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गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने दूसरे स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ का सफल जलावतरण किया

समुद्र की सुरक्षा में एक और आत्मनिर्भर कदम, भारत के समुद्री क्षेत्र को मिलेगा नई ताकत”

Amar sandesh दिल्ली।भारत के अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा शिपयार्ड, गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) ने आज भारतीय तटरक्षक बल के लिए निर्मित दूसरे स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत (Pollution Control Vessel) – ‘समुद्र प्रचेत’ का सफलतापूर्वक जलावतरण किया। इस पोत का निर्माण पूर्ण रूप से स्वदेशी तकनीक और डिज़ाइन से किया गया है, जो “आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण की दिशा में एक ठोस और प्रेरणादायक कदम है।

यह पोत, GSL यार्ड 1268, प्रदूषण नियंत्रण श्रेणी की दो जहाजों की श्रृंखला का अंतिम पोत है। इससे पहले इसी श्रृंखला का पहला पोत, GSL यार्ड 1267, का जलावतरण 29 अगस्त 2024 को हुआ था और वह वर्तमान में अपनी डिलीवरी की अंतिम चरण में है।

‘समुद्र प्रचेत’ का जलावतरण समारोह एक भावनात्मक, गौरवपूर्ण और तकनीकी उपलब्धियों से भरपूर आयोजन रहा। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि (AVSM, PTM, TM) ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने जलावतरण की औपचारिक घोषणा की। जहाज का शुभारंभ श्रीमती प्रिया परमेश द्वारा पारंपरिक रीति से किया गया।

इस अवसर पर IG भीष्म शर्मा (COMCG – पश्चिम), IG सुधीर साहनी (DDG – M&M), GSL के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्री बृजेश कुमार उपाध्याय, रक्षा मंत्रालय, भारतीय तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारीगण, शिपयार्ड के इंजीनियर, तकनीकी स्टाफ और सैकड़ों कर्मचारियों की उपस्थिति रही। यह दृश्य भारतीय समुद्री निर्माण के आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता की जीती-जागती मिसाल बन गया।
‘समुद्र प्रचेत’ – तकनीकी उत्कृष्टता और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक

यह पोत आधुनिक तकनीक से सुसज्जित है और इसे विशेष रूप से तेल रिसाव जैसे समुद्री प्रदूषण से त्वरित निपटने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं:

लंबाई: 114.5 मीटर,चौड़ाई: 16.5 मीटर,विस्थापन क्षमता: 4170 टन

अत्याधुनिक पोल्यूशन रिस्पॉन्स इक्विपमेंट, जो समुद्र में हुए किसी भी रिसाव की स्थिति में तटरक्षक बल को त्वरित कार्रवाई करने में सक्षम बनाएगा।

‘समुद्र प्रचेत’ का निर्माण पूरी तरह गोवा शिपयार्ड के डिज़ाइन और इंजीनियरिंग संसाधनों से किया गया, जिससे स्थानीय उद्योगों, MSMEs और युवाओं को व्यापक स्तर पर रोजगार और कौशल विकास के अवसर प्राप्त हुए। इस परियोजना ने न केवल समुद्री सुरक्षा को सुदृढ़ किया है, बल्कि स्थानीय आर्थिक प्रणाली को भी मजबूती दी है। शिपयार्ड परिसर में कार्यरत कर्मचारियों ने दिन-रात मेहनत करके इस विशाल पोत को वास्तविकता का रूप दिया, जिससे पूरे राष्ट्र का गौरव बढ़ा है।

इस अवसर पर अपने संबोधन में महानिदेशक परमेश शिवमणि ने कहा“प्रदूषण नियंत्रण पोत भारतीय तटरक्षक बल के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। समुद्र में तेल रिसाव जैसी आपदाएं पर्यावरण के साथ-साथ राष्ट्रीय हितों को भी प्रभावित करती हैं। ऐसे में ‘समुद्र प्रचेत’ जैसे पोत हमें त्वरित, प्रभावशाली और स्वदेशी समाधान उपलब्ध कराते हैं। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड और निजी क्षेत्र की साझेदारी से यह साबित हुआ है कि भारत आज उच्चतम गुणवत्ता के रक्षा पोत निर्माण में आत्मनिर्भर हो चुका है।उन्होंने GSL के कर्मचारियों,अभियंताओं और परियोजना से जुड़े सभी तकनीकी सहयोगियों को विशेष रूप से धन्यवाद दिया और कहा कि “हमारी यह यात्रा अब रुकेगी नहीं। हम लगातार रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।”
समुद्र प्रचेत’ का निर्माण और लॉन्चिंग केवल एक पोत के समंदर में उतरने का प्रतीक नहीं है, यह भारत की रक्षा उत्पादन आत्मनिर्भरता की घोषणा है। यह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब सिर्फ उपभोग करने वाला देश नहीं, बल्कि तकनीकी निर्माणकर्ता और निर्यातक राष्ट्र बनने की राह पर अग्रसर है।

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