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उत्तराखंड रत्न कर्मबीर जयानन्द भारतीय की 143 वीं जयंती कोटद्वार में धूमधाम से मनाई गई

कोटद्वार। शैलशिल्पी विकास संगठन कोटद्वार द्वारा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, महान समाज सुधारक, उत्तराखंड के दयानन्द सरस्वती, उत्तराखंड रत्न कर्मबीर जयानन्द भारतीय की 143 वीं जयंती कर्मबीर जयानन्द भारतीय पुस्तकालय सिमलचौड कोटद्वार में धूमधाम से मनाई गई , वक्ताओं ने कहा कि 06 सितम्बर 1932 को पौड़ी मे अंग्रेज गवर्नर मैलकम हेली के सम्मान में अमन सभा (स्वतंत्रता विरोधी गुट) द्वारा आयोजित दरबार में गुपचुप तरीके से पहूँचकर कर्मबीर जयानन्द भारतीय द्वारा तिरंगा लहराकर व भारत माता की जय के नारे लगाकर सभा को असफल कर दिया । वंचित वर्गों के दूल्हा दुल्हन को डोला पालकी में जाने की मनाही थी , डोला पालकी आंदोलन चलाकर भारतीय जी ने समता के द्वार खोले ।
सभा मे सरकारों द्वारा महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी छः बार जेल जाने वाले उत्तराखंड रत्न कर्मबीर जयानन्द भारतीय जी की उपेक्षा पर चिंता ब्यक्त की गई तथा सरकार से मांग की गई कि स्कूलों में माध्यमिक स्तर तक पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी को शामिल किया जाय व उनकी जयंती व महापरिनिर्वाण दिवस पर विशेष कार्यक्रम किये जायें व विभिन्न स्कीमें उनके नाम पर चलाई जाए ।
संगठन के संरक्षक सुरेन्द्र लाल आर्य ‘सर्वोदई पुरूष’ की अध्यक्षता में हुई सभा का संचालन श्री धीरजधर बछवान डीएफओ (सेनि) ने किया ।
सभा को भरत लाल, जयदेव सिंह, शिवकुमार व श्रीमती विनिता भारती ने संबोधित किया । बैठक में श्री अनिल कुमार, प्रभुदयाल, शिव चरण बछवान सतेन्द्र खेतवाल, विनोद कुमार आदि मौजूद रहे

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