जी20 इंडिया प्रेसीडेंसी
जी20 स्वास्थ्य कार्य समूह की पहली बैठक 18 से 20 जनवरी तक तिरुवनंतपुरम (केरल) में आयोजित की जाएगी
भारत की जी20 अध्यक्षता के तहत स्वास्थ्य कार्य समूह की पहली बैठक 18 से 20 जनवरी, 2023 तक तिरुवनंतपुरम (केरल) में आयोजित की जाएगी। भारत ने 1 दिसंबर, 2022 को जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की। भारत वर्तमान में जी20 ट्रोइका का हिस्सा है, जिसमें इंडोनेशिया, भारत और ब्राजील शामिल हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि ट्रोइका में तीन विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह दोहराया कि भारत की जी20 अध्यक्षता समावेशी, कार्य उन्मुख और निर्णायक होगी। प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत थीम: ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ भारत के ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के दर्शन का प्रतिपादन करता है। यह दुनिया के लिए महामारी के बाद एक स्वस्थ विश्व के निर्माण की दिशा में मिलकर काम करने का आह्वान है।
भारत की जी20 अध्यक्षता के स्वास्थ्य ट्रैक में चार हेल्थ वर्किंग ग्रुप (एचडब्ल्यूजी) बैठकें और एक हेल्थ मिनिस्ट्रियल मीटिंग (एचएमएम) शामिल होंगी। तिरुवनंतपुरम (केरल), गोवा, हैदराबाद (तेलंगाना) और गांधीनगर (गुजरात) सहित देश के विभिन्न स्थानों पर ये बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिनमें भारत की समृद्ध और विविध संस्कृतियों का प्रदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के बारे में प्रकाश डाला जाएगा।
भारत जी20 विचार-विमर्शों को समृद्ध, पूरक बनाने और समर्थन प्रदान करने के लिए एचडब्ल्यूजी की प्रत्येक बैठक के साथ एक अतिरिक्त आयोजन की मेजबानी करने की भी योजना बना रहा है। जिनमें चिकित्सा संबंधी यात्रा एवं डिजिटल स्वास्थ्य, दवाओं, निदानों और वैक्सीनों के बारे में एक कार्यशाला और परम्परागत चिकित्सा के लिए वैश्विक केन्द्र के बारे में सह-ब्रांडेड कार्यक्रम के बारे में अतिरिक्त आयोजन शामिल है। चिकित्सा संबंधी यात्रा के बारे में आयोजित अतिरिक्त कार्यक्रम 18 से 20 जनवरी 2023 को तिरुवनंतपुरम में एचडब्ल्यूजी की पहली बैठक से हटकर आयोजित किया जाएगा।
जी20 प्रेसीडेंसी के अध्यक्ष के रूप में भारत का उद्देश्य उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर प्रकाश डालते हुए स्वास्थ्य प्राथमिकताओं और पिछली प्रेजिडेंसीज़ की उन प्रमुख उपलब्धियों को जारी रखना तथा समेकित करना है, जिन्हें मजबूत बनाए जाने की आवश्यकता है। भारत का लक्ष्य स्वास्थ्य सहयोग में लगे विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर आयोजित चर्चाओं में समावेश हासिल करना और एकीकृत कार्य दिशा में काम करना है।