रसोई में आई उज्ज्वला की रोशनी: स्वच्छ एलपीजी से बदली करोड़ों महिलाओं की ज़िंदगी”
उज्ज्वला योजन देश की लाखों घरों में लाई खुशियां
नई दिल्ली। भारत में स्वच्छ ईंधन की पहुंच केवल सुविधा नहीं, अब एक जीवनरक्षक क्रांति बन चुकी है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत एलपीजी गैस अब आम जनमानस की पहुंच में है और इसका असर रसोई से लेकर स्वास्थ्य तक दिख रहा है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने अपने एक्स हेडिंग के माध्यम से यहां जानकारी सांझा कि मोदी सरकार की एलपीजी नीति ने देशभर में एक “एलपीजी क्रांति” को जन्म दिया है।
कभी सपना, अब हकीकत
एक समय था जब एलपीजी सिलेंडर केवल शहरों और कुछ खास घरों तक सीमित था। लेकिन आज देश के हर कोने में—गांव, कस्बे, पहाड़ी और दूरदराज़ क्षेत्रों तक—गैस सिलेंडर पहुंच चुका है।
धुएं से भरी रसोई, जलती लकड़ियों की पीड़ा, आंखों में आंसू और सांस की बीमारियां—ये सब अब बीते दिनों की बात हो चुकी है। एलपीजी ने रसोई से धुआं हटाया और महिलाओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की।
भारत दुनिया का एकमात्र देश है जहां सबसे सस्ती एलपीजी उपलब्ध है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत 10.33 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को ₹553 में सिलेंडर मिल रहा है, जो वास्तविक कीमत से ₹475 कम है। यानी एक परिवार पूरा दिन का खाना सिर्फ ₹6 में पका रहा है।
9 वर्षों में 238 करोड़ से अधिक रिफिल
उज्ज्वला योजना की लोकप्रियता और प्रभाव का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले 9 वर्षों में 238 करोड़ से अधिक सिलेंडर रिफिल हो चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि यह योजना केवल शुरू हुई पहल नहीं बल्कि लगातार फल-फूल रही क्रांति है।
सरकार का लक्ष्य है कि उज्ज्वला योजना के माध्यम से हर भारतीय घर तक स्वच्छ और सस्ता ईंधन पहुंचे। महिलाओं को न सिर्फ धुएं से मुक्ति मिली है, बल्कि उनका जीवन स्तर भी ऊपर उठा है—समय की बचत, बेहतर स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता के साथ।
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