श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिन श्री कृष्ण और रुक्मणि का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया
श्री कृष्ण मंदिर गणेश नगर-२ शकरपुर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के तहत चल रही श्रीमद् भागवत कथा में छठे दिन श्री कृष्ण और रुक्मणि का विवाह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। विवाह उत्सव के दौरान प्रस्तुत किए गए भजनों के दौरान श्रद्धालु अपने आप को रोक नहीं पाए और जमकर नाचे। कथा व्यास स्वामी देवनायकाचार्य जी (काशी धाम) ने कहा कि रुक्मणि भगवान की माया के समान थीं, रुक्मणि ने मन ही मन यह निश्चित कर लिया था कि भगवान श्री कृष्ण ही मेरे लिए योग्य पति हैं लेकिन रुक्मिणी का भाई रूकमी श्रीकृष्ण से द्वेष के कारण शिशुपाल को रुक्मिणी का पति बनाने का निश्चय किया, इससे रुक्मिणी को दुःख हुआ। उन्होंने अपने एक विश्वासपात्र को भगवान श्री कृष्ण के पास भेजा । इसके बाद श्री कृष्ण जी विदर्भ जा पहुंचे। उधर रुक्मणी का शिशुपाल के साथ विवाह की तैयारी हो रही थी। परंतु रुक्मणि जी प्रार्थना का असर हुआ और श्री कृष्ण का विवाह रुक्मणी के साथ हुआ। कथा सुनने आए सैकड़ों श्रद्धालुओं भगवान श्री कृष्ण व रुक्मणी जी की झांकी के दर्शन किये कथा में सैकड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ रही।
इस अवसर पर थाना शकरपुर के थानाध्यक्ष संजीव शर्मा, अतिरिक्त थानाध्यक्ष, शकरपुर सनातन धर्मसभा, श्री कृष्ण मंदिर से मंदिर के पुजारी गिरधारी लाल गोस्वामी जी, राजबहादुर पांडेय, रामेश्वर तिवारी, जेपी शर्मा, रवि प्रकाश गुप्ता, बीएस नेगी, श्याम सुन्दर रेलन, विजय कुमार शर्मा, अशोक शर्मा, के के त्यागी, देवन्द्र सिंह नेगी , रमाकांत पांडेय, मंटू राय, रवि पाराशर, अजय नागपाल राजेश दुबे तथा ओमी भारद्वाज सहित सैकड़ों की संख्या में कथा सुनने वाले भक्त मौजूद रहे।