प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “2047 तक सभी के लिए बीमा” के विजन और “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प के अनुरूप है।
Amar sandesh नई दिल्ली।ग्रामीण विकास मंत्रालय और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसका उद्देश्य देश के ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना और महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
इस समझौते के तहत, देशभर में स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की प्रशिक्षित महिलाओं को ‘बीमा सखी’ के रूप में ग्राम पंचायत स्तर पर नियुक्त किया जाएगा। ये बीमा सखियाँ अपने समुदायों में बीमा एजेंट की भूमिका निभाएँगी और एलआईसी की बीमा योजनाओं को घर-घर पहुंचाएंगी।
यह पहल प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “2047 तक सभी के लिए बीमा” के विजन और “आत्मनिर्भर भारत” के संकल्प के अनुरूप है।महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण: बीमा सखी बनकर महिलाएँ अपनी आमदनी का जरिया स्वयं तैयार करेंगी और आत्मनिर्भर बनेंगी।
रोजगार सृजन और महिला भागीदारी: ग्रामीण स्तर पर महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और महिला श्रम शक्ति की भागीदारी बढ़ेगी।समावेशी बीमा प्रणाली: यह पहल समुदाय आधारित, भरोसेमंद और किफायती बीमा सेवाएँ गांव-गांव तक पहुंचाने में मदद करेगी।
बीमा सखियाँ न केवल बीमा योजनाओं की जानकारी देंगी, बल्कि लोगों को वित्तीय सुरक्षा के महत्व के प्रति भी जागरूक करेंगी। अपने स्थानीय अनुभव और सामाजिक जुड़ाव का लाभ उठाकर वे बीमा को आम जन तक सरल भाषा में समझाएंगी।
यह योजना सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण को एक साथ जोड़ते हुए, ग्रामीण भारत में आर्थिक विकास का नया अध्याय लिख रही है। आने वाले समय में इसे राज्य सरकारों, प्रशिक्षण संस्थानों और सामुदायिक संगठनों के सहयोग से एक राष्ट्रीय जन आंदोलन के रूप में विस्तार देने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।