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सरकार से मांग – “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के तहत कण्वनगरी–कोटद्वार राजकीय महाविद्यालय को स्नातकोत्तर कॉलेज बनाया जाए

ग्रामीण छात्राओं की उच्च शिक्षा का सपना पूरा होगा, पलायन पर भी लगेगी रोक

Amar sandesh कोटद्वार/कण्वघाटी। डू समथिंग सोसाइटी ने उत्तराखंड सरकार से मांग की है कि राजकीय महाविद्यालय कण्वनगरी–कोटद्वार को स्नातकोत्तर महाविद्यालय में उन्नत किया जाए। संगठन का कहना है कि यदि सरकार यह निर्णय लेती है तो सैकड़ों ग्रामीण बेटियों की पढ़ाई बीच में रुकने से बच जाएगी और क्षेत्र में शिक्षा का वातावरण सशक्त होगा।
सोसाइटी अध्यक्ष मयंक प्रकाश कोठारी ‘भारतीय’ ने बताया कि यह महाविद्यालय वर्ष 2015 में स्थापित हुआ था और वर्तमान में लगभग 450 छात्र-छात्राएँ यहाँ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। स्नातकोत्तर कक्षाएँ न होने से छात्राओं को 15–20 किलोमीटर दूर अन्य शहरों में जाना पड़ता है। कई अभिभावक बेटियों को इतनी दूर भेजने में असमर्थ रहते हैं, जिससे उनकी पढ़ाई बीच में छूट जाती है।
उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में पर्याप्त भूमि और आधारभूत ढाँचा उपलब्ध है, ऐसे में स्नातकोत्तर कक्षाएँ शुरू करना किसी भी दृष्टि से कठिन नहीं है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाशाली बेटियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा बल्कि पलायन पर भी प्रभावी रोक लगेगी।
सोसाइटी ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से अपील की है कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान की भावना को साकार करने के लिए कण्वनगरी–कोटद्वार महाविद्यालय को तत्काल स्नातकोत्तर महाविद्यालय का दर्जा प्रदान किया जाए। जिससे कि क्षेत्र की गरीब छात्राओं को उच्च शिक्षा प्राप्त होने में विलंब ना हो।
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