भारतीय संविधान विश्व में अनूठा संविधान है : निशंक
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने संविधान दिवस के अवसर पर पूरे देश में चल रहे नागरिक कर्तव्य पालन अभियान के हिस्से के रूप में kartavya.ugc.ac.in पोर्टल लांच किया। पोर्टल का उपयोग विद्यार्थियों के लिए प्रत्येक महीने लेख प्रतियोगिता आयोजित करने के उद्देश्य से किया जाएगा। पोर्टल में नागरिक कर्तव्य पालन अभियान से संबंधित क्वीज, वाद-विवाद, पोस्टर बनाने जैसे कार्यक्रम भी हैं। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी उपस्थित थे। समारोह में उच्च शिक्षा सचिव आर. सुब्रहमण्यम, एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे, यूजीसी के सचिव रजनीश जैन और आईआईएसईआर कोलकाता के निदेशक सौरव पाल तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री ने कहा कि आज हम महान मिशन की आधारशिला रखा रहे हैं, क्योंकि नागरिक कर्तव्य पालन अभियान देश के युवाओं को दिशा देगा। यह अभियान उन्हें इस बात से अवगत कराएगा कि जब हम कर्तव्य पालन करेंगे, तो स्वत: अधिकारों का पालन होगा। यह सिद्धांत विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा और क्षमता को सही दिशा में ले जाने में सक्रिय बनाएगी तथा उन्हें मिशन प्राप्ति में मदद देगी।
रमेश पोखरियाल ने कहा कि आज हम संविधान दिवस मना रहे हैं और भारतीय संविधान विश्व में अपने किस्म का अनूठा संविधान है। यह संविधान अतुल्य है, जिसमें हमें नये भारत के निर्माण के लिए आकांक्षा और अवसर प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग पूरे वर्ष राष्ट्रीय लेख प्रतियोगिता के 11 दौर आयोजित करेगा और हर महीने लेख का विषय एक मौलिक कर्तव्य पर आधारित होगा। संजय धोत्रे ने कहा कि हम सभी संविधान द्वारा दिए गए अपने अधिकारों के प्रति सचेत हैं, लेकिन संविधान में दिए गए कर्तव्य उतना आकर्षित नहीं करते। इसलिए समाज और देश के प्रति कर्तव्यों के बारे में लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाया गया है। श्री धोत्रे ने विद्यार्थियों से कहा कि उन्हें अपना करियर बनाते समय समाज के प्रति भी चिंता विकसित करनी चाहिए। इसी तरह से विद्यार्थी समाज और राष्ट्र की सामूहिक भलाई की दिशा में योगदान करेंगे।इस अवसर पर श्री पोखरियाल ने एआईसीटीई का पोर्टल ‘अभियंता’ भी लांच किया। इस पोर्टल में आर्टिफिशियल इंटेलिजियंस, क्लाउड कम्प्यूटरिंग, बिग-डेटा जैसे उभरते क्षेत्रों को शामिल किया गया है। एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. अनिल सहस्रबुद्धे ने बताया कि पोर्टल ग्राफिक एरा डिम्ड यूनिवर्सिटी, देहरादून के विद्यार्थियों द्वारा एआईसीटीई की इनटर्नशिप परियोजना के अंतर्गत नि:शुल्क विकसित किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री ने विद्यार्थियों के प्रयासों को कर्तव्य का उदाहरण बताते हुए एआईसीटीई की पहल तथा विद्यार्थियों के असाधारण योगदान की प्रशंसा की।
प्रतियोगिता राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के बुनियादी ढांचे और परीक्षण केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी और देश के किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान में पंजीकृत प्रत्येक छात्र के लिए खुली होगी। निबंध प्रतियोगिताओं के लिए पंजीकरण कर्तव्य पोर्टल के माध्यम से किया जा सकता है। निबंध लेखन के लिए केंद्रों का विकल्प प्रतियोगियों को ऑनलाइन पंजीकरण करते समय उपलब्ध कराया जाएगा। निबंध हिंदी या अंग्रेजी में लिखे जा सकते हैं। इसके लिए 15000 रुपये, 12,000 रुपये, 10,000 रुपये और 7,500 रुपये के चार पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।
वर्तमान वर्ष 2019 भारतीय संविधान को अंगीकार किए जाने की 70वीं वर्षगांठ है। सरकार ने हमारे संविधान में प्रतिष्ठापित मौलिक कर्तव्यों के बारे में व्यापक जागरूकता फैलाने के लिए 26 नवंबर, 2019 से 26 नवंबर, 2020 तक एक नागरिक कर्तव्य पालन अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है। आज संविधान दिवस मनाए जाने के अवसर पर, देश भर के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के छात्रों, कर्मचारियों और शिक्षकों ने संसद की कार्यवाही का सीधा प्रसारण देखा। देश भर के केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों के छात्रों के साथ–साथ उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों ने भी अपने–अपने संस्थानों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ने में भाग लिया। इस अवसर पर देश भर के स्कूलों और कॉलेजों में शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर अन्य कार्यक्रमों के अलावा वाद–विवाद, निबंध प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, संगोष्ठियां और व्याख्यान, मॉक पार्लियामेंट का आयोजन भी किया गया।
साल भर के समारोहों के दौरान, प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थानों में कार्यशालाएं, लॉ कॉलेजों के सहयोग से प्रतिष्ठित न्यायविदों द्वारा अतिथि व्याख्यान, पोस्टर मेकिंग और स्लोगन लेखन प्रतियोगिताएं और नुक्कड़ नाटक आयोजित किए जाएंगे। यूजीसी और एआईसीटीई इस अभियान को आगे बढ़ा रहे हैं और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली राष्ट्रीय समन्वय विश्वविद्यालय है। इसके अतिरिक्त, 25 राज्यों के समन्वय वाले विश्वविद्यालयों की पहचान की गई है, जो अपने राज्यों में संबद्ध कॉलेजों के माध्यम से अभियान चलाएंगे। राज्य में लॉ कॉलेज भी राज्य समन्वय संस्थानों के माध्यम से इस अभियान में शामिल किए जाएंगे।