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जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तब देश की सुरक्षा दांव पर लग ही जाती है : नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित विशाल जन-सभा को संबोधित किया और दिल्ली की जनता से देश की शांति, सुरक्षा और विकास को सुरक्षित रखने के लिए नामपंथी कांग्रेस और दिल्ली राज्य की सत्ता पर काबिज ना-काम पंथी पार्टी को कड़ा सबक सिखाने का आह्वान करते हुए भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से विजयी बनाने का आह्वान किया। दिल वालों के शहर दिल्ली को और दिल्ली के मेहनतकश लोगों का अभिवादन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दिल्ली में पंजाब-हरियाणा का जोश है तो पूर्वांचल की मिठास है, नॉर्थ ईस्ट का उत्साह है तो दक्षिण की सौम्यता। मैं आप लोगों के बीच से ही निकलकर यहां पहुंचा हूँ, इसलिए बुलेटप्रूफ दीवारों में रहना न मेरा शौक है और न ही आदत। जब-जब मौका मिला है, मैंने कोशिश भी है कि इस दीवार को साइड रख दूं। अकसर दिल्ली मेट्रो में सफर करते हुए जब लोगों से घिर जाता हूँ तो वो मेरे लिए बहुत यादगार पल होते हैं। श्री मोदी ने कहा कि बीते 5 वर्षों में देश में जो बड़े और कड़े फैसले लिए गए हैं, उसमें आपने सदैव मेरा साथ दिया है। आज VIP वाली लाल बत्ती अगर नेताओं और अफसरों की गाड़ी से उतरी है तो इसका कारण आप सभी हैं। आज पूरी सरकार आपके मोबाइल फोन की पहुंच में आ पाई है तो, इसका कारण आप सभी हैं। बहुत साल पहले दुनिया में एक कंसेप्ट आया था Ease of Doing Business। हमने पाँच साल में न सिर्फ Ease of Doing Business की रैंकिंग में रिकॉर्ड सुधार किया बल्कि उससे आगे बढ़कर Ease of Living के लिए काम किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब साफ नीयत से काम होता है, ईमानदारी से अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए प्रयास किया जाता है, तो नतीजे भी मिलते है। जो महंगाई देश के हर चुनाव मे सबसे बड़ा मुद्दा होती थी, वह आज इस कदर नियंत्रण में है कि विपक्ष के लोग चाह कर भी उस पर कुछ बोल नही पा रहे। आज गरीबों को घर, गैस, शौचालय से लेकर हर वर्ष 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज संभव हुआ है। मध्यम वर्ग को अपने घर के लिए अब प्रधानमंत्री आवास योजना से सहायता मिल रही है। दिल्ली की समस्याओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली की एक बड़ी चुनौती है प्रदूषण। प्रदूषण का हल तकनीक के बेहतर इस्तेमाल और ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों में है। राजधानी में मेट्रो का विस्तार हो, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी हो, सोलर सेक्टर से जुड़ी नीतियां हों या Next Generation Infrastructure का काम, इसका बड़ा लाभ दिल्ली के भी लोगों को मिलने वाला है।
श्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से हमारे देश में 4 राजनीतिक कल्चर देखे गए हैं- पहला, नामपंथी- जिनके लिए वंश और विरासत का नाम ही विजन है। दूसरा, वामपंथी- जिनके लिए विदेशी विचार, विदेशी व्यवहार ही विजन है। तीसरा, दाम और दमनपंथी- जिनके लिए गुंडा तंत्र, गन तंत्र ही गण तंत्र है। चौथा, विकास पंथी- जिनके लिए सबका साथ-सबका विकास ही सर्वोपरि है लेकिन दिल्ली देश का वो इकलौता राज्य है जिसने पॉलिटिकल कल्चर का एक पांचवां मॉडल भी देखा। ये है ना-काम पंथी अर्थात् जो दिल्ली के विकास से जुड़े हर काम को ना कहते हैं औऱ जो काम करने की कोशिश भी करते हैं, उसमें नाकाम रहते हैं। इन नाकामपंथियों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़े आंदोलन को नाकाम किया। देश के जन-सामान्य की छवि को, आम आदमी की छवि को बदनाम किया। करोड़ों युवाओं के विश्वास और भरोसे को चकनाचूर किया। इतना ही नहीं, इन्होंने देश में नई राजनीति के प्रयासों को भी नाकाम किया है। ये लोग देश बदलने आए थे लेकिन खुद ही बदल गए। ये लोग नई व्यवस्था देने आए थे, लेकिन खुद ही अव्यवस्था-अराजकता का दूसरा नाम बन गए। इन लोगों ने पहले हर किसी को अनाप-शनाप कहा और फिर घुटनों के बल चलकर माफी मांग ली। इन लोगों ने अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के लिए हर बात से यू-टर्न लेने का काम किया। देश की हर संवैधानिक संस्था, हर पद, हर व्यक्ति को गालियां देकर इन्होंने अपने संस्कार दिखाए। इन्होंने अपनी हर नाकामी का ठीकरा दूसरे पर फोड़ने का काम किया। यही नहीं, ये लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग के समर्थन में जा खड़े हुए। देश की हर संवैधानिक संस्था, हर पद, हर व्यक्ति को अपशब्द कह कर इन्होंने अपने संस्कार दिखाए। दिल्ली में केंद्र सरकार और राज्य सरकार, दोनों के अस्पताल हैं। जो केंद्र सरकार के अस्पताल हैं, वहां आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को हर साल 5 लाख रुपए का इलाज सुनिश्चित हुआ है लेकिन ये सुविधा राज्य सरकार के अस्पताल में गरीब को नहीं मिल रही। क्यों? क्योंकि दिल्ली में राज्य सरकार के तहत आने वाले अस्पतालों में आयुष्मान भारत को लागू नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने सामान्य वर्ग के गरीब छात्रों के लिए शिक्षा और नौकरी में 10% आरक्षण देने का प्रावधान किया लेकिन दिल्ली की राज्य सरकार ने इस लाभ से गरीबों को वंचित रखा. ये ना-काम पंथियों द्वारा गरीबों का अपमान नहीं तो और क्या है? प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के नामदार परिवार की चौथी पीढ़ी आज देश देख रहा है लेकिन ये वंशवादी प्रवृत्ति सिर्फ एक परिवार तक ही सीमित नहीं रही है। जो इस परिवार के करीबी रहे, उन्होंने भी वंशवाद का झंडा बुलंद रखा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन पार्टियों की सोच ही प्रतिभा और टैलेंट को कुचलने की हो, वो 21वीं सदी के भारत की सोच का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकती है? इसलिए आज जब मैं इनके वंशवाद पर सवाल खड़े करता हूं, तो इन्हें दिक्कत होने लगती है।

श्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस आजकल अचानक न्याय की बात करने लगी है लेकिन कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि 1984 के सिख दंगों में हुए अन्याय का हिसाब कौन देगा? कांग्रेस को बताना पड़ेगा कि सिख दंगों से जुड़ा होने का जिन पर आरोप है, उनको मुख्यमंत्री बनाना कौन सा न्याय है? कांग्रेस ने देश के साथ जो अन्याय किया, हम उसे निरंतर कम करने की कोशिश कर रहे हैं। मुझे संतोष है कि तीन दशक बाद पहली बार 1984 के सिख दंगों के गुनहगारों के गिरेबान तक कानून पहुंचा है। पहली बार वो सलाखों के पीछे पहुंचे हैं, फांसी के फंदे तक पहुंचे हैं। आपके आशीर्वाद से हमने बीते पाँच वर्ष में सत्ता के गलियारों में घूमते दलालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि जिन्होंने जनपथ को दलालों और बिचौलियों का पथ बना रखा था, जहां क्वात्रोची मामा बोफोर्स तोप की दलाली का भाव फिक्स करता था, जहां अगस्ता हेलिकॉप्टर वाले