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इंदौर ने स्वच्छ सर्वेक्षण के अंतर्गत लगातार पांचवीं बार ‘सबसे स्वच्छ शहर’ की उपाधि प्राप्त की

दिल्ली । आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 के भाग के रूप में आयोजित किए गए स्वच्छ अमृत महोत्सव में दिल्ली राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सबसे स्वच्छ शहरों के विजेताओं को सम्मानित किया।

इस पुरस्कार समारोह का आयोजन स्वच्छ भारत अभियान (शहरी) के विभिन्न पहलों के अंतर्गत कस्बों/शहरों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा स्वच्छता के लिए अपनाए गए अच्छे कार्यों की पहचान करने के लिएकिया गया, इसमें स्वच्छ सर्वेक्षण 2021,सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज और शहरों के लिए कचरा मुक्त स्टार रेटिंग के प्रमाणपत्र जैसे विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत300 से ज्यादा पुरस्कारों का वितरण किया गया।

लगातार पांचवें वर्ष, इंदौर को स्वच्छ सर्वेक्षण के अंतर्गत भारत का सबसे स्वच्छ शहर होने के खिताब से सम्मानित किया गया, जबकि सूरत और विजयवाड़ा ने ‘1 लाख से ज्यादा आबादी’ की श्रेणी में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर सफलता प्राप्त की।’1 लाख से कम’ जनसंख्या वाली श्रेणी में, वीटा, लोनावाला और सासवडक्रमशः पहले, दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे औरसभी महाराष्ट्र में स्थित हैं।

वाराणसी ‘सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर’ के रूप में उभरकर सामने आया, जबकि अहमदाबाद छावनी ने ‘भारत की सबसे स्वच्छ छावनी’ का खिताब जीता, इसके बाद मेरठ छावनी और दिल्ली छावनी को यह स्थान प्राप्त हुआ। होशंगाबाद (मध्य प्रदेश),’फास्टेस्ट मूवर’ की श्रेणी में’फास्टेस्ट मूवर सिटी’ (‘1 लाख से ज्यादा आबादी’ श्रेणी में) के रूप में उभरा, जो 2020 की रैंकिंग में 361 वें स्थान से 274वें स्थान की छलांग के साथ इस वर्ष 87वें स्थान पर अवस्थित है, इस प्रकार से उसने शीर्ष 100 शहरों में अपना स्थान प्राप्त कर लिया है।


 
राज्य पुरस्कारों में, छत्तीसगढ़ लगातार तीसरे वर्ष ‘100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों” की श्रेणी में ‘सबसे स्वच्छ राज्य’ के रूप में उभरा, जबकि झारखंड ने दूसरी बार “100 से कम यूएलबी श्रेणी” में सबसे स्वच्छ राज्य का पुरस्कार जीता।कर्नाटक और मिजोरम क्रमशः बड़े (100 से अधिक यूएलबी) और छोटे (100 से कम यूएलबी) राज्य की श्रेणी में ”फास्टेस्टमूवर स्टेट्स’ बन कर उभरे।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि इस वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कारों का विशेष महत्व है क्योंकि हम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि सफाईमित्रों और सफाई कर्मियों ने कोविड महामारी के दौरान भी लगातार अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि असुरक्षित सफाई प्रथाओं के कारण किसी भी सफाईकर्मी के जीवन को कोई खतरा उत्पन्न न हो। राष्ट्रपति ने कहा कि शहरों को साफ-सुथरा रखने के लिए ठोस कचरे का प्रभावी प्रबंधन बहुत ही आवश्यक है।उन्होंने बल देकर कहा कि पर्यावरण संरक्षण भारत की पारंपरिक जीवनशैली का अभिन्न अंग है। आज पूरी दुनिया पर्यावरण संरक्षण पर बल दे रही है, जिसमें संसाधनों में कमी करने, पुन: उपयोग करने और पुनर्चक्रण करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘ वेस्ट टू वेल्थ’ के विचार से अच्छे उदाहरण प्राप्त हो रहे हैं और इन क्षेत्रों में कई स्टार्ट-अप सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में उद्यमिता और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सही योजनाएं विकसित की जा सकती हैं।

