देश के 62 कैंट सिविल इलाको के 35 लाख नागरिकों को मिलेगा जीवन व सम्पति का अधिकार
सी एम पपनैं
नई दिल्ली, पूर्व रक्षामंत्री भारत सरकार निर्मला सीतारमण ने अपने कार्यकाल मे देश के 62 कैंट के सिविल इलाकों मे निवासरत लोगो पर 12 सितम्बर सन 1836 के गवर्नर जनरल आड्स (जीजीओ) जैसे पुराने ब्रिटिश गुलाम कालीन कानून मे बदलाव हेतु सात लोगो की एक इमपैनेल कमेटी का गठन पूर्व सेवानिवर्त आईएएस अधिकारी सुमित बोस की अध्यक्षता मे गठित किया था। राकेश मित्तल सदस्य सचिव के अतिरिक्त अन्य सदस्यों मे टीआर विश्वनाथन, लैफ्टीनैंट जनरल अमित शर्मा, जयंत सिंहा, देविक रघुवंशी व डॉ मधुमिता रॉय का नाम कमेटी सदस्यों मे था।
17 सितम्बर को दिल्ली मे आयोजित गठित कमेटी की पहली बैठक मे तय किया गया था कि 20 अक्टूबर 2018 तक कैंट के सिविल नागरिक व संगठन अपनी शिकायत व सुझाव उक्त कमेटी के सदस्य सचिव राकेश मित्तल, एडिशनल डीजी एक्सपर्ट कमेटी, कमरा नम्बर 105, रक्षा संपदा भवन, उलान बैटर मार्ग, दिल्ली कैंट 110010 के पास जमा करवा सकते हैं । मोदी सरकार के पहले 5 वर्षो के कार्यकाल मे लिए गए इस ठोस कदम से देश के 62 कैंट सिविल इलाके के करीब 35 लाख लोगो को उन्मुक्त जीवन व सम्पत्ति का अधिकार स्वतंत्र भारत के 72 वर्षो की आजादी के बाद मिलने की संभावना के तहत देखा जाने लगा था।
4 मई 2018 को रक्षामंत्री निर्मला सीता रमण के साथ हुई देश के सभी कैटबोर्ड़ो से जुड़े उच्च अधिकारियों व सभी निर्वाचित 62 कैंट उपाध्यक्षो के साथ हुई बैठक व 4-5 अगस्त 2018 को दिल्ली के इण्डिया इंटरनैशनल सेंटर मे अवकाश प्राप्त लैफ्टीनैंट जनरल डॉ मोहन भंडारी के संरक्षण मे देश के 62 कैंट के सिविल इलाको के नागरिको के बने संगठन ‘द आल कैंटोनमेंट्स सिटीजन्स वेलफेयर ऐशोसियेशन’ के करीब 150 प्रतिनिधियों के द्वारा लिए गये निर्णय का ही प्रतिफल रहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, नितिन गडकरी व अरुण जेटली की पहल पर रक्षामंत्री निर्मला सीता रमण को इंपैनैलमैन्ट कमेटी गठन का उचित फैसला लेना पड़ा था।रक्षामंत्रालय की एक्सपर्ट कमेटी ने 62 कैंटबोर्ड के सिविल नागरिको की समस्याऐ सुन अपनी गुप्त रिपोर्ट मंत्रालय को सौप दी थी, परंतु 17वी लोकसभा चुनाव होने से गठित कमेटी की जमा रिपोर्ट पर रक्षामंत्रालय द्वारा निर्णय नही लिया जा सका था।
गठित मोदी सरकार (दो) मे नए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की नियुक्ति के बाद 22 जुलाई को ‘द आल कैंटोनमेंट सिटीजन वेलफेयर एसोशिएसन’ का एक प्रतिनिधि मंडल रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से मिला। एक्सपर्ट कमेटी द्वारा जमा रिपोर्ट पर जानकारी चाही।
एसोशिएसन के संरक्षक लैफ्टीनैंट जनरल डॉ मोहन भंडारी के कथनानुसार 28 जुलाई को प्रातः 9 बजे रक्षामंत्री कार्यालय मे डॉ भंडारी(संरक्षक), विजय पंडित(एसोशिएसन अध्यक्ष), जितेंद्र सुराना (महासचिव), मेजर जनरल टी के चावला, टी भुखारी व मिसेज जैन का प्रतिनिधि मंडल राजनाथ सिंह से 62 कैटबोर्ड के करीब 35 लाख सिविल नागरिको की जटिल समस्याओं, अंग्रेजो के सन 1836 के काले कानून को निरस्थ करने व अन्य सम्बंधित मुद्दों पर औपचारिक विचार विमर्श करने हेतु रक्षामंत्री से औपचारिक विचार विमर्श हेतु मुलाक़ात करेंगे। बातचीत व रक्षामंत्रालय के मसौदों का ब्यौरा एसोशिएशन की 29 व 30 जुलाई को आयोजित वार्षिक सम्मेलन मे दिया जाऐगा।
देश की 62 छावनियों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आयोजित किए जा रहे इस वार्षिक सम्मेलन मे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ के साथ-साथ करीब दो दर्जन से अधिक राज्यसभा व लोकसभा सांसदों के वार्षिक सम्मेलन मे भाग लेने की संभावना है। उक्त सम्मेलन इंडिया इंटर नेशनल सेंटर (आईआईसी) मैक्समूलर मार्ग, लोदी स्टेट, नई दिल्ली मे 29 जुलाई को प्रातः 11 बजे से सांय 5 तक व 30 जुलाई को प्रातः 10 बजे से 2 बजे तक आयोजित होना है। देश की 62 छावनियो के करीब 200 प्रतिनिधियो की इस वार्षिक सम्मेलन मे भाग लेने की संभावना है।