उत्तराखण्डी महाकुम्भ में दिखेगी लोक संस्कृति की झलक
समाज की एकजुटता को मजबूती देना हमारा लक्ष्य- –डॉ. बछेती
अमर संदेश नई दिल्ली। देश-विदेश में रह रहे उत्तराखण्ड समाज के लोगों द्वारा समय-समय पर अपनी भाषा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। राजधानी दिल्ली में 21नवम्बर को द्वितीय उत्तराखण्डी महाकुम्भ का आयोजन उत्तराखण्ड की अनेक संस्थाओं द्वारा पूर्वी दिल्ली डीडीए पार्क रास विहार आईपी एक्सटेंशन, थाना मंडावली के पास दोपहर 1 बजे से होने जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन डॉ. विनोद बछेती के संरक्षण में किया जा रहा है। कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. विनोद बछेती के मुताबिक उत्तराखण्डी महाकुम्भ का मकसद अपनी बोली भाषा एवं कला संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। डॉ. विनोद बछेती समाज के लिए इस तरह की पहल लगातार करते रहते हैं, और इस कार्यक्रम का मकसद भी उत्तराखण्ड समाज में एकजुटता को बढ़ावा देना व अपनी संस्कृति को जीवित रखना है। कार्यक्रम के संरक्षक डॉ. विनोद बछेती अपनी भाषा- संस्कृति व साहित्य के विकास एवं संरक्षण के लिए समय-समय पर इस तरह के कार्यक्रम करवाते रहें हैं, जिससे हमारी संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा और नई पीढ़ी उसे आने वाले समय में संजोकर रख सके। उत्तराखण्डी महाकुम्भ में भी पहाड़ की संस्कृति कला और साहित्य की झलक देखने को मिलेगी। इस कार्यक्रम में उत्तराखण्डी गीतों की धूम सुर सम्राट नरेन्द्र सिहं नेगी, विशन हरियाला, मीना राणा व अन्य कलाकारों की उपस्थिति में होगी।
कार्यक्रम के आयोजक दयाल सिंह नेगी व अनिल पंत आदि ने उत्तराखण्ड समाज से अपील की है कि इस महाकुम्भ में अधिक से अधिक लोग पहुॅच कर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी एकजुटता का परिचय अवश्य दें। साथ ही वांसुकी फाउंडेशन के चेयरमैन पी एन शर्मा ने अमर संदेश के माध्यम से समाज के लोगों से अपील की कि महाकुंभ में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर इस आयोजन को सफल बनाएं और अपनी लोक संस्कृति लोक कला को युवा पीढ़ी तक पहुंचाने में इस आयोजन के टीम की सदस्यों का मनोबल बढ़ाएं।