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राम की नगरी अयोध्या की दीपावली के बाद शिव की नगरी काशी में भव्य देव दीपावली

काशी में 84 घाटों पर भव्य तरीके से मनाई गई देव दीपावली 

वाराणसी। राम की नगरी अयोध्या की दीपावली के बाद शिव की काशी में भव्य देव दीपावली मनाई गई। उत्तर वाहिनी गंगा के 84 घाटों पर सजी दीपों की शृंखला भगवान शिव  की काशी के गले का कंठहार बनकर आलौकिक लग रही  थी। घाटों पर आरती और घण्टा घड़ियालों से देवताओं का स्वागत हुआ। देव दीपावली का अलग-अलग रंग हर घाट पर  बिखरा था। कही लेज़र शो। तो कही इलेक्ट्रिक  -आतिशबाजी देखने को मिली। इंडिया गेट की रिप्लिका पर जवानों को श्रद्धांजलि भी दी गई। देव दीपावली पर माँ गंगा की महाआरती में नारी शक्ति की एक अद्भुत तस्वीर भी दिखी । पहली बार देव दीपावली के महाआरती में कन्याएं मुख्य अर्चक के रूप में मां गंगा की आरती की। मां अन्नपूर्णा की  22 फीट ऊंची भव्य कट आउट भी श्रद्धालुओं के आकर्षण केंद्र रहा।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के टीकाकरण प्रबंधन से देव दीपावली को लेकर लोग उत्साहित दिखे घाटों पर श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी। 

सूर्य अस्त होते हुए वाराणसी के 84 घाटों पर जगमगाते दिये  ऐसे लग रहे थे मानों तारें जमीन पर उतर आए है। काशी के अर्धचंद्राकार घाटों पर 15 लाख से अधिक दियों  का एक साथ जलना एक अद्भुत नजारा था। हर घाट का अपना अलग आकर्षण था। सभी घाटों  के अपने अलग रंग थे। चेत सिंह घाट पर लेज़र शो ने लोगो को मंत्र मुग्ध किया। मानसरोवर घाट पर कनाडा से 108 साल बाद आई मूर्ति का काट आउट लगाया गया था। जो श्रद्धालुओं  के आकर्षण का केंद्र रहा। देव दीपावली में नारी  शक्ति  की तस्वीर भी दिखी । शीतला घाट पर होने वाली प्रसिद्ध गंगा आरती में  में 51 अर्चकों में 5 कन्याएं मुख्य अर्चक के रूप में शामिल हुई। दशाश्वमेध घाट पर भी नारी शक्ति की झलक देखने को मिली। भव्य महाआरती का प्रारम्भ 51 देव कन्याओं द्वारा माँ गंगा की आरती कर किया गया।  देव दीपावली में गंगा आरती में पहली बार देखने को मिला। अध्यात्म के साथ ही राष्ट्रीयता का संदेश देता हुआ ये धार्मिक पर्व दिखा। दशाश्वमेध घाट पर इंडिया गेट की रेप्लिका बनी थी। यहाँ  देश के वीर शहीद जवानों को सेना के लोगो ने श्रद्धांजलि दी । लगभग सभी घाटों पर धार्मिक आयोजन हुए ,धार्मिक कलाकृति  देखने को मिली। घाटों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन हुआ।  गंगा के उस पार भी रेत पर  लाखो की संख्या में दीप जलाए गए। साथ ही काशी के कुंड और तालाबों पर भी दीप जलाकर देव दीपावली मनाई गई। विश्व प्रसिद्ध देव दीपावली को पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी 2020 में देखा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के टीकाकरण प्रबंधन से देव दीपावली को लेकर लोग उत्साहित दिखे घाटों पर श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी।  

दीपावली के 15 दिनों के  बाद कार्तिक पूर्णिमा पर देवताओं की दीपावली मनाई जाती है । देव दीपावली का वर्णन शिव पुराण में मिलता है। कार्तिक मास में त्रिपुरासुर नामक राक्षस ने देवताओं पर अत्याचार शुरू किया तब भगवान विष्णु ने इस क्रूर राक्षस का वध इसी दिन किया था। और देवताओं ने इसी दिन दीपावली मनाई थी | एक ऐसी भी मान्यता है की काशी नरेश ने अपने शहीद सैनिकों के लिए घाटों पर दिप प्रज्वलन की प्रथा शुरू की थी। ऐसी भी मान्यता है की रानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा पंच गंगा घाट से देव दीपावली की शुरुआत की गई थी । पंचगंगा घाट से शुरू की गई  देव दीपावली की दीप आज काशी के सभी घाटों पर जगमगाने लगी है। ऐसी मान्यता है की कार्तिक मास के इस दिन दीप दान करने से पूर्वजों को मुक्ति मिलती है।

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