 
इस अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि एसबीएम-यू के अंतर्गत प्राप्त उपलब्धियां अभूतपूर्व सामूहिक प्रयासों का परिणाम रही हैं।उन्होंने कहा कि यह अभियान वर्तमान में जन आंदोलन बन चुकी है- एक सच्चा ‘जन आंदोलन’।यह स्वच्छ सर्वेक्षण के व्यापक विकास में भी परिलक्षित होता है जो 2016 में 73 शहरों के बीच नमूने के तौर पर शुरू किया गया थाऔर आज दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण बन चुका है।उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों को समग्र स्वच्छता यानी स्वच्छ हवा, स्वच्छ भूमि और स्वच्छ जल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए समर्पित किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए हरित और समावेशी शहरों का निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने इस उत्सव के माध्यम से शहरी भारत के स्वच्छता चैंपियनों को बधाई दी जिसे सटीक शीर्षक स्वच्छ अमृत महोत्सव प्रदान किया गया है।

 
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री, श्री हरदीप सिंह पुरी और आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री, श्री कौशल किशोरने छत्तीसगढ़ और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल सहित गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में पुरस्कार प्राप्त करने वाले शहरों और राज्यों को सम्मानित भी किया।
विगत कुछ वर्षों में, स्वच्छ सर्वेक्षण (एसएस) शहरी परिदृश्य को बदलने के लिए एक प्रभावी उपकरण के रूप में उभरकर सामने आया है। कोविड-19 से उत्पन्न हुई जमीनी चुनौतियों के बावजूद, 28 दिनों के रिकॉर्ड समय में 2,000 से अधिक मूल्यांकनकर्ताओं की एक टीम ने 65,000 से अधिक वार्डों का दौरा किया।महाराष्ट्र ने सफलतापूर्वक कुल 92 पुरस्कार प्राप्त किया है, जो इस वर्ष के सर्वेक्षण में किसी भी राज्य द्वारा प्राप्त किया गयायह सबसे अधिक पुरस्कार है, इसके बाद छत्तीसगढ़ का स्थान आता है जिसने 67 पुरस्कार प्राप्त किया है।इसके अतिरिक्त, प्रेरक दौर सम्मान के अंतर्गत, स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत शुरू की गई एक नई प्रदर्शन श्रेणी, पांच शहरों – इंदौर, सूरत, नवी मुंबई, नई दिल्ली नगर परिषद और तिरुपति को ‘दिव्य’ (प्लैटिनम) के रूप में वर्गीकृत किया गया।इस वर्ष के सर्वेक्षण में 4,320 शहरों ने हिस्सा लिया, जिसमें नागरिकों की प्रतिक्रिया में अभूतपूर्व बढ़ोत्तरी देखी गई – 5 करोड़ से ज्यादा, जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या 1.87 करोड़ थी। स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 ने शहरी भारत में स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में 6,000 से ज्यादा नवाचारों और सर्वोत्तम प्रथाओं की पहचान करने में भी मदद की है।
आज के आयोजन का दूसरा सत्र, स्वच्छ भारत अभियान-शहरी के अग्रिम योद्धाओं, सफाईमित्रों को समर्पित किया गया।विश्व शौचालय दिवस (19 नवंबर) के अवसर में, इस सत्र में पहली बार सफाईमित्र सुरक्षा चुनौती के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को मान्यता प्रदान की गई।इंदौर, नवी मुंबई, नेल्लोर और देवास सीवर और सेप्टिक टैंकों की जोखिम भरी सफाई से मानव मौत को समाप्त करने के लिए पिछलेवर्ष आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालयद्वारा शुरू किए गए सुरक्षा चैलेंज में विभिन्न जनसंख्या श्रेणियों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले के रूप में उभरे। राज्यों में छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ को चुनौती के अंतर्गत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य और केंद्र शासित प्रदेश का पुरस्कार प्राप्त हुआ।पिछले एक वर्ष में, सफाईमित्र सुरक्षा चैलेंज ने राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्तीय विकास निगम (एनएसकेएफडीसी) के माध्यम से बैंकों के साथ सफाई मित्रों का क्रेडिट लिंकेज, सेक्टर स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स के माध्यम से नौकरी पर प्रशिक्षण और 190 से ज्यादा शहरों में हेल्पलाइन नंबर- 14420 की स्थापना – एक नागरिक शिकायत मंच के माध्यम से शहरी भारत में ‘मैनहोल टू मशीन होल’ क्रांति को प्रेरित करने में सक्षम बना है।
कचरा मुक्त शहरों को स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अंतर्गत 3-स्टार और 5-स्टार रेटिंग वाले शहरों के परिणामों की घोषणा करके एसबीएम-यू 2.0 के अंतर्गत कचरा मुक्त भारत के दृष्टिकोण को और गति प्रदान की गई है।कुल 9 शहरों – इंदौर, सूरत, नई दिल्ली नगर पालिका परिषद, नवी मुंबई, अंबिकापुर, मैसूर, नोएडा, विजयवाड़ा और पाटन- को 5 स्टार शहरों के रूप में प्रमाणित किया गया है जबकि 143 शहरों को 3 स्टार शहरों के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। कचरा मुक्त शहरों के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल को 2018 में आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा एक स्मार्ट फ्रेमवर्क के रूप में प्रस्तुत किया गया था, जिससे कि ठोस अपशिष्ट प्रबंधन मापदंडों में     वाले शहरों का समग्र मूल्यांकन किया जा सके। 2018 में, केवल 56 शहरों को कुछ स्टार रेटिंग पर प्रमाणपत्र द्वारा सम्मानित किया गया था। इस वर्ष, मूल्यांकन के लिए आवेदन करने वाले 2,238 शहरों के साथ इस संख्या में कई गुना बढ़ोत्तरी हुई है।इस विशाल कार्य को कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जैसा कि संख्या में साक्ष्य है कि 3.5 करोड़ डेटा प्वांट से 1.4 करोड़ फोटोग्राफिक साक्ष्यों को एकत्रित किया गया,साथ ही मूल्यांकन अवधि के दौरान 14.19 लाख नागरिक सत्यापन और 1 लाख स्थानों को कवर किया गया।
भारत के राष्ट्रपति द्वारा स्वच्छ भारत अभियान-शहरी 2.0 के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए ‘हर धड़कन स्वच्छ भारत की’ नामक गीत के विमोचन के माध्यम से उत्सव की भावना को आगे बढ़ाया गया। यह गीत स्वच्छता आंदोलन की भावना को समाहित करता है और स्वच्छता यात्रा में सभी नागरिकों, विशेषकर बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों की प्रतिबद्धता को सलाम करता है। यह वीडियो, जो कि स्वच्छ, हरे और आधुनिक शहरी भारत को दर्शाता है, आने वाले दिनों में लोगों को एसबीएम-यू2.0 यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए फिर से जीवंत करने का एक प्रयास है। इस गीत का लिंक है-
https://www.youtube.com/watch?v=CY_ejy6ifwE.

