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उत्तराखंड की विभूति विश्व विख्यात निशानेबाज जसपाल राणा और ललित मोहन नेगी हुए सम्मानित 

सी एम पपनैं

 

नई दिल्ली। उत्तराखंड लोक कला मंच द्वारा 22 सितंबर को लोधी रोड स्थित आंध्रा एसोसिएशन सभागार में देश दुनिया के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले तथा विगत माह जुलाई-अगस्त में आयोजित हुए ओलम्पिक खेलों में देश को निशानेबाजी में तीन पदक दिलवाने वाले प्रशिक्षक सु-विख्यात निशानेबाज जसपाल राणा, अपनी 35 साल की सर्विस के दौरान 30 से भी ज्यादा एनकाउंटर करने और 47 खूंखार आतंकवादियों को ढेर करने वाले व पांच बार राष्ट्रपति के कर कमलों नवाजे जा चुके दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के सेवा निवृत एसीपी ललित मोहन नेगी, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन सलाहकार राजेंद्र सिंह, सीआरपीएफ डीआईजी मनोज ध्यानी के साथ-साथ उत्तराखंड के अनेकों प्रमुख संस्थानों, समाजों, संगठनों से जुड़े प्रबुद्घ जनों तथा पत्रकारों को खचाखच भरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट के मध्य आयोजित सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया।

उत्तराखंड की लोककलाओं व लोकसंस्कृति के संरक्षण व संवर्धन हेतु समर्पित दिल्ली प्रवास में वर्ष 1994 में गठित उत्तराखंड लोक कला मंच द्वारा आयोजित सम्मान समारोह का श्रीगणेश उत्तराखंड के प्रबुद्ध जनों में प्रमुख गंभीर सिंह नेगी, जवाहर सिंह नेगी, यू एस नेगी, सुनील नेगी, चारु तिवारी, चंद्र मोहन पपनै, सुशीला रावत तथा आयोजक संस्था अध्यक्ष बृज मोहन उप्रेती (बिट्टू उप्रेती), महासचिव प्रो.पवन मैठाणी, खुशाल सिंह बिष्ट इत्यादि इत्यादि द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर तथा पर्वतीय कला संगम के कलाकारों द्वारा भगवत मनराल के निर्देशन में-

दैडां होया खोली का गणेशा…।

बंदना नृत्य रूप में मंचित कर किया गया।

आयोजित सम्मान समारोह में प्रमुख रूप से सम्मानित होने वाले अन्य प्रबुद्घ जनों में डॉ. शरद पांडे (आरएमएल हॉस्पिटल), डॉ.लखेड़ा, डॉ. बीरबल सिंह पंवार, राजेंद्र सिंह बिष्ट, प्रेम सिंह नेगी व पदमिंदर रावत (एसीपी दिल्ली पुलिस) इत्यादि इत्यादि मुख्य रहे।

 

आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य रूप से नवाजे गए ललित मोहन नेगी तथा जसपाल राणा की जीवन गाथा, मिली उपलब्धियों व मिले सम्मानों पर निर्मित प्रभावशाली डाक्यूमेंट्री रूपहले पर्दे पर प्रर्दशित कर उत्तराखंड लोक मंच द्वारा सम्मान समारोह की गरिमा और गौरव को बढ़ाने का प्रभावशाली कार्य किया गया। उक्त अयोजन से सभागार में उपस्थित प्रबुद्घ जनों को सम्मानित हुई विभूतियों के द्वारा देश का सम्मान बढ़ाने के लिए किए गए प्रेरणादाई कारनामों के बावत जानने का यादगार अवसर मिला।

 

सम्मान समारोह में सम्मानित हुए एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ललित मोहन नेगी द्वारा इस अवसर पर कहा गया, अपने उत्तराखंडियों के बीच और उत्तराखंड की संस्थाओं द्वारा जब सम्मानित किया जाता है, अपार खुशी मिलती है, आनंद की अनुभूति होती है। कहा गया, वर्ष 1998 दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल से उन्हें जुड़ने का अवसर मिला। विदेशी खुफिया एजेंसियों के साथ-साथ आईबी, रॉ, इत्यादि इत्यादि के साथ विशेष अवसरों पर जटिल कार्य करने का अवसर मिला, सफलता प्राप्त हुईं। कहा गया, नब्बे के दौर में आतंकवाद बहुत था। दिल्ली एनसीआर में आईबी और रॉ के साथ सामुहिक रूप से अच्छी टीम से जुड़ कर आतंकवाद पर लगाम लगाई। फलस्वरूप गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा अनेकों बार बड़े सम्मानों से मुझे नवाजा गया ।

 

ललित मोहन नेगी द्वारा कहा गया, पीछे मुड़ कर देखता हूं तो, समाज व देश के लिए निरंतर कार्य किया व्यस्त रह कर। बावजूद निरंतर व्यस्तता के, अपने गांव से जुड़ा, समाज से जुड़ा, अपने अंचल के सात-आठ स्कूलों को अपना कर उनके लिए कार्य किया। उन्हें कंप्यूटर दिए, फर्नीचर दिया अन्य जरूरत की सामग्री प्रदान की। कहा गया, समाज की मूलधारा से जुड़ने के लिए बृज मोहन उप्रेती (बिट्टू भाई) द्वारा प्रेरित किया गया था।

 

वैश्विक फलक पर ख्याति प्राप्त निशाने बाज, प्रशिक्षक व द्रौणाचार्य सर्वोच्च खेल सम्मान प्राप्त जसपाल राणा द्वारा मातृशक्ति को नमन करते हुए कहा गया, मातृशक्ति के आशीर्वाद बिना कुछ भी संभव नहीं है। आजतक कितने अवार्ड मिले हैं, उन्हें खुद को कुछ पता नहीं है। कहा गया, वे अपने उत्तराखंड अंचल के गांव से ज्यादा लगाव रखते हैं, गांव समय-समय पर जाते रहते हैं। देश के बच्चों को निशानेबाजी में निपुण बनाया, जिसका नतीजा रहा, इस बार के ओलम्पिक निशाने बाजी में देश को तीन पदक प्राप्त हुए। यह सब देवभूमि की ऊर्जा थी। कहा गया, दुनिया के बच्चों को मुकाम तक पहुंचाया, अब कामना है, अपने अंचल के बच्चों को भी शीर्ष मुकाम तक पहुंचाऊ।

 

उत्तराखंड लोक कला मंच अध्यक्ष बृज मोहन उप्रेती द्वारा कहा गया, ललित मोहन नेगी और जसपाल राणा दोनों आत्मीयता पूर्वक जमीन से जुड़े हुए रहे हैं। सम्मान समारोह के इस अवसर पर उत्तराखंडी बोली-भाषा में निर्मित आंचलिक फिल्म ‘संस्कार’ का प्रोमो प्रदर्शित किया गया। निर्मित आंचलिक फिल्म के निर्माता प्रेम सिंह व राजेन्द्र बिष्ट तथा निर्देशक ब्रिज रावत व राजू नेगी हैं।

आयोजक संस्था महासचिव प्रो.पवन मैठाणी द्वारा सभी सम्मानित हुईं विभूतियों, अतिथियों, पत्रकारों व सभागार में उपस्थित दिल्ली एनसीआर की प्रवासी संस्था सदस्यों का सम्मान समारोह में उपस्थित होने पर आभार व्यक्त कर सम्मान समारोह समापन की घोषणा की गई। आयोजित भव्य सम्मान समारोह का मंच संचालन बृज मोहन वेदवाल द्वारा बखूबी प्रभावशाली अंदाज में किया गया।

 

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