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हिमालयी राज्यों में वनाग्नि नियंत्रण और समग्र वन प्रबंधन पर सेमिनार सम्पन्न 

अमर संदेश देहरादून।हिमालयी राज्यों में वनाग्नि के प्रभाव और समग्र वन प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन 1 मार्च को मोलियार रिसोर्स फाउंडेशन द्वारा सीआईएमएस कॉलेज सभागार में मोलियार रिसोर्स फाउंडेशन की ओर से सीआईएमएस कॉलेज देहरादून में हिमालयी राज्यों में वनाग्नि के प्रभाव और समग्र वन प्रबंधन विषय परर पर आयोजित किया गया । सेमिनार में विभिन्न वक्ताओं ने वनाग्नि के प्रभाव, वन प्रबन्धन, वनाग्नि एवं वन प्रबन्धन में सुधार की आवश्यकता विषयों पर अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम में पूर्व केन्द्रीय सचिव एवं प्रधानमंत्री के सलाहकार तथा वर्तमान में उत्तराखण्ड़ सरकार में केदारनाथ-बदरीनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की देखरेख कर रहे श्री भाष्कर खुल्बे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। वहीं ओएनजीसी की अन्वेषण निदेशक श्रीमती सुषमा रावत, मैती आन्दोलन के संस्थापक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आइएफएस पराग मधुकर धकाते, सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी, स्पिरिचुअल लीडर साध्वी जया भारती, संकल्प तेज के संस्थापक अपूर्व भंडारी, मोलियार रिसोर्सफाउंडेशन के मुख्य समन्वयक दुर्गा सिंह भंडारी, मोलियार रिसाोर्स फाउंडेशन की चेयरपर्सन परिधि भंडारी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के चेयरमैन एडवोकेट ललित मोहन जोशी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कॉलेज में संचालित विभिन्न कोर्सों व सुपर-300 मिशन एजुकेशन स्कीम के बारे में अतिथियों को अवगत कराया। वहीं मोलियार रिसोर्स फाउंडेशन के मुख्य समन्वयक दुर्गा सिंह भंडारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मोलियार रिसाोर्स फाउंडेशन के बारे में जानकारी दी और आज के कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पूर्व केन्द्रीय सचिव एवं प्रधानमंत्री के सलाहकार श्री भाष्कर खुल्बे ने पर्यावरण संरक्षण एवं वनों को आग से बचाने हेतु सरकार के साथ विभिन्न संगठनों व आम नागरिकों को भी प्रयास करने होंगे। ओएनजीसी की अन्वेषण निदेशक श्रीमती सुषमा रावत ने पर्यावरण संरक्षण एवं वनाग्नि की रोकथाम में ओएनजीसी की भागीदारी पर प्रकाश डाला। उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आइएफएस पराग मधुकर धकाते ने वनाग्नि की रोकथाम में तकनीक का सहारा एवं जनसहभागिता पर अपने विचार साझा किए।

कार्यक्रम में एक रचनात्मक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई,  जिसका संचालन डॉ. मधुबेन ने किया इस दौरान शिक्षा जगत एवं जमीनी स्तर के सात विशेषज्ञों ने वनाग्नि और वन प्रबंधन के विभिन्न आयामों पर प्रकाश डाला।

 

कार्यक्रम में एडिशनल डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन डॉ. प्रो. आर. एस. बिष्ट, एसोसिएट डीन यूपीईएस डॉ. एस. एम. तौसिफ, पर्यावरण प्रेमी चंदन मयाल, पेड़ वाले गुरू जी धन सिंह, पर्यावरणविद सत्येन्द्र सिंह भण्डारी, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अमर उपाध्याय, एडिशनल कमिश्नर एफडीए एवं औषधि नियंत्रक उत्तराखंड श्री ताजबर सिंह, राजकीय दून मेडिकल एवं अस्पताल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी महेन्द्र भण्डारी को  विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु उत्कृष्ट सेवा सम्मान प्रदान किए गए।

कार्यक्रम में सीआईएमएस सीआईएमएस एंड यूआईएचएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेज के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय जोशी, सीआईएमएस कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट से सुनील बिष्ट, हरीश, नीरू, प्रियंका सहित 200 से अधिक छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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