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Amar sandesh नई दिल्ली। भारतीय रेल की आरक्षण टिकट बुकिंग प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। यह जानकारी रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि आरक्षण प्रणाली एक मजबूत और अत्याधुनिक आईटी प्लेटफ़ॉर्म है, जिसमें उद्योग-मानक साइबर सुरक्षा नियंत्रण लागू हैं।
उपयोगकर्ता खातों की सख्त जांच के तहत जनवरी 2025 से अब तक लगभग 3.02 करोड़ संदिग्ध उपयोगकर्ता आईडी निष्क्रिय की गई हैं। फर्जी उपयोगकर्ताओं को रोकने और वैध यात्रियों के लिए सुचारू टिकट बुकिंग सुनिश्चित करने हेतु अकामाई जैसे एंटी-बॉट समाधान लागू किए गए हैं। तत्काल टिकट बुकिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी और दुरुपयोग मुक्त बनाने के लिए ऑनलाइन तत्काल टिकट हेतु आधार आधारित ओटीपी सत्यापन को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया गया है। 4 दिसंबर 2025 तक यह सुविधा 322 रेलगाड़ियों में उपलब्ध कराई जा चुकी है, जिसके परिणामस्वरूप इनमें से लगभग 65 प्रतिशत रेलगाड़ियों में तत्काल टिकट उपलब्धता का समय बढ़ा है। यही सुविधा आरक्षण काउंटरों पर भी शुरू की गई है और 4 दिसंबर 2025 तक 211 रेलगाड़ियों में लागू की जा चुकी है। 96 लोकप्रिय रेलगाड़ियों में से लगभग 95 प्रतिशत में तत्काल टिकट उपलब्धता का समय बढ़ा है।
संदिग्ध रूप से बुक किए गए पीएनआर के मामलों को राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर दर्ज किया गया है। साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए नेटवर्क फ़ायरवॉल, घुसपैठ रोकथाम प्रणाली, एप्लिकेशन डिलीवरी कंट्रोलर और वेब एप्लिकेशन फ़ायरवॉल सहित कई सुरक्षा परतें लागू की गई हैं। आरक्षण प्रणाली एक समर्पित और एक्सेस नियंत्रित डेटा सेंटर में संचालित होती है, जो सीसीटीवी निगरानी और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन से सुरक्षित है तथा आईएसओ 27001 सूचना सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली मानकों के तहत प्रमाणित है। रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड साइबर खतरा खुफिया सेवाएं प्रदान करता है, जिनमें टेक-डाउन सेवाएं, खतरा निगरानी, डीप और डार्क वेब मॉनिटरिंग तथा डिजिटल जोखिम सुरक्षा शामिल हैं।
आरक्षण प्रणाली की सुरक्षा जांच नियमित रूप से सीईआरटी-इन सूचीबद्ध सूचना सुरक्षा लेखापरीक्षा एजेंसियों द्वारा की जाती है। इसके साथ ही सीईआरटी-इन और राष्ट्रीय महत्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र टिकट प्रणाली से संबंधित इंटरनेट गतिविधियों की निरंतर निगरानी करते हैं। रेलवे बोर्ड, क्षेत्रीय रेलवे और मंडल कार्यालयों को जनप्रतिनिधियों, संगठनों और रेल उपयोगकर्ताओं से सुझाव और अनुरोध लगातार प्राप्त होते रहते हैं, जिनकी समय-समय पर समीक्षा की जाती है और उपयुक्त पाए जाने पर कार्रवाई की जाती है।
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