केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के सदस्य बने– हरीश दुदानी
केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा श्री हरीश दुदानी को 06.08.2024 को केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) के सदस्य के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) की स्थापना भारत सरकार द्वारा विद्युत विनियामक आयोग अधिनियम, 1998 के प्रावधानों के तहत की गई थी। ये एक केंद्रीय आयोग है जिसे सीईआरसी विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रयोजनों के लिए बनाया गया। इस अधिनियम ने ईआरसी अधिनियम, 1998 को निरस्त किया। आयोग में एक अध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होते हैं। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष आयोग के पदेन सदस्य होते हैं।
विद्युत अधिनियम, 2003 के तहत अन्य बातों के साथ-साथ सीईआरसी के प्रमुख काम केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली या उसके नियंत्रण वाली उत्पादन कंपनियों, एक से अधिक राज्यों में बिजली का उत्पादन और बिक्री करने वाली अन्य उत्पादन कंपनियों के टैरिफ को विनियमित करना है। सीईआरसी बिजली के अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन के लिए भी टैरिफ निर्धारित करता है। सीईआरसी को अंतर-राज्यीय ट्रांसमिशन और व्यापार के लिए लाइसेंस जारी करने का अधिकार है। सीईआरसी के अन्य कार्यों में बिजली उद्योग की गतिविधियों में प्रतिस्पर्धा, दक्षता और मितव्ययिता को बढ़ावा देने और बिजली उद्योग में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विवादों का निपटारा करना भी शामिल है।
श्री हरीश दुदानी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में पारिवारिक न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश के पद पर काम किया है। इससे पहले वे दिल्ली उच्च न्यायालय में जिला न्यायाधीश (वाणिज्यिक न्यायालय), अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, विशेष न्यायाधीश (पीसी अधिनियम) सीबीआई का प्रभार संभाल चुके हैं