अयोध्या में मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया भव्य स्वागत
Amar sandesh दिल्ली/अयोध्या । प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या आज एक ऐतिहासिक क्षण की साक्षी बनी जब मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीन चंद्र रामगुलाम अपनी पत्नी वीना रामगुलाम और करीब तीस सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ पहुंचे। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं रेड कार्पेट पर उनका भव्य स्वागत किया। पुष्पगुच्छ और स्मृति चिह्न भेंट कर उन्होंने ‘अतिथि देवो भवः’ की परंपरा निभाई। मंत्रोच्चारण, कलश-आरती और ढोल-नगाड़ों की गूंज ने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक बना दिया।
इसके बाद प्रधानमंत्री रामगुलाम का काफिला कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सीधे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर पहुंचा। यहां उन्होंने अपनी पत्नी संग रामलला की आरती उतारी, लंबे समय तक दर्शन किए और मंदिर निर्माण कार्यों का अवलोकन किया। भावविभोर प्रधानमंत्री ने भगवान श्रीराम से दोनों देशों की मित्रता और लोककल्याण की कामना की। परिसर में उपस्थित श्रद्धालुओं और संतों के बीच उनके मुख से कई बार “जय श्रीराम” का उद्घोष गूंजा।
मंदिर परिसर में टाटा कंपनी की ओर से मंदिर निर्माण पर आधारित एक विशेष लघु फिल्म दिखाई गई, जिसने सभी को भव्य शिल्पकला और दिव्य स्वरूप से परिचित कराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री को राम मंदिर का मॉडल भेंट किया, जबकि वीना रामगुलाम को अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दौरा भारत और मॉरीशस के बीच सांस्कृतिक एकता का जीवंत प्रतीक है। वहीं प्रधानमंत्री रामगुलाम ने भी अयोध्या की पावन धरती पर आने को अपने जीवन का अविस्मरणीय क्षण बताया। उन्होंने भगवान राम के प्रति अपनी गहरी आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि अयोध्या आना उनके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण अनुभव है।
भारत और मॉरीशस के रिश्ते केवल कूटनीति तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत से जुड़े हुए हैं। मॉरीशस की आबादी का बड़ा हिस्सा भारतीय मूल का है, जहां रामायण और श्रीराम की कथा आज भी सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसी कारण प्रधानमंत्री रामगुलाम का अयोध्या दौरा दोनों देशों के संबंधों को और अधिक सुदृढ़ करने वाला माना जा रहा है।
अयोध्या में प्रधानमंत्री के आगमन पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रही। एयरपोर्ट से लेकर मंदिर परिसर तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस और सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी। सीसीटीवी से पूरे मार्ग की निगरानी की जाती रही और एटीएस की टीमों ने भी कमान संभाल रखी थी। इस भव्य आयोजन ने अयोध्या को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया।