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भारत एनसीएक्स 2025उद्घाटन, साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत का निर्णायक कदम

Amar sandesh गांधीनगर। भारत के साइबर सुरक्षा परिदृश्य को सशक्त और भविष्य के खतरों के प्रति अधिक तैयार बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए, राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा अभ्यास – भारत एनसीएक्स 2025 का औपचारिक उद्घाटन उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री टी.वी. रविचंद्रन द्वारा किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) द्वारा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। उद्घाटन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) बिमल एन. पटेल विशेष रूप से उपस्थित रहे।

यह अभ्यास भारत की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस प्रयास है, जिसका विषय है — “भारतीय साइबरस्पेस की परिचालन तैयारियों को बढ़ाना।” अभ्यास का उद्देश्य भारत में साइबर खतरों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, त्वरित प्रतिक्रिया और सहयोग को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम 21 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक आयोजित किया जा रहा है और इसका समापन एक संयुक्त डीब्रीफिंग सत्र में होगा, जिसमें नीति और परिचालन स्तर के निष्कर्षों का विश्लेषण किया जाएगा और भविष्य के लिए साइबर रणनीतियाँ स्थापित की जाएंगी।

भारत एनसीएक्स 2025 एक राष्ट्रीय मंच है, जो देशभर के साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, रक्षाकर्मियों और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को एक साथ लाता है। यह अभ्यास वास्तविक साइबर खतरों की स्थिति का अनुकरण करता है, जिसमें महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर केंद्रित साइबर हमले, डीपफेक हेरफेर, एआई संचालित स्वायत्त मैलवेयर प्रतिक्रियाएं और एपीआई सुरक्षा उल्लंघन जैसी उन्नत साइबर चुनौतियाँ शामिल हैं।

उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टी.वी. रविचंद्रन ने अपने उद्घाटन संबोधन में कहा कि हमारे डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा — शासन, स्वास्थ्य, ऊर्जा, परिवहन और रक्षा जैसे प्रत्येक क्षेत्र के लिए — अब राष्ट्रीय सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और नागरिक विश्वास का मूल आधार बन चुकी है। उन्होंने कहा कि भारत एनसीएक्स जैसा अभ्यास हमें व्यावहारिक स्तर पर तैयार करता है और यही हमारे साइबर लचीलापन की असली कसौटी है।

इस अवसर पर राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) बिमल एन. पटेल ने कहा कि पिछले दो दशकों में साइबर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्षमताओं ने डिजिटल स्पेस को संघर्ष, प्रतिस्पर्धा और रणनीतिक निर्णय का नया मंच बना दिया है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि राष्ट्र-राज्यों के साथ-साथ राज्य-प्रायोजित साइबर एजेंसियों की चुनौती को समझना और उसका समाधान ढूंढना आज की सबसे बड़ी ज़रूरत बन चुकी है।

अभ्यास की विशेषताओं में लाइव-फायर सिमुलेशन शामिल हैं, जो आईटी और ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी (OT) दोनों प्रणालियों पर संभावित साइबर हमलों का अनुकरण करते हैं। साथ ही, प्रतिभागियों को यह भी समझाया जाता है कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साइबर सुरक्षा के परिदृश्य को बदल रहा है। एक विशेष रणनीतिक निर्णय-निर्माण अभ्यास भी आयोजित किया जा रहा है, जो साइबर संकट से निपटने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की रणनीतिक क्षमता को मजबूत करता है।

इस अभ्यास के तहत CISO कॉन्क्लेव का आयोजन भी किया गया है, जहां सरकारी और निजी क्षेत्रों के प्रमुख मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (CISO) एकत्रित होकर एआई, साइबर सुरक्षा और नीतियों पर चर्चा करेंगे। साथ ही, भारत साइबर सुरक्षा स्टार्टअप प्रदर्शनी में भारतीय स्टार्टअप्स को अपने समाधान प्रदर्शित करने का अवसर दिया गया है — जिससे देश को सुरक्षित और आत्मनिर्भर डिजिटल बुनियादी ढांचे की ओर बढ़ने में सहायता मिलेगी।

भारत एनसीएक्स 2025, सहयोग, नवाचार और नेतृत्व को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की साइबर सीमाओं को सुरक्षित रखने की दृढ़ प्रतिबद्धता का परिचायक है। यह अभ्यास न केवल एक तकनीकी अभ्यास है, बल्कि भारत की साइबर नीति, सुरक्षा रणनीति और डिजिटल भविष्य की स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर भी है।

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