नव वर्ष के अवसर पर उत्तराखंड समाज के कई संगठन व आंदोलनकारी किसानो के धरने पर समर्थन देने पहुचे
दिल्ली। दिल्ली प्रवासी उत्तराखंड आंदोलनकारी और सामाजिक संस्थाओं के नेताओं ने मनाया नववर्ष किसानों के बीच जाकर दिल्ली के निकट उत्तर प्रदेश बॉर्डर यूपी गेट और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे हजारों किसान जो पिछले एक माह से भी अधिक समय से कृषि के काले कानूनों के खिलाफ अपना रोष व्यक्त करने के लिए बैठे हैं। जहां उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब ,हरियाणा, राजस्थान ,के किसानों के साथ आज दिल्ली के प्रवासी संगठनों और आंदोलनकारियों ने भी उनके समर्थन में पूरा दिन उनके साथ धरने में बैठकर उनका सर्मथन दिया।
इस अवसर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव श्री हरिपाल रावत ,अनिल पंत,व तमाम आंदोलनकारी और सामाजिक उत्तराखंडी नेताओं के साथ देश के मशहूर किसान नेता राकेश टिकैत, उत्तराखंड के किसान नेता श्री जगतार सिंह बाजवा ,सूबेदार मेजर जयप्रकाश मिश्रा, व धर्मगुरु भंते सुमित रतन महावीरा को उत्तराखंडी शॉल पहना कर अपना समर्थन दिया।
इस बीच विभिन्न सामाजिक और आंदोलनकारी संगठनों के नेता उत्तराखंड की ओर से पहुंचे जिसमें श्रीमती उमा जोशी , अनिल कुमार पंत ,आर एस पुंडीर, रामेश्वर गोस्वामी ,गोपाल रावत, नीलम जीना, नारायण सिंह गुसाईं, एस,के, जैन, मनमोहन शाह, बिना बहुगुणा, सत्येंद्र रावत ,नरेंद्र सिंह नेगी, गणेश चंद्र, कुशाल सिंह जीना ,राजेश राणा, बी,पी भट्ट ,के अलावा 50 से ज्यादा सामाजिक और आंदोलनकारी नेताओं ने उनके साथ धरने पर बैठ कर किसानों के इस आदोलन मे अपना समर्थन दिया।

इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी हरिपाल रावत ने आंदोलन में बैठे सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम उस धरती के लोग हैं यहां वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जैसे वीर सपूत पैदा हुए हैं,उन्होंने कहा कि एनसीआर प्रवास मे रह रहे उत्तराखंड समाज के लोग किसानों के आंदोलन में पूरा समर्थन देन पहुंचे है ।
हरिपाल रावत ने इस मौके पर कहा की सरकार से मांग करते हैं कि काले कानून को शीघ्र समाप्त कर किसान नेताओं की मांग को पूरा करें। श्री रावत ने कहा कि हम सब लोग रोज इसी तरह से आंदोलन में समर्थन देने आते रहेंगे। उन्होंने इस अवसर पर पहुंचे उत्तराखंड प्रवास एवं सभी लोगों का आभार प्रकट किया।




