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दिल्ली/ शिमला। एसजेवीएन लिमिटेड की अध्यक्षता में गठित नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (नराकास), शिमला (कार्यालय-2) का वार्षिक राजभाषा पुरस्कार वितरण समारोह तथा छमाही बैठक आज एसजेवीएन लिमिटेड के परिसर में आयोजित की गई। कार्यक्रम में कार्यकारी निदेशक (मा.सं.) चंद्र शेखर यादव, राजभाषा विभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त निदेशक (कार्यान्वयन) कुमार पाल शर्मा तथा एसजेवीएन के महाप्रबंधक (राजभाषा) आशीष पंत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक के दौरान सदस्य कार्यालयों को उत्कृष्ट राजभाषा कार्यनिष्पादन हेतु नराकास राजभाषा शील्ड प्रदान की गई। ये पुरस्कार कार्यकारी निदेशक (मा.सं.) चंद्र शेखर यादव द्वारा वितरित किए गए। कार्यालयों की संख्या के आधार पर पुरस्कारों को तीन श्रेणियों सरकारी कार्यालय एवं वित्तीय संस्थान, सार्वजनिक उपक्रम तथा बैंक में विभाजित किया गया था। प्रत्येक श्रेणी में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं दो प्रोत्साहन पुरस्कार निर्धारित थे।
पुरस्कार विजेता इस प्रकार रहे प्रथम पुरस्कार : एसजेवीएन लिमिटेड, भारतीय जीवन बीमा निगम, पंजाब नैशनल बैंक- द्वितीय पुरस्कार : आरईसी, हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया- तृतीय पुरस्कार : इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (इंडेन), क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय, यूको बैंक,प्रोत्साहन पुरस्कार : इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड, खुदरा मंडल; दूरसंचार, परिमंडल; न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी; केंद्रीय लोक निर्माण विभाग; भारतीय रिजर्व बैंक; यूनियन बैंकइस अवसर पर चंद्र शेखर यादव द्वारा एसजेवीएन की राजभाषा गृहपत्रिका ‘हिमसंवाद’ के चतुर्थ अंक का भी विमोचन किया गया। यह पत्रिका सदस्य कार्यालयों की सृजनात्मक अभिरुचि को प्रोत्साहित करने तथा राजभाषा हिंदी के प्रसार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रकाशित की जाती है। इसके प्रकाशन का संपूर्ण दायित्व एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा वहन किया गया है।
मुख्य अतिथि चंद्र शेखर यादव ने अपने संबोधन में सभी सदस्य कार्यालयों द्वारा हिंदी कार्यान्वयन के क्षेत्र में किए जा रहे सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि आगे भी अधिकतम कामकाज हिंदी में सुनिश्चित करने के लिए सकारात्मक पहल जारी रखी जानी चाहिए। कार्यक्रम में नराकास सदस्य कार्यालयों के प्रमुख एवं एसजेवीएन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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