पॉलिटिकल ट्रस्ट पत्रिका’ द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ‘डिजीटल होता भारत’ विषय पर आयोजित सेमिनार व त्रिशक्ति सम्मान समारोह सम्पन्न
सी एम पपनैं
नई दिल्ली। आजादी के अमृत महोत्सव पर दिल्ली से प्रकाशित, ‘पॉलिटिकल ट्रस्ट पत्रिका’ द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 18 मार्च को ‘डिजीटल होता भारत’ विषय पर दूसरे भव्य सेमिनार का आयोजन डिप्टी स्पीकर हाल, कन्स्टिट्युशन क्लब मे मंचासीन मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद उत्तर प्रदेश श्रीमती कांता कर्दम अति विशिष्ट अतिथि डाॅ संजय मयूख (बीजेपी राष्ट्रीय मीडिया सह प्रभारी) तथा अन्य मंचासीन अतिथियों वैभव मिश्रा (अधिवक्ता सर्वोच्च न्यायालय), डाॅ स्मिता सिंह, डाॅ विंदिया, विनीता हरिहरन तथा सुमन शर्मा (निगम पार्षद) की गरिमामयी उपस्थित मे आयोजित किया गया। आयोजन के इस अवसर पर दिल्ली मे विभिन्न कार्यो के क्षेत्र में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रही करीब पन्द्रह प्रेरक महिलाओ को ‘त्रिशक्ति सम्मान-2023’ से मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के कर कमलो सम्मानित किया गया।
आयोजित सेमिनार व सम्मान समारोह का श्रीगणेश मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियो के साथ-साथ आयोजक ‘पॉलिटिकल ट्रस्ट पत्रिका’ मुख्य संपादक निम्मी ठाकुर व ‘अमर संदेश’ अखबार मुख्य संपादक अमर चंद के कर कमलो दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
‘पॉलिटिकल ट्रस्ट’ पत्रिका मुख्य संपादक निम्मी ठाकुर तथा आयोजन आयोजक टीम सदस्यों अमरचंद, दीप कुमार, खुशी शर्मा व हीरालाल प्रधान द्वारा खचाखच भरे कन्स्टिट्युशन क्लब, डिप्टी स्पीकर हाल मे मंचासीन मुख्य व विशिष्ट अतिथियों को शाल ओढा तथा पुष्प गुच्छ व स्मृति चिन्ह प्रदान कर स्वागत अभिनंदन किया गया। विराजमान अन्य सभी गणमान्य अतिथियों, पत्रकारों व प्रबुद्धजनो का अभिनंदन, स्वागत कर अवगत कराया गया, विगत कई वर्षो से प्रकाशित उनकी पत्रिका द्वारा आयोजित यह दूसरा सेमिनार है।
आजादी के अमृत महोत्सव पर आयोजित सेमिनार के विषय ‘डिजीटल होता भारत’ पर मुख्य वक्ताओ, पत्रकार क्रमश: संजय सिंह व मुकेश कोशिक, वरिष्ठ अधिवक्ता महालक्ष्मी, समाजसेवी हरीश गोला, डाॅ विद्या, डाॅ संजय मयूख, विनीता हरिहरन, डाॅ स्मिता सिंह, सुमन शर्मा (निगम पार्षद) तथा वैभव मिश्रा द्वारा सम्बंधित विषय के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण पर ज्ञानवर्धक व प्रभावशाली विचार व्यक्त किए गए।
वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, डिजीटल तकनीक का प्रयोग ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओ द्वारा भी किया जाने लगा है। राज्य व केन्द्र सरकार द्वारा ग्रामीण महिलाओ के कार्यो व अन्य किसी भी प्रकार की मदद का भुगतान डिजीटली किया जा रहा है। ग्रामीण स्तर पर जो इस तकनीक से अनभिज्ञ हैं, उन्हे तकनीक सिखाई जा रही है। बैंकिंग कार्य डिजीटल किया जा रहा है। पंचायत स्तर पर बिलों का भुगतान डिजीटल किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियो के पास भी डिजीटल सुविधा है। विभिन्न क्षेत्रों मे प्रभावी आयाम स्थापित कर, हमारा देश डिजिटल क्रांति की ओर अग्रसर हैं। आज घर बैठे डिजिटल माध्यम से काम किए जा रहे हैं।
वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, डिजीटल सेवा ने दर्द को कम जरूर किया है लेकिन इस तकनीक में चुनौतिया भी बहुत हैं, जिन्हे कम करना है। 5जी की सुविधा पूर्ण हो जाने पर नई क्रांति होगी, दूरसंचार के क्षेत्र मे गति दस गुना होगी। भारत डिजीटल तकनीक मे विश्व में नम्बर एक बन सकता है।
डिजीटल भारत की खूबियों के साथ-साथ वक्ताओ द्वारा महिला सशक्तिकरण पर भी विचार व्यक्त किए गए। व्यक्त किया गया, महिला का सम्मान जरूरी है। महिला और पुरुष दोनों एक हैं। एक दूसरे के सहयोग से काम चलता है। पूरे विश्व में ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ अलग-अलग तौर-तरीको से मनाया जाता रहा है। भारत सरकार के महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा, नारी शक्ति पुरुष्कार महिलाओ को सशक्त बनाने के क्षेत्र मे, किए गए असाधारण कार्यो के लिए, व्यक्तियों, समूहों, गैर सरकारी संगठनो या संस्थानों को प्रदान किया जाता रहा है।
वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, यह एक ऐसा दिन बन गया है, जिसमें हर समाज में, राजनीति, अर्थव्यवस्था व अन्य अनेको क्षेत्रों मे महिलाओ की तरक्की का जश्न मनाया जाता है। सर्वविदित है, आधी आबादी के तौर पर, महिलाऐ, हमारे समाज-जीवन का मजबूत आधार रही हैं। महिलाओ के बिना, इस दुनिया की कल्पना करना ही, असंभव है। इस दुनिया को खूबसूरत बनाने मे महिलाओ का सर्वाधिक योगदान रहा है। देश की अनेकों महिलाओं द्वारा, महिला सशक्तिकरण का परिचय, विभिन्न काल खंडो मे, विभिन्न क्षेत्रों में दिया गया है। नारी ने सृष्टि का विकास किया है।
मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद उत्तर प्रदेश श्रीमती कांता कर्दम द्वारा बीज व्यक्तव्य मे कहा गया, 8 मार्च को मनाया जाने वाला ‘अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस’ महिलाओ के अधिकारों के लिए आंदोलन का प्रतीक स्वरूप है। वैश्विक फलक पर, ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ का औपचारिक मान्यता वर्ष 1975 से माना जाता है, जब संयुक्त राष्ट्र ने इस दिवस को मनाना शुरू किया था। इस दिवस को जोश-ओ-खरोश के साथ मनाने की कवायद के पीछे मुख्य उद्देश्य महिलाओं के लिए लैंगिंग समानता के लिए आवाज उठाना तथा महिलाओ को उनके अधिकारों के प्रति, जागरुक करना रहा है। साथ ही विश्व के विभिन्न देशो में महिलाओ के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओ के आर्थिक, राजनैतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष मे उत्सव के तौर पर भी देखा जाता रहा है। संयुक्त राष्ट्र की ओर से 1996 मे, ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ को एक थीम के साथ मनाया गया था।
राज्यसभा सांसद कांता कर्दम द्वारा व्यक्त किया गया, देश की जटिल मेहनतकस व निडर नारी का एक गौरवशाली इतिहास रहा है। कुछ वर्तमान मे भी इतिहास रच रही हैं। सुखद रहा, ‘अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस’ आरंभ होने के बाद समय-समय पर अन्य अनेको अधिकार प्राप्त होते रहे हैं, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, बेटी बढ़ाओ जैसे कदम सरकार द्वारा संकल्प लेकर उठाए गए। तभी आज बेटीयां बच रही हैं। जब बेटी बचेगी ही नही तो संसार कैसे बढेगा? महिलाऐ आज खुद को बचा रही हैं। जन को शिक्षित भी कर रही हैं। सबको सशक्त बना रही हैं। आज बेटे-बेटियों को बराबर माना जा रहा है।
कांता कर्दम द्वारा विशेष तौर पर व्यक्त किया गया, शिक्षित बनिए, नशे को दूर रखिये। अपने बीज वक्तव्य मे उन्होंने ‘पॉलिटिकल ट्रस्ट’ पत्रिका मुख्य संपादक निम्मी ठाकुर तथा आयोजन आयोजक समस्त टीम सदस्यों को बधाई देते हुए व्यक्त किया, महिला दिवस का आयोजन कर नारी शक्ति को सम्मान देना न सिर्फ सार्थक कदम है, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र मे नेक व परोपकारी कार्य भी है। मुख्य अतिथि द्वारा सभी सम्मानित हो रही महिलाओ को बधाई देकर व्यक्त किया गया, देश की जागरूक महिलाएं, आज किसी क्षेत्र से अछूती न रहकर अपना परचम लहरा रहीं हैं। विभिन्न क्षेत्रों व विधाओ मे कार्य करने वाली सभी महिलाऐ आज सम्मान की पात्र हैं।
विभिन्न विधाओ के क्षेत्र मे विगत अनेक वर्षो से दिल्ली मे अमिट छाप छोड़ ‘त्रिशक्ति सम्मान-2023’ से सम्मानित होने वाली प्रेरक महिलाओ मे, आशा गुसाई बिष्ट, पूजा ढोंडियाल शर्मा, सुदेशना घोषाल, बिमला देवी, कुमारी ख्याती, पुतुल झा, शिल्पी, जूही सिंह, अमिता रतूड़ी, वैष्णवी जगदीश, मोनिका शर्मा, शिप्रा शर्मा, कुमकुम झा इत्यादि इत्यादि को खचाखच भरे सभागार में, तालियों की गड़गड़ाहट के मध्य मुख्य व विशिष्ट अतिथियों के कर कमलो सम्मान पत्र प्रदान किया गया।
आयोजित भव्य सम्मान समारोह का प्रभावशाली मंच संचालन राज चावला द्वारा बखूबी व यादगार अंदाज मे किया गया।
—————–