एक चिराग जो नयारघाटी को रोशन कर बुझ गया: सतपुली के समाजसेवी उद्योगपति ठाकुर सुंदर सिंह चौहान नहीं रहे, क्षेत्र में शोक की लहर
सतपुली/ऋषिकेश, 14 मई ।उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र, खासकर नयारघाटी और सतपुली में सामाजिक, औद्योगिक और मानवीय सेवा का पर्याय रहे ठाकुर सुंदर सिंह चौहान का आज तड़के 4:00 बजे एम्स ऋषिकेश में निधन हो गया। उनके निधन से न केवल सतपुली बल्कि पूरे गढ़वाल में शोक की लहर दौड़ गई है।
स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद भर्ती, अंतिम संस्कार टिहरी में
दो दिन पहले अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था, जहां आज सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर उनके स्थायी निवास मलेठी, सतपुली लाया गया, जहां जनसैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम दर्शन के बाद पैतृक घाट टिहरी गढ़वाल में उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।
जनसेवा का प्रतीक थे ठाकुर सुंदर सिंह चौहान
ठाकुर सुंदर सिंह चौहान का जीवन समाजसेवा और मानव उत्थान को समर्पित था। वे बेसहारा, दीन-दुखियों और जरूरतमंदों की आवाज थे। उन्होंने न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए कार्य किया, बल्कि वृद्धाश्रम स्थापित कर बुजुर्गों को सम्मानपूर्ण जीवन भी दिया।
उन्होंने गरीब विधवा महिलाओं की कन्याओं की निशुल्क शादी कराने का बीड़ा उठाया और 100 कन्याओं की शादी करवाने का संकल्प लिया था, जिनमें से अधिकांश विवाह उनके जीवनकाल में संपन्न भी हुए।
राजनीतिक संघर्ष भी समाजसेवा से प्रेरित
राजनीति में उन्होंने कभी स्वार्थ नहीं देखा।
उन्होंने उत्तराखंड क्रांति दल से लैंसडौन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा।
2017 में चौबटाखाल से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतरे।
चुनावों में सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने कभी समाजिक कार्यों से दूरी नहीं बनाई।
‘पलायन नहीं, पहाड़ में रोजगार’ की प्रेरक सोच
ठाकुर चौहान का सपना था कि पहाड़ों में उद्योग लगें, गांवों को पुनर्जीवित किया जाए। उन्होंने स्वयं अपने उद्योग स्थापित कर लोगों को स्थानीय रोजगार दिया। उनकी प्रेरणा से कई प्रवासी उत्तराखंडी अपने गांव लौटे और खेती-किसानी में जुटे।
पारिवारिक उत्तराधिकारी भी सेवा के मार्ग पर
जितेंद्र सिंह चौहान – जो वर्तमान में सतपुली नगर पंचायत के अध्यक्ष पद पर हैं।
परिवार ने संकेत दिया है कि वे पिता की परंपराओं, मूल्यों और जनसेवा की भावना को आगे बढ़ाएंगे।
राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक
ठाकुर चौहान के निधन पर कई गणमान्य व्यक्तियों ने शोक व्यक्त किया: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज
पूर्व शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथान
व्यापार मंडल सतपुली
स्थानीय जनप्रतिनिधि और समाजसेवी
सभी ने उन्हें “उत्तराखंड की आत्मा और सच्चा जनसेवक” बताते हुए उनके योगदान को अमूल्य बताया।
एक युग का अंत, लेकिन प्रेरणा बनी रहेगी
ठाकुर सुंदर सिंह चौहान आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी सेवा, विचार और दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे।- रिपोर्ट: जगमोहन डांगी, ग्रामीण पत्रकार