Amar chand Delhi।नई दिल्ली के सेंट्रल विस्टा क्षेत्र में आधुनिक और अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित ‘कर्तव्य भवन-3’ का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अगस्त की शाम करेंगे।
यह इमारत सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना का अहम हिस्सा है और इसे साझा केंद्रीय सचिवालय के रूप में विकसित किया गया है, ताकि देश के प्रशासनिक ढांचे को और अधिक संगठित, कुशल और उत्तरदायी बनाया जा सके।करीब 1.5 लाख वर्ग मीटर में फैली यह विशाल इमारत दो बेसमेंट, ग्राउंड और छह मंजिलों वाली है। इसके निर्माण में ऊर्जा दक्षता, जल संरक्षण और आधुनिक कार्यस्थल के सभी मानकों का विशेष ध्यान रखा गया है।
भवन में अत्याधुनिक क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम, सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन और अपशिष्ट प्रबंधन की उन्नत तकनीक का उपयोग किया गया है।सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार इस भवन में कई केंद्रीय मंत्रालयों को स्थानांतरित किया जा रहा है। इनमें गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME), कर्मचारी एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT), पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय और प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय शामिल है।
गृह मंत्रालय का दफ्तर भवन की ऊपरी मंजिलों पर बनाया गया है — चौथी, पांचवीं और छठी मंजिल पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए सैकड़ों कमरे और आधुनिक बैठक कक्ष बनाए गए हैं। विदेश मंत्रालय, ग्रामीण विकास और MSME मंत्रालय के कार्यालय भवन की निचली और मध्य मंजिलों पर होंगे। कर्मचारी एवं प्रशिक्षण विभाग तथा प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय भी अलग-अलग फ्लोर पर व्यवस्थित किया गया है, जिससे सभी मंत्रालयों के बीच तालमेल और कामकाज में तेजी लाई जा सके।
‘कर्तव्य भवन-3’ के निर्माण से पुरानी और बिखरी हुई इमारतों में बंटे मंत्रालय अब एक ही परिसर में आ सकेंगे। इससे न केवल सरकारी कामकाज में तेजी आएगी, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी मंत्रालयों तक पहुंच आसान होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भवन का उद्घाटन 6 अगस्त को करेंगे और उसी दिन से मंत्रालयों के यहां शिफ्ट होने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी।
यह इमारत आने वाले समय में आधुनिक भारत के प्रशासनिक ढांचे की पहचान बनेगी और सेंट्रल विस्टा परियोजना के बाकी भवनों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगी।