इस मुसीबत के समय काग्रेस का हर कार्यकर्ता सरकार के सहयोग के लिए तैयार है-माकन
आज विश्व के साथ हमारा देश भी कोरोना विषाणु वायरस से कडा मुकाबल कर रहा है,पुरा देश लाँकडाउन है जिससे आम आदमी महानगरों से अपने गाँव की ओर जाने की जल्दी मे दिख रहा है,वही पत्रकारों को संबोधित करते हुए आज अखिल भारतीय काग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने कहा सबसे पहले मैं पलायन कर रहे हमारे माईग्रेंट मजदूरों के बारे में अपनी बात रखूंगा, उसके बाद आपने जो अपने प्रश्न एआईसीसी
कम्यूनिकेशन विभाग से लिखकर पूछे हैं, उनका मैं उत्तर दूंगा। लगभग 10 प्रश्न अलगअलग जगह से आए हैं और उन 10 के 10 प्रश्नों का
मैं उत्तर देने की कोशिश करुंगा।
कल से हम टेलीविजन पर देख रहे हैं कि हजारों, लाखों प्रवासी मजदूर अपने-अपने परिवारों के साथ जिसमें छोटेछोटे बच्चे और महिलाएँ भी हैं,
निकल पड़े हैं सड़कों पर, सैकड़ों किलोमीटर दूर अपने-अपने गांव जाने के लिएइतनी बड़ी संख्या में ह रहा यह पालयन एक और बड़ी मानव त्रासदी है। गर्म होते मौसम, सरकारी अकर्मण्यता, उदासीनता, पुलिस की बर्बरता, पूरे देश में तालाबंदी के कारण उत्पन्न हुई खाद्य सामग्री तथा दवाइयों की किल्लत ने शायद कोरोना से भी बडी मानव त्रासदी में इन प्रवासी मजदूरों को धकेल दिया है।
अब प्रश्न यह उठता है कि हज़ारों-लाखों लोग शहर छोड़ सैंकड़ों किलोमीटर दूर पैदल-पैदल अपने गांव पलायन करने को मजबूर क्यों हो रहे हैं ?
सबसे पहला कारण है कि इनके लिए नौकरी अथवा रोजगार के अवसर शहरों में खत्म हो गए हैं, ये लाजमी बात है।
दूसरा रहने की जगह अब उपलब्ध नहीं रह गई है, क्योंकि या तो मकान मालिक किराया मांग रहा है या जिन कंपनियों में वो काम करते थे या रहते थे, उन कंपनियों ने उन्हें ना केवल नौकरी से निकाला है, बल्कि उनके रहने की जगह भी उनसे ले ली है।
तीसरा – इनके पास जो पैसे थे, वो खत्म हो गए हैं और खाने का राशन भी नहीं बचा है। सरकारी दावों के बावजूद खाने की पर्याप्त व्यवस्था ही नहीं है।
चौथा सबसे बड़ा महत्वपूर्ण कारण है इन प्रवासी मजदूरों का सरकारों पर से भरोसा और उम्मीद दोनों के दोनों उठ गए हैं। प्रवासी मजदूरों पर इस मानव त्रासदी के लिए केवल और केवल बिना किसी तैयारी के लागू की गई तालाबंदी अथवा लॉकडाउन पूरे तरीके से जिम्मेवार है। केवल 4 घंटों के नोटिस पर लागू कर इस तालाबंदी से गरीब लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। साउथ अफ्रीका ने भी 21 दिन की तालाबंदी लागू की, लेकिन उन्होंने भी 3 दिन का नोटिस पहले दिया, तो फिर हमने पहले तैयारी क्यों नहीं की?
श्री राहुल गांधी ने भी बार-बार कहा कि गरीब जरुरतमंद लोगों के बैंक खातों में सीधे 7,500 रुपए सरकार को डाल देने चाहिएँ। आज भी श्री राहुल गांधी जी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से आह्वान किया है कि पलायन कर रहे प्रवासियों को कांग्रेस कार्यकर्ता और साधारण लोग भी रास्ते में जहाँ भी हो सके उन्हें पूरी मदद प्रदान करें।विदेशों से लोगों को लाने के लिए सरकार जब हवाई जहाज भेज सकती है तो इन गरीब बेसहारा मजदूरों के लिए इंतजाम क्यों नहीं हो सकता है? कल कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी जी ने भी अपने पत्र में प्रधानमंत्री जी से इसी के लिए आग्रह किया था।
इसलिए हमारी 3 मुख्य मांगे हैं-
सबसे पहले सरकार तुरंत इन प्रवासी मजदूरों के खाते में 7,500 रुपए प्रति माह के हिसाब से जमा कराए इसी से ज्यादातर मजदूर पलायन करने से शायद रुक जाएंगे।
दूसरा, राज्य सरकारें पर्याप्त मात्रा में राशन, चिकित्सा एवं खाना इन गरीबों के लिए उपलब्ध कराएं।
तीसरा, सभी गरीब प्रवासी जो सड़कों पर बसर कर रहे हैं या दूसरे प्रदेशों में अपने घर से दूर अटक गए हैं, उन्हें कैसे सुरक्षा पूर्वक बगैर किसी
महामारी के प्रकोप से सोशल डिस्टेसिंग को ढंग से इम्प्लीमेंट करके इनको कैसे वापस लाया जा सके, अगर संभव हो सके तो इसका भी इंतजाम भारत सरकार को तुरंत करना चाहिए। एनडीएमए के तहत सभी बार्डर सील हैं, केन्द्र सरकार को इस संबंध में कोई रास्ता निकालना ही चाहिए।
हम लोग इस मामले में किसी भी प्रकार की राजनीति नहीं करना चाहते हैं, बल्कि कांग्रेस पार्टी पहले दिन से कह रही है कि इस कोरोना वायरस के साथ मानव जाति के युद्ध में देश के अंदर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार जो भी कदम उठाए हैं, तो पूरी की पूरी ताकत के साथ कांग्रेस पार्टी और उसके कार्यकर्ता सरकार के किसी भी कार्य में, हम उनके साथ खड़े हैं। लेकिन एक सशक्त और जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते ये हमारी भूमिका बन जाती है, ये हमारा कर्तव्य बन जाता है कि जहाँ पर भी हमें कहीं कोई
कमी नजर आए तो हम सरकार को बताएं। फिर भी इसके साथसाथ प्रशासन में कांग्रेस पार्टी का एक बहुत ही विशाल अनुभव रहा है
और इस सब अनुभव के सहारे हम लोग मिलकर कोई भी सुझाव हम सरकार को देते हैं तो वो राष्ट्र हित में हैं और हम ये उम्मीद करते हैं कि सरकार इनको जरुर मानेगी।