चौहान के चाणक्य बने जदली
कोटद्वार। मेयर के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बढ़त बढ़ाने वाली विभा चौहान के पति धीरेन्द्र सिंह चौहान पूर्व मुख्यमंत्री जनरल खंडूड़ी के खासमखास माने जाते हैं। इस बार खण्डूड़ी खेमा पूरी तरह से धीरेन्द्र चौहान के पक्ष में खड़ा है। इसके पीछे खण्डूड़ी के बेहद नजदीकी रहे चन्द्रमोहन जदली की रणनीति काम कर रही है। कभी 2007 में तत्कालीन मुख्यमंत्री जनरल खण्डूड़ी के लिये धूमाकोट की विधानसभा सीट खाली कराने के लिये तत्कालीन विधायक जनरल टी0पी0एस0 रावत को तैयार करने में चन्द्रमोहन जदली की भूमिका को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। जदली टी0पी0एस0 रावत के लिये भी बेहद खास माने जाते रहे हैं। यही कारण है कि धुमाकोट व लैन्सडौन के सभी विधानसभाओं में वे जनरल टी0पी0एस0 रावत के साथ डटकर खड़े रहे। ऐसे में जब 2009 के बाद कभी भाजपा नेताओं ने जनरल खण्डूड़ी से कन्नी काटनी शुरू कर दी थी तब चन्द्रमोहन जदली धीरेन्द्र चौहान के साथ खण्डूड़ी जी के लिये दिन-रात एक जुट किये रहते थे। नतीजन खण्डूड़ी के दोबारा सीएम बनने पर धीरेन्द्र सिंह चौहान व चन्द्रमोहन जदली उनके बेहद विश्वसनीय व नजदीकी बन गये थे। यही कारण है कि 2012 व 2017 में जनरल खण्डूड़ी कांग्रेस प्रत्याशी टी0पी0एस0 रावत के खिलाफ प्रचार करने से हमेशा बचते रहे हैं। इस बार भी अपने खास धीरेन्द्र सिंह चैहान की पत्नी विभा चौहान के विरूद्ध प्रचार में आने से कतरा रहे हैं। इसका सीधा लाभ धीरेन्द्र चौहान को मिलेगा। खण्डूड़ी समर्थकों का अधिकांश वोट बैंक धीरेन्द्र चौहान के खेमे में शिफ्ट होने से विभा चौहान बढ़त की ओर मानी जा रही है। चन्द्रमोहन जदली के कांग्रेस में गहरी पकड़ होने का लाभ भी धीरेन्द्र चौहान को मिलता जा रहा है। ऐसे में सीधे सादे, सरल स्वभाव के धीरेन्द्र चौहान को राजनीतिक गुणा भाग व समीकरणों में चन्द्रमोहन जदली का साथ उनकी पत्नी विभा चौहान को मेयर सीट पर स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।