Amar sandesh नई दिल्ली, 24 जून।देश की ख्यातिप्राप्त संस्था फाउंडेशन फॉर कृष्ण कला एजुकेशन सोसाइटी द्वारा आज इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC), नई दिल्ली में गुरु पूर्णिमा एवं अंतरराष्ट्रीय योग उत्सव 2025 के भव्य आयोजन में देशभर के प्रतिष्ठित एवं नवोदित कलाकारों ने अपनी अनुपम शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुतियों से गुरुओं को नमन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरु वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात मंच पर एक से बढ़कर एक शास्त्रीय प्रस्तुतियाँ हुईं। प्रथम सत्र में एकल नृत्य प्रस्तुतियाँ देने वाले प्रमुख कलाकारों में शंभवी वर्मा (कथक), अनन्या (ओडिसी), खानक, पीहू पीयूष, सहार अनामिका हैदर, सान्वी (भरतनाट्यम) और श्रेया (कथक) शामिल रहीं। इनकी सधी हुई प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
युगल नृत्य में आनंदी मिश्रा एवं मननत डोगरा, श्रीजीता व सुनीष्का भट्टाचार्य, दिविजा सपरा व शुभ्रा खनिजो, तविशिउ, कियोषा और संस्कृति तथा दिया व अर्णा की प्रस्तुतियाँ विशेष रूप से सराही गईं।
समूह नृत्य प्रतियोगिता में उपहार डांस कंपनी – उपासना (7 सदस्य), अष्टनायिका ग्रुप (8 सदस्य), आरंभ म्यूजिक एंड डांस अकादमी (4 सदस्य), अखंड नूपुर ध्वनि डांस सेंटर (5 सदस्य) और उपहार डांस कंपनी – राहुल गंगानी (5 सदस्य) की आकर्षक प्रस्तुतियाँ मंचित की गईं, जिन्होंने दर्शकों से भरपूर सराहना प्राप्त की।
इसके साथ ही योग प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहा, जिसमें योग गुरु श्री अमित कुमार चौहान एवं उनकी टीम ने दर्शनीय प्रस्तुतियाँ दीं। योग एवं नृत्य के इस समन्वय ने कार्यक्रम को एक आध्यात्मिक ऊँचाई प्रदान की।
इसके पश्चात हुई विशेष नृत्य प्रस्तुतियाँ, जिसमें गुरु संगीता कुलश्रेष्ठा (भरतनाट्यम), श्री शुभम केसरी (कथक), विदुषी मानवी चतुर्वेदी (भरतनाट्यम), श्री राहुल गंगानी व विदुषी उपासना (कथक), विदुषी पूजा ओवलेकर (कथक), तथा विदुषी बृजेश कुमारी (कथक) ने मंच पर अपनी निपुणता का प्रदर्शन किया।
द्वितीय सत्र में विचार गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें देश के कला, शिक्षा, संस्कृति एवं मीडिया जगत की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। विचार व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से डॉ. सुशील भारती, डॉ. अनीता शर्मा, डॉ. शशि प्रभा, श्रीमती अमृत नीलम, पद्मश्री नलिनी-कमलिनी जी, गुरु नंदिनी सिंह, प्रो. रमेश गौड़, डॉ. एम. रहमतुल्लाह, संगीता कुलश्रेष्ठा, डॉ. अतासी मिश्रा, श्री सदानंद विश्वास, श्रुति सिन्हा, कैप्टन श्याम कुमार, गुरु सुभाष चंद्र, प्रो. अल्का अग्रवाल, श्री राजेश पांडेय, श्री बी. एल. बत्रा, श्रीमती वसुधरा मेहरोत्रा एवं श्रीमती अंकिता नादान प्रमुख रहे। सभी वक्ताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
तृतीय चरण में पं. दीपक जी महाराज की कथक प्रस्तुति अत्यंत प्रशंसनीय रही। उन्हें संगत दी श्री प्रांशु चतुर्लाल (तबला), श्री जयवर्धन दधीच और उस्ताद जनाब वारसी खान ने।
इसके बाद मंच पर विविध प्रस्तुतियाँ दी गईं—कथक (पार्थ मंडल के छात्र), कुचिपुड़ी (अब्दुल खालिद), कथक त्रयी – प्रियांशी, स्नेहा एवं सृंजिता, भरतनाट्यम (श्रेया ज्योतिष) और कथक (अमन पांडेय)।
लाइव संगत में श्री योगेश गंगानी (तबला), उस्ताद समी उल्लाह खान (वोकल), श्री आशीष गंगानी (पखावज), श्री धीरेन तिवारी, श्री संजीत गंगानी, विदुषी अंजना सिंह और श्री जुनैद खान (सारंगी) की प्रस्तुतियाँ उच्चकोटि की रहीं।
अंत में, कथक प्रस्तुतियाँ दीं – श्री चैनल प्रसाद, सुश्री अश्मिता ऐच, सुश्री प्रियंका कपिल, सुश्री अमरपाली भंडारी और श्री रवि यादव ने। सभी कलाकारों को मंच पर आमंत्रित कर शॉल व सम्मानपत्र प्रदान किए गए।कार्यक्रम का समापन संयोजक डॉ. अनु सिन्हा एवं कैप्टन श्याम कुमार द्वारा आभार ज्ञापन के साथ हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में कला प्रेमियों, विद्वानों एवं युवा कलाकारों की उपस्थिति ने इसे यादगार बना दिया।