श्री विवेक भारद्वाज और श्री सुशील लोहानी ने किया मार्गदर्शन
Amar sandesh दिल्ली।नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में आज पुनर्गठित राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) पर एक दिवसीय राष्ट्रीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में देशभर के राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पंचायती राज विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, साथ ही राज्य ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थानों (SIRD & PRIs) के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इस अवसर पर पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज ने कहा कि यह कार्यशाला सभी हितधारकों की बात सुनने और उनकी प्रतिक्रिया को समझने का महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा कि पंचायतों को सिर्फ योजना कार्यान्वयन की इकाई नहीं बल्कि भारत के लोकतांत्रिक ढांचे के सक्रिय भागीदार के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने जमीनी स्तर से मिल रही अंतर्दृष्टियों को अगले चरण के आरजीएसए के लिए बेहद जरूरी बताया।
वहीं, मंत्रालय में अपर सचिव सुशील कुमार लोहानी ने बताया कि वर्तमान आरजीएसए चरण वर्ष 2025 में अपने अंतिम चरण में है और इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी राज्यों की सामूहिक सोच से आगे की दिशा तय करना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 से आरजीएसए का नया और सशक्त संस्करण लाने की तैयारी है, जो डिजिटल टूल्स, प्रशिक्षण और संस्थागत मजबूती के ज़रिये पंचायतों को और सक्षम बनाएगा।
श्री लोहानी ने यह भी बताया कि ई-ग्रामस्वराज पोर्टल के माध्यम से “योजना निर्माण से लेकर भुगतान तक” की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण किया गया है, जिससे पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और जवाबदेही को बढ़ावा मिला है। उन्होंने पंचायत उन्नति सूचकांक जैसे उपकरणों की भूमिका को भी सराहा, जो डेटा-आधारित सुधारों में सहायक साबित हो रहे हैं।
कार्यशाला में आरजीएसए की उपलब्धियों, योजनाओं की कार्ययोजना, वित्त पोषण ढांचे, और पंचायती राज संस्थाओं को डिजिटल और संस्थागत रूप से सशक्त बनाने की रणनीति पर विस्तृत प्रस्तुतियाँ दी गईं।
. क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण,
संस्थागत तंत्र,पंचायत अवसंरचना,पीईएसए कार्यान्वयन,नवाचार एवं आर्थिक विकास –
पर गहन चर्चा की गई, जिसमें राज्यों ने बेहतर कार्य-प्रणालियों और स्थानीय चुनौतियों को साझा किया।