भाजपा के पहले स्थायी मुख्यमंत्री के रूप में इतिहास रचने वाले पुष्कर सिंह धामी बने जन-जन के चहेते
Amar sandesh दिल्ली।उत्तराखंड की राजनीति जहां नेतृत्व की अस्थिरता के लिए जानी जाती रही है, वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस धारणा को न केवल बदला, बल्कि अपने स्थिर, जनभावनाओं से जुड़े और निर्णायक नेतृत्व से राज्य को नई दिशा और पहचान दी है।
4 जुलाई 2021 को जब भाजपा नेतृत्व ने युवा और ऊर्जावान नेता पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान सौंपी थी, तब शायद किसी ने अनुमान नहीं लगाया था कि यह नेतृत्व आने वाले वर्षों में इतिहास रच देगा। चार वर्षों के भीतर धामी राज्य के पहले ऐसे भाजपा मुख्यमंत्री बन गए, जिन्होंने निरंतर और स्थायी शासन दिया—एक ऐसी उपलब्धि जो अब तक सिर्फ कांग्रेस के एनडी तिवारी के नाम रही थी।
जनता से भावनात्मक जुड़ाव बना सबसे बड़ी ताकत
धामी की सबसे बड़ी शक्ति रही है उनका जनसंपर्क और भावनात्मक जुड़ाव। आपदा के समय अभिभावक बनकर, युवाओं से मित्रवत संवाद कर, महिलाओं के बीच बेटा और भाई बनकर उन्होंने जन-जन के हृदय में अपनी जगह बनाई। यही कारण है कि वह न केवल भाजपा नेतृत्व की पहली पसंद बने, बल्कि हर वर्ग के लोगों के बीच भरोसे का नाम बन गए।
नीतिगत क्रांति के सूत्रधार
मुख्यमंत्री धामी के कार्यकाल में उत्तराखंड कई ऐतिहासिक फैसलों का साक्षी बना। समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनकर उत्तराखंड ने एक नयी शुरुआत की। महिलाओं को तीन मुफ्त गैस सिलेंडर, 30% सरकारी नौकरियों और 33% सहकारी समितियों में आरक्षण, महालक्ष्मी योजना, लखपति दीदी और नारी सशक्तिकरण जैसी पहलों ने महिला सशक्तिकरण को एक नया आधार दिया।
शहीदों और सैनिकों को सम्मान
धामी सरकार ने शहीद परिवारों के लिए अनुग्रह राशि को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दिया। साथ ही उपनल कर्मचारियों को बीमा और अन्य सुविधाओं में समानता देकर उन्हें वह सम्मान दिया, जिसके वे हकदार थे।
पलायन रोकने की ठोस पहल और आर्थिक नवाचार
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए एप्पल मिशन, कीवी मिशन और हाउस ऑफ हिमालयाज जैसे अभिनव प्रयास किए गए। इससे न केवल स्थानीय उत्पादों को देश-विदेश में पहचान मिली, बल्कि स्थानीय आजीविका को भी मजबूती मिली।
23,000 से अधिक सरकारी पदों पर सीधी भर्ती, मानसखंड मंदिरमाला मिशन, महासू मंदिर हनोल विकास, राष्ट्रीय खेलों और G-20 बैठकों का सफल आयोजन, GEP और SDG इंडेक्स में शीर्ष प्रदर्शन – ये सब सीएम धामी के कुशल नेतृत्व और ज़मीनी कार्यशैली के प्रमाण हैं।
सड़कों, रेलवे और हवाई संपर्क में क्रांतिकारी सुधार हुए हैं। योजनाएं सिर्फ कागज़ों तक नहीं रहीं—धामी स्वयं ज़मीन पर उतरकर मॉनिटरिंग करते हैं ताकि अंतिम व्यक्ति तक लाभ पहुँचे।
“धाकड़ धामी” – एक नेता, एक प्रतीक, एक भरोसा
चार साल पहले जो यात्रा अनिश्चितताओं से शुरू हुई थी, वह आज उत्तराखंड के लिए विश्वास और विकास की मिसाल बन चुकी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य की उम्मीद बन चुके हैं। जनता ने उन्हें “धाकड़ धामी” की उपाधि दी है – और यह केवल एक नाम नहीं, बल्कि उस समर्पण, दूरदृष्टि और निर्णायक नेतृत्व की पहचान है, जो उत्तराखंड को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है।