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दिल्ली में उत्तरैणी-मकरैणी पर्व हेतु स्थायी घाटों के निर्माण की मांग तेज़

उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के संयोजक दिनेश ध्यानी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर किया आग्रह

Amar sandesh नई दिल्ली। उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली के संयोजक दिनेश ध्यानी ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है कि दिल्ली में उत्तराखण्ड समाज के प्रमुख सांस्कृतिक पर्व उत्तरैणी-मकरैणी के पावन अवसर पर स्थायी घाटों का निर्माण कराया जाए।

श्री ध्यानी ने अपने पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्वयं 7 सितम्बर 2025 को उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली द्वारा संविधान क्लब में आयोजित “शिक्षक सम्मान समारोह” में यह घोषणा की थी कि दिल्ली सरकार, छठ पर्व की तरह उत्तरैणी-मकरैणी के लिए भी स्थायी घाटों का निर्माण कराएगी और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराएगी, ताकि इस पर्व को राष्ट्रीय स्तर पर भव्यता और गरिमा के साथ मनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली में छठ पूजा के लिए और स्थायी घाटों के निर्माण की घोषणा स्वागतयोग्य कदम है, परंतु दिल्ली में निवास कर रहे लगभग 35–40 लाख उत्तराखण्ड मूल के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उत्तरैणी-मकरैणी के लिए भी घाटों का निर्माण अनिवार्य है।

श्री ध्यानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के लोगों का दिल्ली और देश के विकास में योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण और अग्रणी रहा है। ऐसे में दिल्ली सरकार से अपेक्षा है कि वह उत्तराखण्ड समाज की सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए शीघ्र निर्णय लेगी और दिल्ली में उत्तरैणी-मकरैणी पर्व हेतु स्थायी घाटों के निर्माण की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।

ज्ञातव्य है कि उत्तराखण्ड लोक-भाषा साहित्य मंच, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में गढ़वाली, कुमाउनी और जौनसारी भाषाओं के संरक्षण एवं प्रसार के लिए लगातार प्रयासरत है। मंच द्वारा ग्रीष्मकालीन भाषा शिक्षण कक्षाएँ आयोजित की जाती हैं, साथ ही गढ़वाली और कुमाउनी भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने हेतु भी यह संगठन वर्षों से अभियान चला रहा है। सामाजिक व सांस्कृतिक सरोकारों में यह मंच सदैव सक्रिय भूमिका निभाता रहा है।

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