स्वच्छ भारत अभियान-शहरी 2.0 जिसकी शुरूआत 1 अक्टूबर, 2021 को की गई है, उसमें सभी लोगों के लिए स्वच्छता सुविधाओं तक पूर्ण पहुंच सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। प्रौद्योगिकी ने पिछले सात वर्षों में एसबीएम-यू की यात्रा के अंतर्गत परिणामों को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस डिजिटल यात्रा में एक विशाल छलांग लगाते हुए, मंत्रालय ने संशोधित स्वच्छ भारत अभियान-शहरी 2.0 वेबसाइट और एकीकृत एमआईएस पोर्टल ‘स्वच्छतम’ की शुरूआत की है।
इसके अतिरिक्त, एक भविष्यवादी और अत्याधुनिक स्थानिक जीआईएस मंच की शुरूआत की गई, जो अभियान को स्मार्ट, डेटा संचालित निर्णय लेने की दिशा में आगे लेकर जाएगा। इन नए डिजिटल सक्षमताओं के माध्यम से अभियान को स्वच्छता स्पेक्ट्रम में राज्यों, शहरों और हितधारकों के साथ चौबीसों घंटे संपर्क में रहने के साथ-साथ कागजरहित, मजबूत और पारदर्शी बनने में मदद मिलेगी।
इस प्रकार से, स्वच्छ अमृत महोत्सव, स्वच्छ भारत अभियान-शहरी के पिछले सात वर्षों में शहरों की उपलब्धियों का उत्सव है और स्वच्छ भारत अभियान-शहरी 2.0 के माध्यम से स्वच्छता के अगले चरण में नए जोश के साथ आगे बढ़ने के लिए शहरों और नागरिकों की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करने वाला उत्सव है।

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