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स्टार्टअप महाकुंभ 2025 में ‘स्टार्टअप महारथी’ सम्मान से नवाचार को मिली नई उड़ान: पीयूष गोयल

Report Amar Sandesh

नई दिल्ली — देश में नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक और ऐतिहासिक कदम रखते हुए, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज नई दिल्ली में ‘स्टार्टअप महाकुंभ 2025’ के समापन अवसर पर ‘स्टार्टअप महारथी’ पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने भारत के युवा उद्यमियों, नवप्रवर्तकों और इकोसिस्टम निर्माताओं को न केवल सम्मानित किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भारत की नींव बताया।

श्री गोयल ने उपस्थित स्टार्टअप्स की सराहना करते हुए कहा, “आप सभी महारथी हैं – भारत की स्टार्टअप क्रांति के योद्धा।” उन्होंने बताया कि इस वर्ष स्टार्टअप महाकुंभ में 2.3 लाख से अधिक आगंतुकों ने भाग लिया, जो भारत के नवाचार क्षेत्र में हो रही तेजी से प्रगति को दर्शाता है। वर्ष 2024 में यह आंकड़ा महज़ 3,000 था।

महिलाओं और छोटे शहरों की भागीदारी ने बढ़ाया उत्साह

श्री गोयल ने इस बात पर विशेष प्रसन्नता जताई कि 40% से अधिक आवेदन टियर 2 और 3 शहरों से आए और कई स्टार्टअप्स महिलाओं के नेतृत्व में थे। उन्होंने कहा, “महिलाएं भारत की विकास यात्रा में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।”

सरकार बना रही है अनुकूल माहौल

व्यवसाय सुगमता को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 40,000 से अधिक अनुपालनों को सरल या समाप्त कर दिया है और कई कानूनों को गैर-आपराधिक बना दिया है। यह पहल स्टार्टअप्स को बेहतर स्वतंत्रता और नवाचार के लिए स्वतंत्र स्पेस देती है।

स्टार्टअप इंडिया हेल्पलाइन और नया फंड ऑफ फंड्स

श्री गोयल ने एक नई स्टार्टअप इंडिया हेल्पलाइन शुरू करने की घोषणा की, जो एक सरल 4-अंकीय टोल-फ्री नंबर के माध्यम से क्षेत्रीय भाषाओं में स्टार्टअप्स की मदद करेगी।

साथ ही, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने 10,000 करोड़ रुपये का दूसरा फंड ऑफ फंड्स लॉन्च किया है। इसकी 2,000 करोड़ रुपये की पहली किस्त सिडबी को जारी की जा रही है। यह फंड मुख्यतः एआई, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स, बायोटेक और सेमीकंडक्टर डिजाइन जैसे उच्च प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में कार्यरत स्टार्टअप्स को समर्थन देगा।

विजन: एक आत्मनिर्भर, नवाचार-सक्षम भारत

यह फंड प्रारंभिक चरण के स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा जो पूंजी की पारंपरिक पहुंच से वंचित रहते हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इससे नवाचार की एक मज़बूत स्वदेशी पाइपलाइन तैयार हो, जो भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व की दिशा में अग्रसर करे।

श्री गोयल ने सिडबी से आग्रह किया कि वह प्रत्येक राज्य में कम से कम एक स्टार्टअप सहायता केंद्र स्थापित करे, जिससे युवा उद्यमियों को प्रोटोटाइपिंग और साझा सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

 नवाचार को नियंत्रण नहीं, सहयोग चाहिए

कार्यक्रम के अंत में  पीयूष गोयल ने युवाओं से आग्रह किया कि वे एआई, सेमीकंडक्टर और डीप-टेक जैसे क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व करें। उन्होंने कहा, “हमें विनियमन के माध्यम से नहीं, बल्कि सहयोग और सुविधा के माध्यम से भारत की क्षमता को उजागर करना है।”

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