भागवत कथा संस्कारों की जननी है : राष्ट्रीय संत डॉ. दुर्गेशाचार्य
पूर्वी दिल्ली के पश्चिमी विनोद नगर में स्थित श्री बद्रीनाथ मंदिर प्रांगण में श्रीमद्भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह के चौथे दिन व्यास पीठ पर विराजमान राष्ट्रीय संत डॉ. दुर्गेशाचार्य ने कहा कि भागवत कथा संस्कारों की जननी है l संस्कारों के बिना समाज में अनेक तरह की बुराइयों का जन्म होता हैl दिति ने संध्या के समय गर्भाधान संस्कार के बिना पति समागम किया, जिसके कारण हिरणयाक्ष- हिरण्यकशिपु जैसे राक्षसों को जन्म दियाl आज के माता- पिता गर्भाधान संस्कार एवं अन्य संस्कारों के प्रति बिल्कुल उदासीन हैंl संस्कारों को ध्यान में रखे बिना विवाह जितने शीघ्र हो रहे हैं, संबंध विच्छेद भी उतने ही शीघ्र हो रहे हैं l आज आवश्यकता इस बात की है कि संस्कारों की तरफ विशेष रूप से ध्यान दिया जायेl युवाओं में यदि संस्कार पनपेगा तो वे अनेक प्रकार की बुराइयों एवं नशे से दूर होंगे l इसी से संस्कारवान राष्ट्र एवं समाज की स्थापना होगीl संस्कारित लोगों के द्वारा ही भारत पुनः विश्व गुरु बन सकता है l सही अर्थों में भागवत कथा का सार भी यही है
भारत वर्ष में कोरोना महामारी से मारे गये सभी मृतक जनों की आत्मा की मुक्ति हेतु भाजपा के राष्ट्रीय नेता श्री वीरेंद्र जुयाल के नेतृत्व में आयोजित हो रही इस भागवत कथा में स्थानीय लोगों का अपार सहयोग मिल रहा है |
श्रीमद्भभागवत का मूल पाठ डॉक्टर गीता राम त्रिपाठी जी, आचार्य सत्य प्रसाद चमोला जी, डॉ. सुरेशा नंद गौड़ जी, आचार्य भगवती प्रसाद थपलियाल जी, पंडित कमलेश तिवारी जी, आचार्य नीरज सेमवाल जी,आचार्य जगमोहन उनियाल जी, आचार्य दुर्गा प्रसाद नौटियाल जी, पंडित सुनील सेमल्टी जी एवं आचार्य अशोक बलोधी द्वारा किया जा रहा है
प्रातः कालीन पूजन पंडित मुकेश गौड़ जी, पंडित राजगोपाल भट्ट जी, पंडित कृष्णा मिश्रा जी, पंडित सुनील नैथानी जी एवं पंडित पीतांबर पंत द्वारा किया जा रहा है
इस अवसर पर आज की कथा में बद्रीनाथ मंदिर समिति के प्रधान बी.एल ढौढियाल, भीम सिंह भंडारी, विजय प्रकाश जुयाल, पंडित मोहन लाल लसियाल, उमेद सिंह नेगी, मोर सिंह रावत, विजय प्रसाद भट्ट, तुंगेश्वर प्रसाद उनियाल, राजू उनियाल, दिनेश उनियाल, दीपा तिवारी, गायत्री जयडा, पर्मेश्वरी पांडेय सहित काफ़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।