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Amar sandesh नई दिल्ली।मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन, जो एक गैर-लाभकारी संस्था है और कमजोर समुदायों के जीवन में सुधार तथा सामाजिक-पर्यावरणीय जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यरत है, 21 दिसंबर 2025 को संविधान क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में
“हिमालय में सतत विकास: जन-केंद्रित दृष्टिकोण” विषय पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कर रही है।
फाउंडेशन लंबे समय से हिमालय की नाजुक पर्यावरणीय व्यवस्था की रक्षा करने और टिकाऊ व समावेशी विकास को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए श्री दुर्गा सिंह भंडारी, मुख्य समन्वयक, मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन ने बताया कि इस सेमिनार का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन, अव्यवस्थित विकास और बढ़ते मानवीय दबाव के कारण हिमालय क्षेत्र पर पड़ रहे गंभीर पर्यावरणीय संकट की ओर ध्यान आकर्षित करना है।
श्री भंडारी ने कहा कि “हिमालय आज एक निर्णायक दौर से गुजर रहा है। यह सेमिनार जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभावों पर गंभीर चर्चा करने और लोगों को केंद्र में रखकर टिकाऊ विकास व जलवायु अनुकूलन के व्यावहारिक समाधान खोजने का एक महत्वपूर्ण मंच बनेगा।”
इस सेमिनार के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ साउथैम्प्टन, यूनाइटेड किंगडम को नॉलेज पार्टनर के रूप में चुना गया है, जो इस आयोजन के अंतरराष्ट्रीय और शैक्षणिक महत्व को दर्शाता है।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भारत और नेपाल के पर्वतीय राज्यों से जुड़े नीति-निर्माता, पर्यावरणविद्, सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद्, शोधकर्ता, राजनयिक और सामुदायिक नेता भाग लेंगे। विचार-विमर्श और अनुभव साझा करने के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय लोगों की सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के बीच संतुलन बनाने पर जोर दिया जाएगा।
इस अवसर पर “हिमालयन गौरव सम्मान” भी प्रदान किया जाएगा, जो समाज और पर्यावरण के लिए निस्वार्थ और उत्कृष्ट योगदान देने वाले सामुदायिक नेताओं को सम्मानित करने के लिए दिया जाएगा।
मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन को आशा है कि इस सेमिनार से निकले विचार और निष्कर्ष हिमालय के भविष्य के लिए जन-हितैषी नीतियों और सतत विकास के मार्ग को मजबूत करने में सहायक सिद्ध होंगे।
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