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दलित समाज ही हिंदू धर्म की बुनियाद – विधायक महंत दलीप रावत

कोटद्वार – आज दिनांक 6 अक्टूबर2024 को गढ़वाल के प्रवेशद्वार कोटद्वार में भारतीय दलित साहित्य अकादमी गढ़वाल मंडल एवम् कोटद्वार जिला इकाई के तत्वाधान में नजीबाबाद रोड स्थित महाराजा वैडिंग प्वाइंट में अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष *डॉक्टर एस पी सुमनाक्षर का 84 वाँ जन्मदिवस दलित साहित्य दिवस* के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लैंसीडाउन विधायक महंत दलीप रावत ने अपने संबोधन में कहा की दलित समाज ही सनातन धर्म की बुनियाद है ,अगर सनातन धर्म से दलित वर्ग निकल गया तो सनातन धर्म को बचाया नही जा सकता है, उन्होंने भारी संख्या में दलितों के धर्मांतरण पर चिंता व्यक्त करते हुए आहवान किया की दलित समाज को धर्मांतरण की बजाय अपनी ताकत को समझना होगा, उन्होंने दलित वर्ग के धर्मांतरण के लिए तथाकथित उच्च जातियों को भी जिम्मवार ठहराया जिन्होंने दलितों के सामने ऐसी परिस्थितियां पैदा की जिसकी वजह से सनातन धर्म की बुनियाद दलित वर्ग ने धर्मांतरण का रास्ता अपनाया।

उन्होंने दलित समाज को उस शक्तिशाली हाथी के समान बताया जिसे अपनी शक्ति का अहसास न होने के कारण वो एक कमजोर रस्सी पर बंधा रहता है, उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जन्हां लोग होते हैं वन्हीं पूरा तंत्र होता है, दलित वर्ग जिस दिन अपनी शक्ति को पहचान जायेगा उस दिन सारा तंत्र दलित वर्ग के पीछे होगा।

विधायक दलीप रावत ने कहा की बाबा साहब डॉ भीमराव अम्बेडकर जी को संविधान शिरोमणि के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए, उन्होंने कहा की बाबा साहब ने समानता पर आधारित एक ऐसा महान संविधान हमारे देश को दिया जिसकी बदौलत आज देश के किसी भी शीर्ष पद पर कोई भी व्यक्ति पहुंच सकता है जिसका उदाहरण उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और वर्तमान राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपति मुर्मू जी का दिया।

अकादमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर एस पी सुमनाक्षर ने अपने 84 वें जन्मदिवस के आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए बाबा साहब के जीवन संघर्षों को याद किया, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वर्तमान में देश में जातिय जनगणना का होना परम आवश्यक है ताकि देश के दलितों, पिछड़ों की वास्तविक संख्या सामने आ सके, तभी इन वर्गों के विकास का मार्ग प्रशस्त हो पाएगा।

इस अवसर पर अकादमी द्वारा डीआईजी जगत राम अमोला, सचिदानंद भारती,डॉक्टर मनोरमा ढौंडियाल, संजय फौजी, प्रमोद चौधरी, प्रवेश चंद नवानी,गीता सिंह, राकेश कुमार अग्रवाल को महापुरुषों के नाम दिए जाने वाले विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर मनोज कुमार महानिदेशक लक्षमनराव इनामदार राष्ट्रीय सहकारिता अनुसंधान एवम् विकास अकादमी दिल्ली, जय सुमनाक्षर राष्ट्रीय महासचिव भारतीय दलित साहित्य अकादमी, मदन कुमार शिल्पकार प्रदेश अध्यक्ष एससी एसटी एम्पलाइज एसोसिएशन उत्तराखंड,डॉक्टर नंदकिशोर ढौंडियाल ‘अरुण’ सेवानिवृत सीडीओ दलीप सिंह आर्य शामिल हुए ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से समाजसेवी सत्यप्रकाश थपलियाल, शैलशिल्पी विकास संगठन के प्रदेश अध्यक्ष विकास कुमार आर्य, प्रधानाचार्य मदन कुमार शिल्पकार, एससी एसटी शिक्षक एसोसिएशन के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल, सरोजनी देवी लोक अधिकार समिति के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, एससी एसटी शिक्षक एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष जगदीश राठी, वरिष्ठ नागरिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन प्रेमलाल खंतवाल ,मयंक प्रकाश कोठारी,सूरवीर खेतवाल, आशुतोष टम्टा, पूर्व प्रधान अनिल कुमार, जोनी मसी, राजेंद्र प्रसाद पंत, संजीव कुमार संकल्प, सचिदानंद आर्य, कुमारी विमला आर्य, पूर्व प्रधान सुनीता देवी, आशीष कुमार, प्रीति सिंह, आदि सैकड़ों लोग मौजूद हुए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय दलित साहित्य अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर जयपाल सिंह, एवम् संचालन अकादमी के मंडल अध्यक्ष सर्वोदय पुरुष डॉक्टर सुरेंद्र लाल आर्य एवम् प्रमोद चौधरी ने संयुक्त रूप से किया।

(*कोटद्वार से विकास कुमार आर्य की रिपोर्ट*)

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