कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद एनएचपीसी को मिली प्रमुख सफलता–ए के सिह
फरीदाबाद।एनएचपीसी लिमिटेड ने फरीदाबाद के अपने कॉरपोरेट कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 44वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) की। कंपनी के प्रबंधन ने वर्ष 2019-20 के लिए 1.50रुपयेप्रति इक्विटी शेयरलाभांश देने की सिफारिश की, जिसमेंमार्च, 2020 में भुगतान किए गए1.18 रुपये प्रति इक्विट शेयर का अंतरिम लाभांश शामिल है। एनएचपीसी के सीएमडी श्री ए.के.सिंह ने एजीएम में शामिल शेयर धारकों को संबोधित किया, जिसमें एनएचपीसी बोर्ड के सदस्य और कंपनी के सचिव भी मौजूद रहे।सीएमडी ने कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद एनएचपीसी को मिली प्रमुख सफलताओं को सामने रखा। श्री सिंह ने बताया कि कंपनी को वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कुल 9,771.59 करोड़ रुपये राजस्व मिला, संचालन से(कुल) राजस्व 8,735.41 करोड़ रुपये मिलाऔर टैक्स कटौती के बाद शुद्ध लाभ 3,007.17 करोड़ रुपये रहा।
29 सितंबर 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित हुई एनएचपीसी की 44वीं वार्षिक आम बैठक में श्री ए.के. सिंह, सीएमडी, एनएचपीसी के साथ श्री रतीश कुमार, निदेशक (प्रोजेक्ट्स), श्री एन.के. जैन, निदेशक (कार्मिक), श्री एम.के. मित्तल, निदेशक (वित्त), श्री वाई.के. चौबे, निदेशक (तकनीकी), श्री आर.पी. गोयल, मुख्य महाप्रबंधक (वित्त) और श्री विजय गुप्ता, कंपनी सचिव, एनएचपीसी।
श्री सिंह ने यह भी कहा कि एनएचपीसी ने वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान पिछले साल के 24,193 मिलियन यूनिट (एमयू) उत्पादन की उच्चतम सीमासे अधिककुल 26,121 मिलियन यूनिट्स (एमयू) (बिजली) उत्पादन किया, जो अब तक का उच्चतम वार्षिक उत्पादन स्तरहै. श्री ए. के. सिंह ने कॉरपोरेट इंसॉल्वेंसीरिजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) के जरिए सिक्किम में तीस्ता वीई एचई प्रोजेक्ट (500 मेगावाट) को लागूकरने के लिए पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के तौर पर लैंकोटेस्टा हाइड्रो पावरलिमिटेड के सफल अधिग्रहण के बारे मेंजानकारी दी।इसी प्रकारकंपनी (एनएचपीसी)को सिक्किम में रंगित स्टेज- IVएचई परियोजना (120 मेगावाट)को लागू करने वाली कंपनी जलविद्युत कॉरपोरेशन लिमिटेड के क्रेडिटर्स की समिति द्वारा सफल संकल्प आवेदक (रिजोल्यूशन एप्लीकेंट)घोषित किया गया है।उन्होंने शेयरधारकों को दिबांग बहुउद्देशीय परियोजना (2800 मेगावाट) केलिए चरण—IIकी वनमंजूरीमिलने की भी जानकारी दी।
श्री सिंह ने ओडिशा राज्य मेंतकनी की-व्यावसायिकरूप से व्यवहार्य 500 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजनाका योजना बनाने और उसे विकसित करने के लिएओडिशा लिमिटेड के ग्रीन एनर्जी डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जीईडीसीओएल) के साथ एक संयुक्त उद्यमकंपनी (जेवीसी) बनाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर होने की जानकारी दी। इसके साथ नेपाल मेंसंयुक्त साझेदारी के तहत जल विद्युत परियोजनाएं विकसित करने के लिए नेपाल सरकार के स्वामित्व वाली हाइड्रोइलेक्ट्रिसिटी इंवेस्टमेंट एंड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड (एचआईडीसीएल) के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर होने की भी जानकारी दी। उन्होंनेआगे कहा कि कंपनीकीनिर्माणाधीन क्षमता 2,800 मेगावाट है और 5,945 मेगावाट कीस्थापित क्षमतावाली पनबिजली परियोजनाएं मंजूरी या अनुमोदनके चरणमें हैं।
संबोधन के अन्य बिंदुओं में सीएमडी श्री ए. के. सिंह ने सौर और पवन ऊर्जाको बढ़ाने के प्रयासों को भी शामिल किया। कंपनी ने भारत सरकारकेनवीनएवंनवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) की अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क (यूएमआरईपीपी) योजना के तहत ओडिशा और तेलंगानामें प्रत्येक में 500-500मेगावाट और केरल में 50 मेगावाट की फ्लोटिंग सौर परियोजनाओं की शुरुआत की है। कंपनी को ओडिशा में सोलर पार्क की क्षमता (100 मेगावाट से बढ़ाकर 140 मेगावाट) बढ़ाने के लिएएमएनआरईकीसैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकीहै, जिसमें 40 मेगावाट और 100 मेगावाट की दो परियोजनाओं को विकसित करने की योजना है। इसके अलावा अन्य राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों जैसे तेलंगाना (293 मेगावाट), तमिलनाडु (2X25 मेगावाट) और लेह (50 मेगावाट) मेंयूटिलिटी स्केल (यानी ग्रिड कनेक्टेड)सौर परियोजनाओंको विकसित करने कीसंभावनाओं काभी पता लगाया जा रहा है।
एनएचपीसी ने सौर ऊर्जा डेवलपर्स को इंटर स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस)के लिए ग्रिडसे जुड़ी कुल 2,000 मेगावाटकीफोटोवोल्टिक परियोजनाओंके लिए लेटर ऑफ अवार्ड (एलओए) जारी किये हैं। एनएचपीसीअपने सहायकऔर संयुक्त उपक्रमों के माध्यम से 2,258 मेगावाट की स्थापित क्षमतावाली कई अन्य परियोजनाओं को भी चला रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दशक के अंत तक एनएचपीसीअपने सहायक और संयुक्त उपक्रमों को मिलाकर 20000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल कर लेगा। एजीएम में कंपनी के प्रदर्शन के बारे में सदस्यों के विभिन्न सवालों का भी उत्तर दिया गया।