उत्तराखण्डराज्य

स्कूली बच्चों की ‘प्रकृतलोक’ ऑनलाइन कविता प्रतियोगिता सम्पन्न

सी एम पपनैं

रानीखेत। विगत सत्तरह वर्षो से जन सरोकारों की निष्पक्ष पत्रिका ‘प्रकृतलोक’ द्वारा पूर्णबंदी 4.0 मे कक्षा एक से आठ तक तीन वर्गो मे आयोजित ऑनलाइन कविता प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। पत्रिका संपादक विमल सती के सानिध्य मे निर्णायक मंडल द्वारा कुल 352 बच्चो द्वारा भेजी गई ऑनलाइन कविताओं के वीडियो मे बच्चों की रचनाशीलता व कविता वाचन के गुर को परख तीन वर्गो के परिणाम घोषित किए।

सीनियर कक्षा 6 से 8 के वर्ग मे आर्मी पब्लिक स्कूल रानीखेत के समृद्धि पांडे को प्रथम। स्वतंत्रता सेनानी भवानी दत्त तिवारी राजकीय कन्या इंटर कालेज द्वाराहाट तथा केंद्रीय विद्यालय रानीखेत के क्रमशः दीक्षा अधिकारी व कोमल जोशी को द्वितीय तथा कुमाऊँ पब्लिक स्कूल द्वाराहाट तथा जी डी बिड़ला स्कूल, चिलियानोला के क्रमशः शानवी नेगी व रिशुराज को तृतीय स्थान प्रदान किया गया।

उक्त वर्ग मे विभिन्न स्कूलों के ध्रुव जोशी, भाग्यश्री छिमवाल, ज्योति आर्या, प्रज्ञा किरोला, मीरा आर्या, एलीना स्मिथ तथा दिशा पपनैं को उनकी प्रभावशाली स्वरचित रचनाओ व उनके वाचन पर विशेष पुरूष्कार घोषित किए गए।

जूनियर कक्षा 4 से 5 के वर्ग मे केंद्रीय विद्यालय रानीखेत की रिद्धि मेहरा को प्रथम। कनोसा कान्वेन्ट रानीखेत तथा आल सेंटर स्कूल नैनीताल की क्रमश सिद्धि पाठक व आराध्य तिवारी को द्वितीय तथा गोविंद मैमोरियल पब्लिक स्कूल रानीखेत की आराध्या कर्नाटक को तृतीय स्थान प्रदान किया गया। इस वर्ग में विभिन्न स्कूलों के निधि रावत, प्राची भट्ट, प्रियांशी गोस्वामी तथा प्रियांशु पांडे को विशेष पुरूष्कार घोषित किए गए।

सब जूनियर कक्षा 1 से 3 वर्ग में यूनिवर्सल कान्वेन्ट स्कूल द्वाराहाट की नैन्सी मिश्रा प्रथम। द एशियन स्कूल देहरादून व कनोसा कान्वेन्ट स्कूल रानीखेत की क्रमशः करन जोशी व आराध्या पांडे को द्वितीय। हिलवुड अकादमी गेबुआ, नैनीताल तथा गोबिंद मैमोरियल पब्लिक स्कूल रानीखेत की क्रमशः वेदिका भट्ट व मनस्वी पांडे को तृतीय स्थान प्रदान किया गया। विशेष पुरूष्कार हेतु स्वधा भट्ट, नव्या भाकुनी, अर्णव जैन, माही बिष्ट तथा सूरज फर्त्याल को चुना गया।

निर्णायक मंडल मतानुसार सीनियर वर्ग मे स्वरचित कविताओ को महत्व दिया गया था। बच्चों में कविता रचने व उन्हे चंद मिनटों के वीडियो द्वारा प्रस्तुत करने का जो उत्साह देखा गया, वह अदभुत था। निर्णायकों ने व्यक्त किया, अगर बच्चों को समय-समय पर मंच प्रदान कर उन्हे मौलिक कविताओं को रचने व उनका वाचन करने हेतु प्रोत्साहित किया जाय, उन्हे पुरष्कृत किया जाय, तो निःसंदेह उत्तराखंड के स्कूली बच्चे भविष्य के बड़े रचनाधर्मी बनने मे सक्षम हो सकते हैं।

उक्त ऑनलाइन कविता प्रतियोगिता मे प्रतिभाग करने वाले बच्चों की संख्या व आयोजन की अपार सफलता के बाद कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों के लिए भी प्रकृतलोक पत्रिका जल्दी ही ऑनलाइन कविता के आयोजन की तैयारी मे जुट गया है।

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