मुख्यमंत्री ने आरम्भ किया पॉलीथीन हटाओ, पर्यावरण बचाओ अभियान
पर्यावरण संरक्षण आज के समय में मानवता के अस्तित्व के लिए बेहद आवश्यक है। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा यहां आयोजित सप्ताहभर चलने वाले ‘पॉलीथीन हटाओ, पर्यावरण बचाओ अभियान’ का शुभारम्भ करते हुए कही।
शिमला के विभिन्न स्कूलों विद्यार्थियों, स्वयंसेवकों, स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, गृह रक्षक तथा अग्निशमन सेवाओं के जवानों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक से उत्पन्न प्रदूषण समूचे विश्व के लिए चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि अन्य देशों के मुकाबले विकसित देशों द्वारा प्लास्टिक का अधिक इस्तेमाल करने से वहां की स्थिति अधिक चिन्ताजनक है तथा उनके लिए प्लास्टिक कचरे का प्रबन्धन भी एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का कचरा जैविक रूप से नष्ट नहीं होता है इसलिए यह मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़ा खतरा है तथा पर्यावरण पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि 2 अक्तूबर, 2009 को तत्कालीन भाजपा सरकार ने प्रदेश में प्लास्टिक बैग पर प्रतिबन्ध लगाया था, लेकिन अभी भी दूध, चिप्स, ब्रैड इत्यादि कई उत्पाद प्लास्टिक की पैकिंग में मिलते हैं, जिससे इस खतरे से पर्यावरण को बचाने के लिए नियमित रूप से विशेष अभियान आरम्भ करना आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्लास्टिक के कचरे से ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए परियोजनाएं आरम्भ कर रही है। इस प्रकार का एक संयत्र शिमला में स्थापित किया गया है तथा दो अन्य संयत्र कुल्लू तथा बद्दी में स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पॉलीथीन न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि इससे मिट्टी, जल तथा वायु प्रदूषण भी उत्पन्न होता है। इसलिए हर नागरिक का दायित्व है कि वह पृथ्वी तथा मानवता के अस्तित्व को बचाने के लिए प्लास्टिक के इस्तेमाल पर अंकुश लगाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को भी प्लास्टिक के दूषप्रभावों के प्रति जागरूक बनाना चाहिए तथा उन्हें पॉलीथीन बैग के स्थान पर जूट या पेपर बैग इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
उन्होंने महिला मण्डलों, युवक मण्डलों तथा अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं से उनके सम्बन्धित क्षेत्रों से पॉलीथीन एकत्रित करने तथा उसके उचित निष्पादन को सुनिश्चित बनाने के लिए विशेष अभियान आरम्भ करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के लिए उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई। उन्होंने शहर के लगभग सभी क्षेत्रों के 11 विभिन्न मार्गों से पॉलीथीन कचरा एकत्रित करने के लिए स्वयंसेवकों के 11 दलों को हरीझण्डी दिखाकर रवाना किया।
निदेशक पर्यावरण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डी.सी. राणा ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि विद्यार्थी व अन्य स्वयंसेवक उनको आंबटित किए गए सम्बन्धित क्षेत्रों से प्लास्टिक का कचरा एकत्रित करेंगे तथा नगर निगम शिमला के सफाईकर्ता इसका वैज्ञानिक निष्पादन सुनिश्चित करेंगे।
नगर निगम शिमला के उप महापौर राकेश शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला भी इस अवसर पर अन्य गणमान्य सहित इस अवसर पर उपस्थित थे।