Amar sandesh सिवान (बिहार), 20 जून 2025।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के सिवान जिले में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य के लिए अनेक विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने बिहार की जनता की सराहना करते हुए कहा कि “बिहार ने खुद को जंगलराज से मुक्त किया है और अब यह राज्य देश के विकास का नया प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है।”
प्रधानमंत्री ने कहा –मुझे बिहार के लिए और भी बहुत कुछ करना है। मेरे इस विश्वास का कारण बिहार के लोगों का सामर्थ्य है।”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बिहार के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में आए बदलाव पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज के बिहार के नौजवानों ने 20 साल पहले के उस अंधकार युग को केवल किस्सों और कथाओं में ही सुना है।
> “जिन्होंने 20 साल पहले बिहार में जंगलराज देखा है, वे जानते हैं कि तब कैसे डर, भ्रष्टाचार और अपहरण का माहौल था। लेकिन आज बिहार बदल रहा है। आपने लालटेन और पंजे के शिकंजे से बिहार को निकाला है,” प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा।
उन्होंने कहा कि बिहार ने एक दौर में देश को बौद्धिक और सांस्कृतिक नेतृत्व दिया था, लेकिन पिछली सरकारों की नीतियों ने इसे पिछड़ेपन और पलायन का प्रतीक बना दिया।
> “जिस बिहार ने ज्ञान, नीति और नेतृत्व में देश को दिशा दी, उसे पहले की सरकारों ने पलायन और गरीबी की मिसाल बना दिया। लेकिन अब विकास की नयी सुबह हो चुकी है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कई बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया जिनमें प्रमुख हैं:
₹8,000 करोड़ की लागत से बनने वाले नई सड़कों एवं पुलों का निर्माण
रेलवे और जल परिवहन से जुड़े दर्जनों परियोजनाएं
किसानों के लिए नई सिंचाई योजनाएं
युवाओं के लिए स्किल डेवलपमेंट और तकनीकी शिक्षा केंद्र
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिहार की जनता के समर्थन से ही केंद्र सरकार यहां पर इतने बड़े स्तर पर विकास कार्यों को अंजाम दे पा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा,आज जो काम हो रहे हैं वो सिर्फ ईंट और सीमेंट के नहीं हैं, ये नई सोच, नए बिहार और आपके उज्ज्वल भविष्य की बुनियाद हैं।”
प्रधानमंत्री ने अंत में बिहार की जनता से यह आह्वान किया कि वे इस रफ्तार को बनाए रखें और विकास विरोधी ताकतों को फिर से सत्ता में न आने दें।
> “आपने जबसे मुझे सेवा का अवसर दिया है, मेरा सिर्फ एक ही सपना है – बिहार फिर से शिखर पर पहुंचे, गौरव लौटे, और हर युवा को अपने गांव में ही अवसर मिले।”