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पर्यावरण संरक्षण को समर्पित श्री राम कथा का शुभारम्भ

ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन में माँ गंगा का अवरतरण दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। पतित पावनी माँ गंगा को ग्यारह सौ कमल के पुष्प अर्पित कर गंगोत्री से गंगासागर तक गंगा को गंदे नालो से मुक्त करने का संकल्प लिया।

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता एवं ग्लोबल इण्टर फेथ वाश एलायंस के संस्थापक स्वामी चिदानन्द सरस्वती  महाराज, मानस कथाकार  मुरलीधर महाराज, दक्षिण भारत से आये स्वामी वेद विद्यानन्द , साध्वी भगवती सरस्वती जी एवं अन्य संतों और श्रद्धालुओं ने प्रातःकाल माँ गंगा के तट पर वेद मंत्रों की ध्वनि के साथ माँ गंगा का पूजन किया।

अवसर पर परमार्थ निकेतन में  पर्यावरण संरक्षण को समर्पित श्री राम कथा का शुभारम्भ महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती , कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना , नगर विकास मंत्री, उत्तराखंड कृषि मंत्री सुबोध उनियाल , म. मं. स्वामी ईश्वरदास  महाराज, मानस कथाकार  मुरलीधर , दक्षिण भारत से आये स्वामी वेद विद्यानन्द , साध्वी भगवती सरस्वती  एंव श्याम सुन्दर शाह ने दीप प्रज्वलित कर किया।

महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भागीरथ ने अपने पूर्वजों के उद्धार के लिये निर्मल और अविरल गंगा का आह्वान धरती पर किया था। आज वही उद्धराक गंगा अपने उद्धार के लिये, करोड़ों भारतीयों के जीवन की रक्षा के लिये ऐेसे ही भागीरथों को खोज रही है जो भगीरथी प्रयास कर धरती को पुनः स्वच्छ और अविरल गंगा  प्रदान करे। उन्होने सभी से आह्वान किया कि गंगा की स्वच्छता के लिये आओ भागीरथ बने।

 

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि ’हमारा उद्देश्य एक स्वच्छ, समुन्नत एवं सुन्दर राष्ट्र का निर्माण करना तथा माँ गंगा को निर्मल एवं अविरल स्वरूप प्रदान करना है। गंगा, करोड़ों भारतीयों की आस्था का केन्द्र है, हमारी संस्कृति है, सभ्यता है और करोड़ों लोगों की जीवन रेखा है। गंगा एवं अन्य नदियाँ इस सृष्टि का अनुपम वरदान हैं। गंगा में स्नान के पहले गंगा का स्नान करे। सभी भारतवासी मिलकर स्वच्छता एवं जल संरक्षण का दीप अपने हृदय में प्रज्वलित कर नये उत्साह, नई उमंग, नई ऊर्जा एंव नवीन विश्वास के साथ ’स्वच्छ गंगा, स्वच्छ भारत’ के निर्माण में योगदान प्रदान करें।’ उन्होने कहा  हर ’’सीवेज पाइन्ट बने सेल्फी पाइन्ट’’। शहर के मध्य से होकर बहने वाली चन्द्रभागा नदी को स्वच्छ और सौन्दर्ययुक्त बनाने का आह्वान किया।

कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना  ने परमार्थ गंगा तट पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को 2019 में होने वाले प्रयाग महाकुम्भ में आंमत्रित किया। उन्होने स्वामी चिदानन्द सरस्वती द्वारा वैश्विक स्तर पर जल, पर्यावरण, स्वच्छता और शान्ति के लिये किये जा रहे कार्यो की भूरि-भूरि प्रशन्सा करते हुये स्वामी जी का अभिनन्दन किया। उन्होने कहा कि उत्तरप्रदेश का सौभाग्य है कि वहां पर  योगी आदित्यनाथ  का नेतृत्व है, उनके नेतृत्व में 2019 का महाकुम्भ अध्यात्म, विज्ञान और स्वच्छता का संगम लेकर आयेगा। खन्ना जी ने कहा कि कुम्भ के दौरान हमारा प्रयास होगा की वहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालुओं तक हम स्वच्छता एंव जल संरक्षण का संदेश पहुंचायें।

कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने देश के विभिन्न राज्यों से कथा श्रवण करने आये श्रद्धालुओं का देवभूमि में स्वागत करते हुये कहा कि त्रिवेन्द्र सिंह  के नेतृत्व में राज्य की सरकार निर्मल और अविरल गंगा अभियान, नदियों एवं तालाबों के पुनरूद्धार तथा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अनेक कार्य कर रही है और इस दिशा में विलक्षण परिवर्तन भी हो रहा है यह राज्य के लिये गर्व का विषय है। स्वामी जी ने दोनों मंत्रियों से जैविक खेती को बढ़ावा देने के विषय में चर्चा की।

मानस कथाकार  मुरलीधर महाराज ने कहा ’’प्रकृति और मानव के शरीर से अपशिष्ट को बाहर निकालकर श्रेष्टताओं को धारण करने की शिक्षा देता है पुरूषोत्तम मास। इस मास में गंगा के तट पर गंगा और पर्यावरण को समर्पित मानस कथा का श्रवण अत्यंत फलदायी है।

स्वामी ईश्वरदास जी महाराज ने कहा कि ’’कथा के माध्यम से जल एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरण का कार्य गंगा के तट पर, गंगा अवतरण के शुभदिन से आरम्भ होना वास्तव में विलक्षण परिणाम लेकर आयेगा। उन्होने कहा कि हमारे देश की समस्त सभ्यता, संस्कृृति, संस्कार और दर्शन का विकास नदियों के तट से ही आरम्भ हुआ है अतः उन प्राणवाहिनी नदियों की रक्षा के लिये प्रत्येक भारतीय अपना योगदान प्र्रदान कर नदियों को निर्मल और अविरल बनाये।’’

अवसर पर परमार्थ निकेतन में प्रातःकाल से ही पूजन क्रम आरम्भ हो गया, दक्षिण भारत से आयी ब्रह्मवादिनी ऋषिकन्याओं ने गंगा सहस्रनाम, गंगा लहरी एवं पर्यावरण के परिशेधन के लिये हवन किया। परमार्थ निकेतन की योगाचार्य साध्वी आभा सरस्वती जी ने परमार्थ गुरूकुल के आचार्यो, ऋषिकुमारों, परमार्थ परिवार के सदस्यों एवं सभी श्रद्धालुओं को गंगा योग एवं गंगा ध्यान योग करवाया।

अवसर पर निर्मल गंगा, अविरल गंगा के लिये सभी संतों एवं श्रद्धालुओं  ’वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी’ सम्पन्न की। सभी संतों ने मंत्री सुरेश खन्ना , और सुबोध उनियाल , कथाव्यास  मुरलीधर  को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया।

परमार्थ तट पर होने वाली दिव्य गंगा आरती में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने गंगा को गंदे नालों से मुक्त करवाने का संकल्प कराया। स्वामी जी ने कहा कि सरकार के साथ जनसमुदाय भी मिलकर प्रयास करे तो संकल्प पूरा होते देर नहीं लगेगी।

इस अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती , साध्वी आभा सरस्वती, स्वामिनी आदित्यनन्दा सरस्वती, सुश्री अल्का ,  सुश्री नन्दिनी त्रिपाठी, लौरी, सुश्री नन्दबाला , इन्दू , वन्दना शर्मा, आचार्य संदीप शास्त्री,  लोकेश शर्मा, आचार्य दीपक शर्मा, लक्की सिंह, नरेन्द्र बिष्ट, राजेश दीक्षित, भगत सिंह, हरिओम शर्मा, संदीप गौर एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

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