नवादा और पावापुरी को जोड़ेगी नई रेल लाइन
25 किमी परियोजना को मिली मंजूरी, पर्यटन और विकास को मिलेगी नई गति
Amar sandesh नई दिल्ली/पटना। बिहार में रेल कनेक्टिविटी के विस्तार को नई दिशा देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नवादा और पावापुरी को जोड़ने वाली नई रेल परियोजना को मंजूरी प्रदान की है। लगभग 25.10 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के निर्माण पर करीब ₹492.14 करोड़ की लागत आएगी। यह प्रस्ताव भारतीय रेल की नई रेल लाइनों के लिए निर्धारित अम्ब्रेला वर्क्स 2024-25 के अंतर्गत स्वीकृत किया गया है।
इस परियोजना के पूरा होने के बाद नवादा से पावापुरी तक सीधी रेल कनेक्टिविटी संभव होगी। पावापुरी जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जहाँ हर साल हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। नई रेल लाइन से तीर्थ यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी, सड़क यातायात का दबाव कम होगा और पारसनाथ व जल मंदिर तक की यात्रा अधिक सहज हो जाएगी।
रेल मंत्रालय के अनुसार, नवादा–पावापुरी रेल परियोजना जैन सर्किट में धार्मिक पर्यटन को नई दिशा देगी। राजगीर और बिहार शरीफ से जुड़ाव और अधिक मजबूत होगा तथा नवादा–नालंदा–राजगीर क्षेत्र में यात्रा का समय कम हो जाएगा। परियोजना से सामाजिक और आर्थिक विकास को भी बल मिलेगा। नवादा क्षेत्र को नालंदा और प्रस्तावित औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ा जाएगा, जबकि कादिरगंज के पारंपरिक रेशमी उद्योग को बड़े बाजारों तक पहुँचने का अवसर मिलेगा। इससे भागलपुर तक व्यापारिक गतिविधियों में नई ऊर्जा का संचार होगा।
यह रेल लाइन नालंदा विश्वविद्यालय और बोधगया जैसे शिक्षा और सांस्कृतिक केंद्रों तक पहुँच को भी आसान बनाएगी। निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर मिलेंगे और परियोजना पूरी होने के बाद व्यापार व उद्योगों को लाभ पहुंचेगा। साथ ही यह रजौली में प्रस्तावित 2000 मेगावाट परमाणु ऊर्जा संयंत्र तथा क्षेत्रीय विकास की अन्य योजनाओं को भी सहारा देगी।