मिशेल मामा का पलक पावड़े बिछाकर स्वागत होता था, जहां भोपाल का विनाश करने वाले एंडरसन मामा को हवाई जहाज से भगाने की रणनीति बनती थी, आज अदालतों और जेल जाने के डर से वहां वकीलों का ही आना-जाना लगा रहता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि क्या आपने कभी सुना है कि कोई अपने परिवार के साथ युद्धपोत से छुट्टियां मनाने जाए? आप इस सवाल पर हैरान मत होइए। ये हुआ है और हमारे ही देश में हुआ है। कांग्रेस के सबसे बड़े परिवार ने देश की शान, INS विराट का अपने पर्सनल टैक्सी की तरह इस्तेमाल किया था, उसका अपमान किया था। ये बात तब की है जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे और दस दिन की छुट्टियां मनाने मनाने निकले थे। INS विराट उस समय समुद्री सीमाओं की रखवाली के लिए तैनात था लेकिन उसे छ्ट्टियां मनाने जा रहे गांधी परिवार को लेने के लिए भेज दिया गया। उसके बाद उनके पूरे कुनबे को लेकर आईएनएस विराट एक खास द्वीप पर रुका रहा था। राजीव गांधी के साथ छुट्टी मनाने वालों मे, उनकी ससुराल वाले भी शामिल थे। सवाल ये है कि क्या विदेशियों को भारत के वॉरशिप पर ले जाकर तब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं किया गया था? या सिर्फ इसलिए क्योंकि वो राजीव गांधी की ससुराल के लोग थे, इटली से आए थे, उन्हें सारी छूट मिल गई थी। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार जिस द्वीप पर गया था, वहां आवभगत के लिए कोई नहीं था, इसलिए सारी सुविधाएं जुटाने का काम भी सरकार और नौसेना के जवानों ने ही किया था। एक विशेष हेलिकॉप्टर दिन रात उनकी सेवा में लगा रहा, पूरा प्रशासन इन लोगों के मनोरंजन का इंतजाम देखता रहा। जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तब देश की सुरक्षा दांव पर लग ही जाती है। जब एक परिवार ही सर्वोच्च हो जाता है, तो आम नागरिकों की सुरक्षा की चिंता भी नहीं रह जाती। श्री मोदी ने कहा कि दिल्ली पर कितनी बार आतंकियों ने हमले किए, कितने ही निर्दोष लोग इन धमाकों की चपेट में आए। वे दिन भी थे, जब दिल्ली के लोग बसों में डरते-सहमते हुए चढ़ते थे, बाजारों में चलते समय मन में एक खटक लगी रहती थी कि कहीं कुछ हो न जाए। 2014 से पहले की उस स्थिति को भी याद कीजिए, जब एक साथ 2 बड़े आयोजन करने में सरकार के हाथ पांव फूल जाते थे। 2009 में और 2014 में तो कांग्रेस सरकार लोकसभा चुनाव और IPL तक एक साथ नहीं करा पाई थी। अब उस दौर से आगे बढ़कर आज की स्थिति देखिए। बीते पाँच वर्षों में इन धमाकों पर लगाम लगाने में हमारे वीर सुरक्षाकर्मी कामयाब हुए हैं। आज देश के 130 करोड़ लोग लोकतंत्र का पर्व मना रहे हैं। साथ ही करोड़ों साथी, IPL का आनंद भी अपने ही शहरों में ले रहे हैं। ये सारे कार्य एक साथ होना भारत के सामर्थ्य को दिखाता है। आज जो सरकार है, उसकी इच्छाशक्ति को दिखाता है। इसी इच्छाशक्ति की वजह से तमाम आतंकी हमलों के गुनहगार, मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया है। पहले जो नामुमकिन लगता था, अब वो मुमकिन हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया हिंदुस्तान अब अपनी समस्याओं के लिए कहीं जाकर गिड़गिड़ाता नहीं है। नया हिंदुस्तान जानता है कि आतंकी हमलों का खतरा अभी टला नहीं है लेकिन वो आश्वस्त है, क्योंकि नया हिन्दुस्तान अब आतंकियों को घर में घुसकर मारता है। नया हिन्दुस्तान किसी को छेड़ता नहीं है, लेकिन छेड़ने वालों को छोड़ता भी नहीं है।

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