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भारत के पास दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार और 5जी बाजार: पीएम मोदी

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि भारत के पास आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार है। इसके साथ ही हमारे पास दूसरा सबसे बड़ा 5जी बाजार है और नेतृत्व करने के लिए जनशक्ति, गतिशीलता और मानसिकता है। यह भारत में निवेश करने, नवाचार करने और निर्माण करने का सबसे अच्छा समय है।

पीएम मोदी ने यह बातें आज बुधवार को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि में एशिया के सबसे बड़े दूरसंचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी आयोजन, इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी) 2025 के 9वें संस्करण के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कही। आईएमसी आयोजन दूरसंचार विभाग (डीओटी) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

राजधानी दिल्ली में 8 से 11 अक्टूबर तक “इनोवेट टू ट्रांसफॉर्म” विषय के अंतर्गत आईएमसी के विशेष संस्करण को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने अपना मेड इन इंडिया 4जी स्टैक लॉन्च किया है, यह देश के लिए एक बड़ी स्वदेशी उपलब्धि है, इसके साथ ही भारत दुनिया के उन पांच देशों की सूची में शामिल हो गया है जिनके पास यह क्षमता है।

उन्होंने कहा कि यहां कई स्टार्टअप्स ने वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम, क्वांटम संचार, 6जी, ऑप्टिकल संचार और सेमीकंडक्टर सहित महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतियां दीं। ऐसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतियां देखकर यह विश्वास और मज़बूत होता है कि भारत का तकनीकी भविष्य सक्षम हाथों में है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत कुछ ही वर्षों में एशिया के सबसे बड़े डिजिटल प्रौद्योगिकी मंच के रूप में उभरा है। उन्‍होंने कहा कि हमारी इस सफलता की गाथा को लिखने और इसे आगे बढ़ाने में भारत की तकनीक-प्रेमी मानसिकता की सबसे बड़ी भूमिका है, जिसका नेतृत्व युवाओं ने किया है और देश की प्रतिभा ने इसे बल दिया है।

उन्होंने दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास कोष और डिजिटल संचार नवाचार स्क्वायर जैसी पहलों का उल्‍लेख किया, जिनके माध्यम से स्टार्टअप्स को वित्त पोषित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार उत्पाद विकास को सक्षम बनाने के लिए 5जी, 6जी, उन्नत ऑप्टिकल संचार और टेरा-हर्ट्ज जैसी तकनीकों के परीक्षण केंद्रों का वित्तपोषण कर रही है।

पीएम मोदी ने कहा कि स्टार्टअप्स और प्रमुख शोध संस्थानों के बीच साझेदारी को सुगम बनाया जा रहा है, और सरकारी सहयोग से, भारतीय उद्योग, स्टार्टअप्स और शिक्षा जगत विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भारत स्वदेशी तकनीकों का विकास और विस्तार, अनुसंधान एवं विकास के माध्यम से बौद्धिक संपदा का सृजन और वैश्विक मानकों में योगदान जैसे हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने भारत को वैश्विक पटल पर एक प्रभावी मंच के रूप में स्थापित किया है।

आईएमसी 2025 का आयोजन 8 से 11 अक्टूबर तक किया जाएगा, जिसमें डिजिटल परिवर्तन और सामाजिक प्रगति के लिए नवाचार का लाभ उठाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता प्रतिबद्धता का उल्‍लेख किया जाएगा।

इस कार्यक्रम में 150 से ज़्यादा देशों से 1.5 लाख से ज़्यादा आगंतुकों, 7,000 से ज़्यादा वैश्विक प्रतिनिधियों और 400 से ज़्यादा कंपनियों के भाग लेने की आशा है। 5जी/6जी, एआई, स्मार्ट मोबिलिटी, साइबर सुरक्षा, क्वांटम कंप्यूटिंग और हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में 1,600 से ज़्यादा नए उपयोग-मामलों को 100 से ज़्यादा सत्रों और 800 से ज़्यादा वक्ताओं द्वारा इसमें भागीदारी की जायेगी।

इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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