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दिल्ली वजीराबाद स्थित सूर यमुनाघाट में श्री गुरुमाणिकनाथ धाम के तत्वावधान में मकरैणी-उत्तरैणी पर्व की रही धूम

बाहरी दिल्ली, 14 जनवरी 2025: दिल्ली वजीराबाद स्थित सूर यमुनाघाट में श्री गुरुमाणिकनाथ धाम के तत्वावधान में मकरैणी-उत्तरैणी स्नान मेला का आयोजन श्री गुरुमाणिकनाथ सर्वजन कल्याण सेवा संस्था द्वारा मकरैणी-उत्तरैणी महोत्सव का आयोजन सभी क्षेत्रीय सामाजिक संस्थाओं एवं 40 से अधिक कीर्तन मण्डलीयों सहित मिलकर इस पर्व को रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। पहाड़ों के इस लोकपर्व का शुभारंभ मां नंदा देवी की डोली यात्रा से हुआ। मां नंदा देवी की डोली पहाड़ के स्थानीय वाद्य यंत्रों के साथ निकाली गई। कड़ाके की ठंड के बावजूद सूर यमुना घाट पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके लिए संस्था ने विशेष इंतजाम किये थे। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सांस्कृतिक कार्यक्रम और प्रसाद का भंडारा चलता रहा। इसमें दिल्ली व आस पास के स्थानों से बड़ी संख्या में लोगों ने स्नान किया। सुबह से ही घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने शुरू हो गई थी। कड़ाके की ठंड के बावजूद सूर यमुना घाट पर लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसके लिए संस्था ने विशेष इंतजाम किये थे। ‘उत्तरैणी/मकरैणी’ महोत्सव के साथ पहाड़ों का जश्न दिल्ली में उतरा। मकर संक्रांति के मौके पर मूलरूप से उत्तराखंड के निवासियों ने दिल्ली में अपनी मिट्टी को याद किया। सुबह-सुबह लोगों ने घाटों पर जाकर पहाड़ों की नदियों को लोक गीत गाकर याद किया। दिल्ली में रहने वाले उत्तराखंड के लोगों ने पारंपरिक अंदाज में जश्न मनाया।

 

संस्था के संस्थापक एवं महासचिव लखपत सिंह भण्डारीनेगी ने संस्था के कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हमारी संस्था श्री गुरुमाणिक नाथ धाम के तत्वावधान में मकरैणी-उत्तरैणी स्नान मेला का आयोजन पिछले 12 सालो से सूरयमुना घाट दिल्ली में आयोजन कर रहे है। दिल्ली में रहने वाले लोगों तक पहुंचाने के लिए हमने मकरैणि/उत्तरैणी स्नान मेला जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों को जरिया बनाया। धीरे-धीरे दूर दूर से यहां लोग आने लगे। उत्तराखंड को यूं ही देवभूमि नहीं कहां जाता है, बल्कि यहाँ के रग-रग में देवत्व हर समय विद्यामान है। अनेक पर्व त्यौहार इसकी आस्था को बयाँ करते हैं, यहां के मेले अनेकता को एकता के सूत्र में पिरोते है। इन्हीं मेलों में खास है उत्तरायणी मेला। उत्तरायणी उत्तराखंड का सबसे मशहूर मेला है। इस मेले में दूर-दूर से लोग आते हैं। उत्तरायणी पर्व। आज इतना लोकप्रिय बन चुका है कि इसे ना सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ ओर मुंबई के आलावा अनेक शहरों में भी मनाते है। माना जाता है कि जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है तो उसी दिन सूर्य उत्तरायण हो जाता है। इस दिन जप, तप, दान, स्नान, श्राद्ध, तर्पण आदि धार्मिक क्रियाओं का विशेष महत्व है और खिचड़ी भोग बड़ा पुण्यकारी माना जाता है।

 

मुख्य अतिथि श्री मनोज तिवारी, सांसद, भाजपा।

विशेष अतिथि श्री कृष्णपाल सिंह, मण्डल अध्यक्ष, संतनगर, भाजपा, श्री कौस्तुवानन्द बलोदी, पूर्व निगम पार्षद एवं जिला संयोजक उत्तराखंड प्रकोष्ठ; श्री जगदीश प्रसाद मिश्रा; श्री देवेंद्र जोशी, जिला संघचालक; कुमाऊँ सांस्कृतिक कला मंच से श्री गिरीश जोशी; आकाश शर्मा, जिला सह-संयोजक, उत्तराखंड प्रकोष्ठ; श्रीमती संगीता बिष्ट, अध्यक्ष महिला मोर्चा, संत नगर, बुराड़ी; श्री रतन त्यागी; सामाजिक कार्यकर्ता एवं विधान सभा प्रत्याक्षी-नसीपी; श्री सुरेन्दर सिंह रौतेला; श्रीमती प्रेमा रावत; समाज सेवी; श्री हेम जोशी; श्री धर्मपाल कुमाई, संरक्षक, गंगोत्री सामाजिक संस्था।

 

सुप्रसिद्ध लोक गायक पदम गुसाई; दिनेश कैंतुरा; युवा गायक कृपाल उप्रेती; मंच संचालन-बबीता थपालियाल; आक्टोपेड-अरुण तिवारी; आरर्गन-कपिल पाण्डेय; ढोलक-सागर पाण्डेय द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को आनंद विभोर कर दिया।

 

इस दौरान संस्था के मुख्य पदाधिकारियों में संरक्षक नित्यानंद गैरोला; अध्यक्ष उमेद सिंह ग्वादी; संस्था के संस्थापक एवं महासचिव लखपत सिंह भण्डारीनेगी; संयोजक लक्ष्मण सिंह डबोला; जगमोहन सिंह बिष्ट; मनमोहन सिंह नेगी; जयेन्द्र भट्ट; विक्रम सिंह कैंतुरा; हुकम सिंह कंडारी; चन्दन सिंह नेगी; दयाल सिंह महर; शिवराज सिंह नयाल; प्रेम सिंह धनाई; होशियार जी; मिडिया प्रभारी पवन सिंह गुसाई; सांस्कृतिक सचिव भीम सिंह; महाबीर सिंह पवार; यज्ञ दत्त्त कोठारी सहित समिति के कर्मठ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों आदि मौजूद थे।

 

कार्यक्रम के अंत में संस्था के संस्थापक एवं महासचिव लखपत सिंह भण्डारीनेगी एवं अध्यक्ष उमेद सिंह ग्वाड़ी ने सभी अतिथियों का एवं उपस्थित उत्तराखंड समाज के लोगों का इस भव्य आयोजन में शामिल होने और उत्तराखंड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हृदय से आभार व्यक्त करते हुए सभी को उत्तरायणी-मकरैणी की शुकामनायें एवं बधाई दी।पंडाल में प्रसिद्ध कलाकारों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम ने उपस्थित जनसमूह को आनंद विभोर कर दिया। इस मौके पर संस्था से सभी गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।

 

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