एआईआईए में “पंचकर्म और आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों” पर सीएमई कार्यक्रम का शुभारंभ
Amar sandesh नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए), नई दिल्ली के पंचकर्म और संहिता सिद्धांत विभागों द्वारा संयुक्त रूप से आज से 11 अक्टूबर 2025 तक “पंचकर्म और आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों” पर एक सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम आयुष मंत्रालय द्वारा प्रायोजित और राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी), नई दिल्ली द्वारा समन्वित है।
कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ (आरएवी) की निदेशक डॉ. वंदना सिरोहा की गरिमामयी उपस्थिति में हुआ, जिन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अपने उद्घाटन संबोधन में उन्होंने निरंतर व्यावसायिक शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि “पारंपरिक आयुर्वेदिक ज्ञान को आधुनिक शोध के साथ जोड़ना ही समग्र स्वास्थ्य सेवा वितरण को सशक्त बनाएगा।”
इस अवसर पर एआईआईए के डीन (अकादमिक) डॉ. महेश व्यास, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एम.एम. राव तथा प्रो. एस.एच. आचार्य सहित प्रख्यात आयुर्वेद विशेषज्ञों ने पंचकर्म की मूल अवधारणाओं एवं आयुर्वेद के मौलिक सिद्धांतों पर व्याख्यान प्रस्तुत किए। इन सत्रों का उद्देश्य प्रतिभागियों की पंचकर्म चिकित्सा की वैचारिक समझ और उसके नैदानिक अनुप्रयोग को गहराई से विकसित करना है।
सीएमई कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य आयुर्वेद चिकित्सकों और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों की शैक्षणिक एवं नैदानिक दक्षता को सुदृढ़ करना है। इस अंतर्गत शास्त्रीय ग्रंथों पर आधारित चर्चाएँ, लाइव प्रदर्शन और व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र शामिल किए गए हैं, जो प्रतिभागियों को अनुभवात्मक शिक्षा का अवसर प्रदान करेंगे।
यह आयोजन आयुष मंत्रालय और उसके संस्थानों द्वारा आयुर्वेद में उत्कृष्टता, क्षमता निर्माण एवं शैक्षणिक उन्नति को प्रोत्साहित करने के निरंतर प्रयासों का प्रतीक है।