी किसी नेता या कार्यकर्ता ने पार्टी अनुशासन की सीमाएं लाँघने की जरूरत महसूस नहीं की।

दुष्यंत गौतम न केवल उत्तराखंड में सक्रिय हैं, बल्कि दिल्ली में उत्तराखंड भाजपा का कोई कार्यकर्ता या वहाँ का कोई भी निवासी उन्हें मिलता है, तो वे उसे बड़ी गंभीरता से उसे सुनते हैं। पत्रकारों, समाजसेवियों और आम लोगों से उत्तराखंड राज्य के बारे में जानकारियां हासिल करते रहते हैं। वे राज्य के आम लोगों को अहसास कराते रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उत्तराखंड के प्रति गंभीर है। हाल में उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान गैरसैंण पहुंचकर उन्होंने राज्य की जनता को यही अहसास कराया कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व पहाड़ के विकास को गंभीरता से ले रहा है। विधानसभा सत्र के दौरान गैरसैंण पहुंचने वाले वे किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के पहले राष्ट्रीय महासचिव हैं।

दुष्यंत गौतम की संगठन क्षमता उत्तराखंड तक सीमित नहीं है। अतीत में भी उनकी कुशलता का परिचय मिल चुका है। भाजपा अनुसूचित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने हाशिये पर खड़े लोगों में उम्मीदें जगाई कि भाजपा संगठन और सरकार किस तरह उनके हित में काम कर रहे हैं। अंतिम पंक्ति पर खड़े व्यक्ति के विकास के लिए मोदी जी और अमित शाह क्या सपना देख रहे हैं, यह उन्होंने जनता को बताया। समाज के उपेक्षित वर्ग को भाजपा में जोड़ने की उनकी भूमिका सराहनीय मानी जाती है।

दुष्यंत गौतम एक सरल स्वभाव के मधुर भाषी राजनेता हैं। बड़ी सादगी से रहते हैं। पार्टी कार्यालय और आवास पर जो भी मुलाकात करने आए उससे बड़ी आत्मीयता से मिलते हैं। निसंदेह अपने इन्हीं गुणों के कारण वे एक कुशल संगठनकर्ता बन पाए हैं। उम्मीद है कि वे भविष्य में भी इसी तरह आम लोगों के प्रिय बने रहेंगे।

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